मध्य प्रदेश

मामाजी की भांजी और नेशनल हॉकी खिलाडी सागु डावर ने की सुसाइड की कोशिश : झोपड़ी हटाने को लेकर विवाद हुआ

Paliwalwani
मामाजी की भांजी और नेशनल हॉकी खिलाडी सागु डावर ने की सुसाइड की कोशिश : झोपड़ी हटाने को लेकर विवाद हुआ
मामाजी की भांजी और नेशनल हॉकी खिलाडी सागु डावर ने की सुसाइड की कोशिश : झोपड़ी हटाने को लेकर विवाद हुआ

मंदसौर : मध्य प्रदेश के मंदसौर की रहने वाली नेशनल हॉकी प्लेयर सागु डावर की झोपड़ी सोमवार को प्रशासन ने तोड़ दिया.आशियाने को उजड़ता देख सागू ने केरोसिन डाल खुदकुशी की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक लिया. दरअसल, जूनियर नेशनल हॉकी प्लेयर सागू डावर लंबे समय से अपने परिवार के साथ स्टेडियम के पास बने झोपड़े में रहती थी. यहीं से उसने अपने हॉकी खेलने की शुरुआत की थी.

सागु डावर की मां लोगों के घर में साफ सफाई का काम करती है. सागु डाबर ने देश के कई राज्यों में हॉकी खेलकर मध्यप्रदेश और अपने जिले का नाम रोशन किया है. सोमवार को स्थानीय प्रशासन सागू की झोपड़ी खाली कराने पहुंचा था. प्रशासन का तर्क था कि यह सरकारी जमीन है, जिस पर स्टेडियम और खिलाड़ियों के लिए होस्टल बनना है. लेकिन कई बार नोटिस देने के बावजूद सागू और उनका परिवार झोपड़ी खाली नहीं कर रहे थे.

इसलिए सोमवार को प्रशासन झोपड़ा हटाने पहुंच गया. इस दौरान विवाद की स्थिति बन गयी. क्योंकि सागू और उनका परिवार यह जगह खाली नहीं करना चाहता था. काफी देर तक विवाद के बीच सागू ने अचानक अपने ऊपर केरोसिन डाल लिया और आत्मदाह की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसके ऊपर पानी डाल दिया. जिससे वह आत्मदाह ना कर सके. काफी देर तक हंगामे के बाद स्थिति काबू में आई. सागू डावर जूनियर नेशनल हॉकी में कई मैच खेल चुकी हैं. बेहद गरीब घर अब ताल्लुक रखने वाली सागू के पिता का पहले ही देहांत हो चुका है. सागू खुद गाड़ियों की सफाई करके पैसा कमाती हैं. इसके अलावा सागू की मां और भाई भी अलग-अलग काम करके घर चलाते हैं. सागू डावर का आरोप है कि प्रशासन से कुछ लोग आये और अचानक से झोपड़ी हटाने का बोलने लगे. हमने कहा एक दो दिन में खाली कर देंगे, लेकिन वह नहीं माने. नगर पालिका की गाड़िया बुला ली और हमारा घर तोड़ दिया. वहीं, एसडीएम बिहारी सिंह ने कहा कि यह जमीन स्टेडियम की है. सागू डावर को पहले से अलावदाखेड़ी में जमीन दिया जा चुका है. जहां पर मकान भी बना हुआ है. जो कार्रवाई की जा रही है वो तहसील लेवल पर हो रहा है. इन्हें नवंबर 2021 से ही जगह खाली करने के लिए नोटिस दिया जा रहा था. क्योंकि यह शिक्षा विभाग की शासकीय जमीन है. जहां स्टेडियम और होस्टल बनना है.

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