मुम्बई
Jain wani : जैन मुनि नीलेश चंद्र विजय ओर विनम्र सागर महाराज ने जो हिम्मत दिखाई, वो समस्त समाज के लिए एक बड़ी जागृति
paliwalwani
अक्षय जैन(नाकोड़ा)
मुंबई.
मुंबई के विले पार्ले ईस्ट के सोसायटी स्थित जैन मंदिर को बीएमसी ने तोड़ दिया. जिसके फलस्वरूप कल मुंबई में जैन समाज की एक आक्रोश रैली होना थी. इस रैली के पूर्व श्वेतांबर जैन संत मुनि नीलेश चंद्र विजय महाराज ने एक विशिष्ठ अंदाज में मंदिर के खिलाफ शिकायत दर्ज करने वाले स्थानीय राधा कृष्ण होटल के संस्थान पर पहुंच कर चेतावनी दी.
चुंकि जैन समाज ओर उनके धर्म गुरु महावीर के पथगामी होकर शांत स्वभावी ही कहलाते हैं, मगर नीलेश चंद्र विजय महाराज ने स्पष्ट दिखाया कि धर्म आस्था के खिलाफ कोई भी आड़े आए तो उसके लिए दूसरा रूप भी लेना पड़े तो उसके लिए वह तैयार है. उनके इस किरदार की खूब...खूब चर्चा हो रही है. उनका किरदार इस दौर में अब जरूरी लगने लगा है.
हर वह व्यक्ति जो पावर में है या सत्ता के पायदान पर है, वह जैन को टारगेट करने में लगा है. जैन की छवि अहिंसा की है, लेकिन यह कमजोरी नहीं...इसकी भी पहचान दिखना ही होगी. इसी घटना के दौर में श्वेतांबर जैन संत विनम्र सागर जी महाराज के द्वारा जिस भाव एकता से जैनत्व बंधुओं को एक माला में पिरोया ओर जो साहस हिम्मत और आक्रोश व्यक्त करने में अपने जोशीले उदगार व्यक्त कर दिए उसकी हिंदुस्तान के हर एक जैन परिवार में प्रशंसा हो रही है.
आज के इस दौर में दिगम्बर श्वेतांबर स्थानक तेरापंथी कोई गच्छ पंथ संप्रदाय नहीं बस केवल जैन बंधु महावीर की संतान के तौर पर हमारी पहचान दिखे. इस दौर की शुरुआत हो गई है...अब जो समाज के ठेकेदार अपनी अपनी ढपली अपना...अपना राग अलापते है, उनकी दुकान बंद हो जाएगी.
जैन समाज में एक बात हो गई, साधना स्वाध्याय पद्धति सब अपने मंदिर स्थानक में सड़क पर या सार्वजनिक स्थल पर हम सब केवल जैन महावीर की संतान है. मसला भले ही आक्रोश जताने की रैली का हो जैन एकता के इस अद्वितीय ओर अतुलनीय प्रदर्शन की पूरे देश में प्रशंसा हो रही है.
अक्षय जैन (नाकोड़ा) : 9425060200