रतलाम/जावरा

पत्रकार के पुत्र और पुत्री यदि पत्रकार नहीं बनेंगे तो लोकतंत्र कैसे सुरक्षित होगा : बृजेश जोशी

जगदीश राठौर
पत्रकार के पुत्र और पुत्री यदि पत्रकार नहीं बनेंगे तो लोकतंत्र कैसे सुरक्षित होगा : बृजेश जोशी
पत्रकार के पुत्र और पुत्री यदि पत्रकार नहीं बनेंगे तो लोकतंत्र कैसे सुरक्षित होगा : बृजेश जोशी

साहित्य से ही पत्रकारिता का प्रादुर्भाव हुआ...

एमपी ब्यूरो चीफ जगदीश राठौर 9425490641

जावरा. मालवा विचार मंथन कार्यक्रम के द्वितीय दिवस पर मालवा की पत्रकारिता का इतिहास विषय पर व्याख्यान देते हुए मंदसौर जिला प्रेस क्लब अध्यक्ष बृजेश जोशी ने कहां की पत्रकारिता साहित्य परिवार की विधा का ही एक अंग है. साहित्य से ही पत्रकारिता का प्रादुर्भाव हुआ है. यदि पत्रकार के पुत्र और पुत्री पत्रकार नहीं बनेंगे तो लोकतंत्र कैसे सुरक्षित रहेगा. कार्यक्रम की अध्यक्षता समग्र मालवा मंदसौर के सचिव श्री विजय अग्निहोत्री ने की.

श्री जोशी ने कहा कि पत्रकारिता के चार रूप हैं, जिनमें प्रथम देव ऋषि नारद की पत्रकारिता है, जो लोक कल्याण एवं सृष्टि से धर्म का पालन करवाना एवं जनहित एवं राष्ट्र का कल्याण करना. दूसरी पत्रकारिता महाभारत के संजय की है, जो जैसा दिखता है वैसा बताना. तीसरी पत्रकारिता शूर्पणखा वाली पत्रकारिता है, जिसमें समाचारों एवं घटनाओं को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करने वाली होती है और चोथी पत्रकारिता मंथरा वाली है, जो कपल कल्पित एवं झूठ पर आधारित होती है. 

श्री जोशी ने लगातार 60 मिनट के धारा प्रवाह व्याख्यान में कहा कि पत्रकारिता के वर्तमान में दो स्वरूप है. एक आजादी के पहले की पत्रकारिता और दूसरी आजादी के बाद की पत्रकारिता ने आजादी के आंदोलन को ध्रुव करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जिसके सशक्त हस्ताक्षर पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी रहे हैं.

मालवा के पत्रकारिता की इतिहास की चर्चा करते हुए आपने कई पत्रकारों राहुल बारपुते, मायाराम सुरजन, लाभचंद छजलानी, राजेंद्र माथुर, दिनेश अवस्थी, कमल दीक्षित, रमेश अग्रवाल, रामगोपाल महेश्वरी, प्रभाष जोशी, प्रकाश उपाध्याय रतलाम के नाम का उल्लेख किया.

हिंदी पत्रकारिता को भी मालवा ने विशेष बल दिया है. मंदसौर की चर्चा करते हुए आपने कहा कि 1936 में ही राजमल लोढा ने दैनिक ध्वज का प्रकाशन प्रारंभ किया. जो आज भी विश्वसनीयता के धरातल पर खड़ा हुआ है. इसी प्रकार नीमच में भी अनेक समाचार पत्रों का प्रकाशन हो रहा है.

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन के साथ हुआ. संस्था प्रमुख अभय कोठारी, कार्यक्रम संयोजक जगदीश उपमन्यु, कार्यक्रम समन्वयक रमेश मनोहरा, महामंत्री महेश शर्मा, जगदीश धनोतिया,  मोहम्मद रफीक (मुन्नाभाई ) ने श्री जोशी का पुष्प माला से स्वागत किया.

स्वागत भाषण संस्था प्रमुख काव्य अभय कोठारी ने देते हुए कहा कि पत्रकारों को समाज में उचित सम्मान का अभाव रहता है. आपने कहा कि समग्र मालवा मालवा के पत्रकारों का एक इस स्मारिका का प्रकाशन करने की योजना बना रहा है. जिसमें नए और पुराने सभी पत्रकारों का उल्लेख हो. अतिथि परिचय वरिष्ठ पत्रकार व जिला प्रेस क्लब जावरा अध्यक्ष जगदीश राठौर ने दिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सेवानिवृत शिक्षक विजय अग्निहोत्री मंदसौर ने मालवा विचार मंथन कार्यक्रम की प्रशंसा की.

कार्यक्रम में जिला प्रेस क्लब जावरा की ओर से बृजेश जोशी का स्वागत शाल, श्रीफल एवं पुष्प माला पहनाकर अध्यक्ष जगदीश राठौर, उपाध्यक्ष डॉ. जाकिर कुरैशी व एजाज शेख, संगठन सचिव वाजिद पठान, कोषाध्यक्ष विजय राठौर, रमेश धाकड़, मोहम्मद शरीफ कुरैशी व वरिष्ठ पत्रकार अशोक सेठिया व उमेश शर्मा ने किया. अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संस्थापक अध्यक्ष बाबूलाल नाहर व अभय श्रीवास्तव आदि ने भी शाल श्रीफल से श्री जोशी का सम्मान किया. 

कार्यक्रम का संचालन समग्र मालवा के संयोजक मनोहर सिंह चौहान मधुकर ने किया. आभार प्रदर्शन समिति संयोजक  जगदीश उपमन्यु ने माना. इस अवसर पर बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक, पत्रकार उपस्थित थे. आगामी 10 जून 2024 को पर्यावरणविद् श्री कुशाल सिंह पुरोहित का व्याख्यान होगा.

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