रतलाम/जावरा
अभियोक्त्री के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं अर्थदंड
Jagdish Rathoreरतलाम : (जगदीश राठौर...) न्यायालय विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट जावरा जिला रतलाम मोहित कुमार द्वारा निर्णय के अनुसार अभियुक्त गोपाल पिता कचरू लाल माली उम्र 24 वर्ष निवासी भावगढ जिला मंदसौर (म.प्र.) को धारा 376(2)एन भादवि में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2000रू अर्थदंड से दंडित किया गया। प्रकरण में पैरवीकर्ता विजय पारस विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो एक्ट जावरा जिला रतलाम ने बताया कि 14 जुलाई 2018 को थाना रिंगनोद पर उपस्थित होकर साढे 15 वर्षीय अवयस्क अभियोक्त्री के पिता ने सूचना दी कि 11 जून 2018 को वह परिवार सहित खाना खाकर सो गये थे सुबह करीब 6 बजे उठकर देखा तो उसकी अवयस्क पुत्री घर पर नही दिखी आस पास व रिश्तेदारो में तलाश करने पर उसका पता नही चला, और आरोपी गोपाल भी उसके घर व गांव में नही मिला। उसे शंका है कि आरोपी गोपाल ही उसे बहलाफुसला कर भगा कर ले गया है। उक्त सूचना पर अपराध क्र. 156/2018 का अपहरण का अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया।
17 जुलाई 2018 को मुख्बीर सूचना पर से पुलिस ने अभियोक्त्री के माता पिता को साथ लेकर ग्राम कचनारा रेल्वे फाटक के बाहर से आरोपी गोपाल के कब्जे से अभियोक्त्री को बरामद कर आरोपी सहित उसे थाना रिंगनोद लेकर आये जहां अभियोक्त्री से पूछताछ करने पर उसने बताया कि पूर्व परिचित गोपाल ने गत 11. जून 2018 को दिन मे उसे बोला कि आज रात को 3 बजे तुम घर के पीछे कच्चे रास्ते पर मिलना। वहां से तुझे साथ ले जाउंगा। उसकी बातो में आकर अभियोक्त्री रात के तीन बजे कच्चे रास्ते पर गई वहां उसे गोपाल मिला वह उसे पैदल-पैदल हाईवे रोड पर ले गया वहां से बस में बिठा कर मंदसौर ले गया। मंदसौर से वह उसे प्रतापगढ ले गया जहां पर उसे बंद कमरे में एक महीने रखा और उसकी मर्जी के खिलाफ उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। फिर गोपाल ने उसे बोला कि एक ही जगह रहने से पुलिस पकड लेगी अब ट्रेन से कहीं ओर चलते है। वह उसे लेकर कचनारा आया जहां पुलिस ने उन्हें पकड लिया।
अभियोक्त्री द्वारा बतायी गई उक्त घटना पर से दुष्कर्म की धाराओं का इजाफा कर आरोपी गोपाल माली को तत्काल गिरफ्तार कर पीडिता एवं आरोपी का मेडिकल कराया जाकर आवश्यक साक्ष्य संकलित कर अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र आरोपी के विरूद्ध धारा 366, 376(2)(एन), 376(2)(आई) भादवि, 5एल/6 पॉक्सो एक्ट में विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण उपरांत विशेष न्या्यालय द्वारा अपने निर्णय से आरोपी को धारा 376(2)(एन) भादवि में दोषसिद्ध किया एवं धारा 363, 366, 376(3) भादवि एंव 5एल/6 पॉक्सो एक्ट में आरोप प्रमाणित न होने से दोषमुक्त किया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से सफल पैरवी विजय पारस, विशेष लोक अभियोजक जावरा, जिला रतलाम ने की।