निवेश

महंगा हो गया टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम, 1 साल में आया 40% तक का उछाल, पॉलिसी खरीदी में देरी पड़ सकती है भारी!

Paliwalwani
महंगा हो गया टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम, 1 साल में आया 40% तक का उछाल, पॉलिसी खरीदी में देरी पड़ सकती है भारी!
महंगा हो गया टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम, 1 साल में आया 40% तक का उछाल, पॉलिसी खरीदी में देरी पड़ सकती है भारी!

बीमा उद्योग को COVID19 के परिणामस्वरूप दावों के मामले में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यह ग्राहकों पर सीधा दबाव डाल रहा है क्योंकि रिइंश्योरर्स (Reinsurance) ने प्रीमियम लागत में वृद्धि की है। इंश्योरेंस एग्रीगेटर PolicyX.com के मुताबिक, वर्ष 2021 की चौथी तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर में टर्म इंश्योरेंस प्राइस इंडेक्स वैल्यू में 4.18% की बढ़ोतरी हुई है। तिमाही के दौरान सूचकांक मूल्य 23,929 रुपये पर पहुंच गया। PolicyX.com की रिपोर्ट में 2021 की पहली तिमाही और चौथी तिमाही के बीच टर्म इंडेक्स वैल्यू में 9.75% का भारी अंतर है।

वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में 1 करोड़ रुपये की बीमा राशि का औसत वार्षिक प्रीमियम 30,720 रुपये हो गया, जो तीसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में 29,443 रुपये था। पॉलिसीएक्स डॉट कॉम के अनुसार, 5 जीवन बीमा कंपनियों में से 3 कंपनियों ने अपने प्रीमियम की कीमतों को बढ़ाया है, जिसमें से सबसे बड़ी वृद्धि 13.4% है। उसके बाद 4.9% और 0.9% वृद्धि है। बाकी 2 कंपनियों ने अपना प्रीमियम स्थिर रखा।

मार्च 2020 से अभी तक टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम 40 फीसदी तक बढ़ा

एक अन्य रिपोर्ट से सामने आया है कि मार्च 2020 से लेकर अभी तक यानी जनवरी 2022 तक कंपनियों ने टर्म इंश्योरेंस का प्रीमियम 40 फीसदी तक बढ़ाया है। सभी प्राइवेट कंपनियों ने टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम में बढ़ोतरी की है। ICICI प्रूडेंशियल के टर्म प्लान का प्रीमियम 38 फीसदी तक बढ़ चुका है, वहीं एचडीएफसी लाइफ के प्लान का प्रीमियम 30 फीसदी तक बढ़ा है। अकेली LIC ही ऐसी कंपनी है जिसने प्रीमियम में बढ़ोतरी  नहीं की है। लगातार तीसरे साल LIC के टर्म प्लान की दरों में बढ़ोतरी नहीं हुई है।

पॉलिसी की खरीद में देरी पड़ सकती है कितनी भारी

टर्म पॉलिसी की खरीद में 10 साल की देरी से 25 की उम्र वाले व्यक्ति को औसतन 48.9% अधिक खर्च करना पड़ सकता है। वहीं 35 वर्षीय व्यक्ति को 77.6% अधिक और 45 वर्षीय व्यक्ति को 80.8% अधिक खर्च करना पड़ सकता है। वहीं धूम्रपान करने वाले पुरुष को धूम्रपान न करने वाले पुरुष की तुलना में 50.5% अधिक और धूम्रपान करने वाली महिला को धूम्रपान न करने वाली महिला की तुलना में 49.5% अधिक भुगतान करना पड़ सकता है।।

 

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