धर्मशास्त्र
हर अमावस्या है, बेहद खास : पंडित सुरेश पांडेय से जानें महत्व और उपाय
paliwalwani
Kaalchakra 20 July 2025:
साल में कुल 12 बार यानी हर महीने एक बार अमावस्या का व्रत रखा जाता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या का पर्व मनाया जाता है। इस दिन चंद्रमा यानी चंद्र ग्रह पृथ्वी और सूर्य के बीच होता है, जिस कारण वो दिखाई नहीं देता है।
शास्त्रों में सभी 12 अमावस्या के महत्व और उपायों के बारे में बताया गया है। माना जाता है कि अमावस्या तिथि के दिन व्रत और पूजा-पाठ करने से भक्तों को देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा अमावस्या तिथि पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध भी किया जाता है।
आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको सभी 12 अमावस्या के महत्व और उस दिन करने वाले उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं।
चैत्र अमावस्या
चैत्र अमावस्या में पितरों का तर्पण किया जाता है। इसी के साथ शिवलिंग पर जल, दूध और तिल चढ़ाना शुभ होता है। जबकि कुछ लोग पीपल के पेड़ की भी पूजा करते हैं।
वैशाख अमावस्या
वैशाख माह में आने वाली अमावस्या को पाप नाशक अमावस्या माना जाता है, जिस दिन तिल, घी और गुड़ का दान करना शुभ होता है।
ज्येष्ठ अमावस्या
ज्येष्ठ अमावस्या को पारिवारिक सुख, शांति और समृद्धि के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन पितरों का तर्पण करने के साथ-साथ बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। इसके अलावा इस अमावस्या पर शनिदेव की पूजा करने से भी लाभ मिलता है।
आषाढ़ अमावस्या
आषाढ़ अमावस्या को प्रकृति की पूजा के लिए खास माना जाता है। इस दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। इसके अलावा पेड़-पौधे लगाना और दान-पुण्य कार्य करना शुभ होता है।
श्रावण अमावस्या
श्रावण यानी सावन अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा की जाती है। साथ ही शिवलिंग पर जल, दूध और तिल चढ़ाना शुभ होता है।
भाद्रपद अमावस्या
भाद्रपद अमावस्या के दिन पितरों के नाम पर दान और श्राद्ध करना शुभ होता है।
आश्विन अमावस्या
आश्विन अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या और महालय अमावस्या के नाम से जाना जाता है, जिस दिन पितृ तर्पण, श्राद्ध और दान करना शुभ होता है।
कार्तिक अमावस्या
कार्तिक अमावस्या पर धन के देवता कुबेर और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
मार्गशीर्ष अमावस्या
मार्गशीर्ष अमावस्या पर दत्तात्रेय भगवान की पूजा की जाती है। साथ ही पितरों के नाम पर तर्पण किया जाता है।
पौष अमावस्या
पौष अमावस्या पर मौन व्रत रखा जाता है। साथ ही ध्यान और मंत्र जाप किए जाते हैं। इससे व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और उसकी आर्थिक उन्नति होती है।
मौनी अमावस्या
माघ अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है, जिस दिन मौन व्रत रखा जाता है और स्नान-दान करना शुभ होता है। माना जाता है कि इस दिन किए गए उपायों से व्यक्ति को हजारों यज्ञ के समान फल मिलता है।
फाल्गुन अमावस्या
फाल्गुन अमावस्या पर देवों के देव महादेव की पूजा की जाती है। साथ ही तंत्र साधना करना शुभ होता है।
डिस्क्लेमर : यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। इसकी पुष्टि Paliwalwani.comनहीं करता है।