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Driving License बनवाना हुआ आसान : अब नहीं काटने पड़ेंगे RTO के चक्कर न ही देना होगा टेस्ट, इस तरह बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस

Paliwalwani
Driving License बनवाना हुआ आसान : अब नहीं काटने पड़ेंगे RTO के चक्कर न ही देना होगा टेस्ट, इस तरह बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस
Driving License बनवाना हुआ आसान : अब नहीं काटने पड़ेंगे RTO के चक्कर न ही देना होगा टेस्ट, इस तरह बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस

नई दिल्ली। अगर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में आपको भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है तो यह खबर आपके लिए है। अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना और भी आसान हो गया है। अब आपको लाइसेंस बनवाने के लिए घंटों लाइन में खड़े होकर इंतजार नहीं करना पड़ेगा। दरअसल लाइसेंस को लेकर सरकार नए नियम लाई है। जिसके बाद अब आपको ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए RTO के चक्कर नहीं काटना होगा। आइए जानते हैं केंद्र सरकार के इन नियमों के बारे में

नहीं काटने पड़ेंगे आरटीओ के चक्कर
केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक अब लाइसेंस बनवाने के लिए न तो आपको RTO के चक्कर काटने की जरूरत है न ही कोई टेस्ट देने की जरूरत है। बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय ने इन नियमों को लागू इसके बाद लोगों को लंबी-लंबी कतारों में लगने से राहत मिलेगी। हालांकि ड्राइविंग टेस्ट के बदले आरटीओ ने अपने नियमों में कई दूसरे संशोधन किए हैं जैसे।

अब जाना होगा ड्राइविंग स्कूल
जो भी एप्लीकेंट्स लंबे समय से आरटीओ(RTO) जाकर अपने टेस्ट का इंतजार कर रहे थे। उन्हें मंत्रालय की तरफ से नेटिफिकेशन जारी किया गया है। जिसमें बताया गया है कि अब एप्लीकेंट्स को ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए आरटीओ जाने की जरूर नहीं है। अब एप्लीकेंट्स को किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में पहले अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, बाद में उसी ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल से ट्रेनिंग लेकर वहीं टेस्ट भी देना होगा।
टेस्ट देने के बाद ड्राइविंग स्कूल एप्लीकेंट्स को एक सर्टिफिकेट देगा जिसके आधार पर एप्लीकेंट्स का ड्राइविंग लाइसेंस बन सकेगा। वहीं इन ड्राइविंग स्कूलों को लेकर सरकार द्वारा कुछ गाइडलाइन भी जारी की है। तो आइए जानते है इन गाइडलाइन को

1.किसी भी ड्राइविंग स्कूल को ट्रेनिंग देने की अनुमति तभी मिलेगी जब उनके पास कम से कम एक एकड़ की जमीन हो।
2. ड्राइविंग स्कूल से जो भी ट्रेनिंग लेना चाहता है वह कम से कम 18 वर्ष और 12वीं पास होना चाहिए। वहीं ट्रेनर को ड्राइविंग अनुभव होना भी होना चाहिए।
3. मंत्रालय ने ड्राइविंग स्कूलों में ट्रेनिंग शिक्षण पाठ्यक्रम को दो हिस्सों में चलाने का निर्देश दिया है जिसमें पहला थ्योरी और दूसरा प्रैक्टिकल रहेगा।

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