मुम्बई
एक और बैंक डूबी, जाने ग्राहकों को कितने रुपये वापस मिलेंगे!
Paliwalwaniनई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महाराष्ट्र के इंडिपेंडेंस को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (Independence Co-operative Bank Ltd) का लाइसेंस रद्द कर दिया है. यह बैंक अब ग्राहकों को सेवा नहीं दे पाएगा. आरबीआई ने एक बयान में कहा, “नतीजतन, बैंक 03 फरवरी, 2022 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार करना बंद कर देगा.” RBI ने गुरुवार को यह आदेश दिया.
आरबीआई ने अपने आदेश में कहा कि बैंक की वित्तीय स्थिति को देखते हुए बीते साल भी रिजर्व बैंक ने इस पर कुछ पाबंदियां लगाईं थीं. तब के फैसले के कारण ग्राहक 6 महीने तक पैसे नहीं निकाल सकते थे. बैंक की कारोबारी स्थिति में सुधार नहीं होने के कारण अब लाइसेंस रद्द करने का फैसला लिया गया है. आरबीआई ने अपने फैसले में कहा है कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और आगे चलकर कमाई की संभावनाएं भी नहीं हैं. ऐसे में लाइसेंस रद्द करना ग्राहकों के हित में है.
ग्राहकों को नियमों के तहत मिलेगा पैसा
महाराष्ट्र के नासिक शहर स्थित इंडिपेंडेंस को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द करते हुए RBI ने संबंधित विभाग और अधिकारियों को भी इस बारे में सूचित कर दिया है. बैंक ने ग्राहकों की जमा राशि को नियम के तहत लौटाने के संबंध में कदम उठाने को भी कहा है.
आरबीआई के आदेश के मुताबिक, बैंक के ग्राहकों को 5 लाख रुपए तक की जमा राशि लौटा दी जाएगी. बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, यहां 99% खाताधारक अपनी पूरी रकम पाने के हकदार हैं, यानी उनके बैंक खाते में 5 लाख या उससे कम की राशि जमा है. ऐसे में बैंक रद्द करने के फैसले से मात्र 1 फीसदी ग्राहक प्रभावित होंगे.
5 लाख रुपये तक ही मिलेंगे वापस
यदि किसी बैंक डूबता है तो उसके ग्राहकों को अधिकतम 5 लाख रुपये तक वापस मिल सकते हैं. इससे ज्यादा रकम नहीं मिल सकती. डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट कॉर्पोरेशन (DICGC) के नियमों के मुताबिक हर ग्राहक की 5 लाख तक की जमा राशि का बीमा होता है. बैंक द्वारा आरबीआई को दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, 27 जनवरी, 2022 तक बैंक ने 2.36 करोड़ रुपए ग्राहकों को लौटा दिए हैं.