छत्तीसगढ़
कवि पद्मश्री सुरेन्द्र दुबे का हार्ट अटैक से निधन : अपनी मौत की अफवाह पर कविता लिखने वाले
paliwalwani
रायपुर. अपनी मौत की अफवाह पर कविता लिखने वाले, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर कवि व पद्मश्री से सम्मानित सुरेन्द्र दुबे जी का ह्रदयाघात से निधन हो गया है.
छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध हास्य कवि, व्यंग्यकार और पद्मश्री सम्मान से सम्मानित डा. सुरेंद्र दुबे का गुरुवार को हृदय गति रुकने के कारण निधन हो गया. वे 72 वर्ष के थे। उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर से साहित्य और कला जगत में शोक की लहर दौड़ गई है.
सुरेंद्र दुबे का जन्म आठ जनवरी 1953 को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के बेमेतरा में हुआ था. पेशे से आयुर्वेदिक चिकित्सक दुबे ने अपनी हास्य और व्यंग्य रचनाओं से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया. उनकी कविताएं सामाजिक विसंगतियों और मानवीय संवेदनाओं को हास्य के माध्यम से उजागर करती थीं, जो श्रोताओं को हंसाने के साथ-साथ गहरे संदेश भी देती थीं.
उन्होंने पांच पुस्तकें लिखीं और विभिन्न टेलीविजन शो व कवि सम्मेलनों में अपनी अनूठी प्रस्तुति से लाखों दिलों को जीता. भारत सरकार ने उन्हें 2010 में पद्मश्री और 2008 में काका हाथरसी हास्य रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया था. इसके अलावा, 2019 में वाशिंगटन में उन्हें "हास्य शिरोमणि सम्मान" भी प्राप्त हुआ था.
श्री दुबे रायपुर (छग) के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में उपचाररत थे. उनके निधन से कविता जगत तो गमगीन हुआ ही, वहीं राजनीतिक जगत में भी श्री दुबे के निधन पर उनके काव्य पाठ को याद किया गया. शैलेश लोढ़ा, कुमार विश्वास से लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, वन मंत्री केदार कश्यप, गृहमंत्री विजय शर्मा सहित देश की अनेक हस्तियों सुरेन्द्र दुबे के निधन पर शोक व्यक्त किया.
वहीं खबर है कि उनकी पत्नी ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज के दौरान लापरवाही का आरोप भी लगाया. मालूम हो कि सुरेन्द्र दुबे छत्तीसगढ़ के रहने वाले थे और अपनी कविताओं के दम पर उन्होंने देश ही नहीं, दुनियाभर से ख्याती बटोरी. श्री दुबे के बारे में एक किस्सा मशहूर है कि 2018 में जब राजस्थान के एक अन्य कवि सुरेन्द्र दुबे का निधन हुआ था, तब उस वक्त छत्तीसगढ़ के इन कवि सुरेन्द्र दुबे के निधन की अफवाह उड़ी और उसकी के बाद श्री दुबे ने अपनी मौत की अफवाह पर कविता बनाई, तो बेहद मशहूर हुई..!