Monday, 17 November 2025

राजसमन्द

24 श्रेणी पालीवाल समाज मेवाड़ के मंच पर ब्रह्मलीन श्री खुमानचन्द जोशी की पुण्य स्मृति में 250 से अधिक प्रतिभा सम्मानित

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24 श्रेणी पालीवाल समाज मेवाड़ के मंच पर ब्रह्मलीन श्री खुमानचन्द जोशी की पुण्य स्मृति में 250 से अधिक प्रतिभा सम्मानित
24 श्रेणी पालीवाल समाज मेवाड़ के मंच पर ब्रह्मलीन श्री खुमानचन्द जोशी की पुण्य स्मृति में 250 से अधिक प्रतिभा सम्मानित

इंदौर से कैलाश पालीवाल-मनोज जोशी दरबार 

राजसमंद. 24 श्रेणी पालीवाल समाज मेवाड़ मुख्यालय खमनोर, जिला राजसमंद, राजस्थान ने अपना 22 वां शानदार, प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया, जिसमें ब्रह्मलीन श्री खुमानचन्द जोशी की पुण्य स्मृति में 250 से अधिक प्रतिभाओं ने भाग लिया. सभी प्रतिभाओं को समाज ने परखा और उज्जवल भविष्य की मंगल कामना करते हुए उनके हुनर को सलाम करते हुए सम्मानित किया.

ब्रह्मलीन श्री खुमानचंद पिता डालचंद जोशी, (निवासी मोगाना-साकरोदा) की पुण्य स्मृति में 24 श्रेणी पालीवाल समाज मेवाड़ मुख्यालय खमनोर द्वारा 22 वां प्रतिभा सम्मान समारोह मोगाना में भव्य रूप से आयोजित किया गया. इस अवसर पर 250 से अधिक प्रतिभाओं ने भाग लिया और अपनी उपलब्धियों का प्रदर्शन किया, प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम में शैक्षणिक उत्कृष्टता, खेल, सांस्कृतिक, नवाचार एवं सामाजिक सेवा क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया. 

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में 24 श्रेणी पालीवाल समाज सेवा समिति मुख्यालय मेवाड़ खमनोर के अध्यक्ष श्री बद्रीलाल पालीवाल (केलवा), श्री सत्यनारायण पालीवाल (सालोर), श्री नरेश पालीवाल (देवियों की मेरड़ा), पूर्वमंत्री श्री भंवरलाल पालीवाल (वागडोला), पूर्व अध्यक्ष श्री रामनारायण पालीवाल तथा श्री मनोज पालीवाल (भगवांदा) सहित कई समाजजनों ने गरिमापूर्ण आयोजन में पधारकर प्रतिभाओं का गौरवान्वित किया. समारोह ने समाज की प्रतिभाओं को प्रोत्साहन और सम्मान देने का एक सशक्त मंच प्रदान किया.

आयोजकों ने बच्चों की हौसलाअफजाई की और उन्हें पुरस्कृत किया. अतिथियों ने कहा कि बेटों की तरह बेटियों को भी पढ़ाने के लिए अभिभावकों को आगे आना चाहिए. हमें लड़का और लड़की में भेद नहीं रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि बच्चों को चाहिए कि वह माता-पिता और अपने बड़ों को सम्मान दें.

समाज अध्यक्ष श्री बद्रीलाल पालीवाल ने कहा कि देश के विकास की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं है. यह जवाबदेही समाज के हर वर्ग को लेनी होगी. उन्होंने 2047 के विकसित भारत के विजन का जिक्र करते हुए कहा कि हमें विकसित भारत बनाने की दिशा में सर्वश्रेष्ठ देना होगा. इसमें बच्चों की खास भूमिका होगी, क्योंकि उस दौर में यही बच्चे युवा होंगे. उनके कंधों पर राष्ट्र निर्माण की अहम जिम्मेदारी होगी. सभी प्रतिभाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ब्रह्मलीन श्री खुमानचंद पिता डालचंद जोशी हमेशा हमारी प्रेरणास्त्रोत रहेंगे, हम जोशी परिवार के सदैव आभारी रहेंगे.

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