राजसमन्द
पालीवाल समाज के सुप्रसिद्व समाजसेवी एवं पद्मश्री पर्यावरणविद श्री श्यामसुंदर पालीवाल पिपलांत्री में पर्यावरण और जल संरक्षण के कार्य अनुकरणीय : राज्यपाल श्री माथुर
sunil paliwal-Anil Bagora
Sunil Paliwal-Anil Bagora
राजसमंद. सिक्किम के महामहिम राज्यपाल श्री ओमप्रकाश माथुर एक दिवसीय दौरा राजसमंद ग्राम. पिपलांत्री, राजस्थान पहुंचे. उन्होंने पद्मश्री, पालीवाल समाज के सुप्रसिद्व समाजसेवी एवं पर्यावरणविद श्री श्यामसुंदर पालीवाल के नेतृत्व में ग्राम पंचायत में कराए गए, पर्यावरण एवं जल संरक्षण के अभिनव कार्यों का अवलोकन कर पौधारोपण किया.
इस दौरान राजसमंद विधायक श्रीमती दीप्ति माहेश्वरी, जिला कलेक्टर श्री अरुण कुमार हसीजा, एसपी श्रीमती ममता गुप्ता, उपवन संरक्षक श्रीमती कस्तूरी प्रशांत सुले, मावली के पूर्व विधायक श्री धर्मनारायण जोशी, राजसमंद के पूर्व विधायक श्री बंशीलाल खटीक, प्रधान श्री अरविन्द सिंह राठौड़, समाजसेवी श्री मान सिंह बारहठ सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, अधिकारी, ग्राम पंचायत के निवासी आदि मौजूद रहे.
इस दौरान पद्मश्री श्री श्यामसुंदर पालीवाल, प्रशासक अनीता पालीवाल एवं ग्रामीण उन्हें यहाँ पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में हुए कार्यों की जानकारी प्रदान की. राज्यपाल श्री ओम प्रकाश माथुर ने कहा कि लगभग 20-22 वर्ष बाद इस गांव में आना हुआ है, तब और आज में व्यापक परिवर्तन दिखाई दे रहा है, वे पद्मश्री श्री श्यामसुंदर पालीवाल को इन प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हैं.
उन्होंने सिक्किम राज्य की भौगोलिक चुनौतियों और उन चुनौतियों के माध्यम वहाँ की ग्राम पंचायतों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे, अभिनव उदाहरणों को भी मंच से सभी के समक्ष प्रस्तुत किया. पिपलांत्री मॉडल के सूत्रधार पर्यावरणविद एव पद्मश्री श्री श्याम सुंदर पालीवाल ने कहा कि पिपलांत्री में आज तक 14 से 15 लाख पौधे लगाए गए हैं.
एक समय था जब यहाँ भू-जल स्तर काफी कम था और पानी का संकट था, लेकिन जल संरक्षण गतिविधियों से अब यह जल स्तर काफी ऊपर आ गया है और पानी की समस्या हमेशा के लिए दूर हो गई है. यह ग्रामीणों और भामाशाहों के सहयोग से ही संभव हो सका है. उन्होंने कहा कि आज यहाँ तालाब और कुओं में लबालब पानी है, गांव में पलायन रुका है, गांव के लोगों को गांव में ही रोजगार मिला है, पिपलांत्री आज इको टूरिज़म के साथ-साथ कई नए अवसरों को बढ़ावा दे रहा है, डेयरी व्यवसाय भी फल-फूल रहा हैं. इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीणों से राज्यपाल से मुलाकात की और ग्राम पंचायत की ओर से उनका अभिनंदन किया.