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प्लाट vs फ्लैट : प्लॉट खरीदना है फायदेमंद या फ्लैट, जानें कौन देता है बेहतर रिटर्न

Paliwalwani
प्लाट vs फ्लैट : प्लॉट खरीदना है फायदेमंद या फ्लैट, जानें कौन देता है बेहतर रिटर्न
प्लाट vs फ्लैट : प्लॉट खरीदना है फायदेमंद या फ्लैट, जानें कौन देता है बेहतर रिटर्न

हाउसिंग डॉटकॉम के ग्रुप सीईओ ध्रुव अगरवाला का कहना है कि रेजिडेंशियल प्लॉट्स निवेश पर ज्यादा रिटर्न देने में सक्षम रहे हैं। इसका एक कारण बड़े शहरों में प्लॉट्स की सीमित आपूर्ति हो सकती है। इस समय लगभग हर शहरों में बड़े भूखंडों की कमी है। उनका कहना है कि कोविड-19 महामारी के दौरान प्लॉट्स और इंडिपेंडेंट फ्लोर्स की मांग में जोरदार इजाफा हुआ है। डेवलपर्स बड़े शहरों के बाहरी क्षेत्रों में इस तरह की परियोजनाओं को शुरू कर इस मांग में आई वृद्धि को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।

प्लॉट की कीमतें तेजी से बढ़ी

प्रॉपटेक प्लेटफॉर्म हाउसिंग डॉटकॉम ने देश आठ प्रमुख शहरों में रिसर्च किया। इस रिसर्च से पता चलता है कि इन शहरों में वर्ष 2015 से रेजिडेंशियल प्लॉट्स की कीमतों में सालाना 7 फीसदी (CAGR) की दर से वृद्धि हुई है। इस अवधि के दौरान अपार्टमेंट की कीमतों में सालाना महज 2 फीसदी (CAGR) की दर से वृद्धि हुई है। हालांकि बड़े शहरों में इस समय प्लॉट मिलना थोड़ा मुश्किल अवश्य हो गया है।

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इन शहरों में फ्लैट पर ज्यादा जोर

देश के आठ प्रमुख शहरों (दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता और अहमदाबाद) में लोग आमतौर पर प्लॉट्स की तुलना में अपार्टमेंट खरीदना पसंद करते हैं। इन शहरों में फ्लैटों की लोकप्रियता के पीछे सुरक्षा और अन्य सुविधाएं है। जैसे अपार्टमेंट में पावर बैकअप, कार पार्किंग, क्लब, जिम, स्विमिंग पूल और गार्डन एरिया आदि मिल जाता है। प्लॉट वाले इलाकों में ऐसी सुविधाओं की कमी होती है।

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तब भी प्लॉट की कीमत ज्यादा

हाउसिंग डॉटकॉम के मुताबिक इन आठ शहरों में फ्लैटों की अधिक मांग के बावजूद प्लॉट का बोलबाला है। वर्तमान और ऐतिहासिक रुझान बताते हैं कि अन्य आवासीय संपत्तियों की तुलना में प्लॉट्स में तुलनात्मक रूप से ज्यादा रिटर्न है। संगठन की रिसर्च हेड अंकिता सूद का कहना है कि उन्होंने गुरुग्राम के प्रमुख इलाकों और दक्षिण भारत के प्रमुख शहरों हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई में विशेष रूप से 2018 के बाद रेजिडेंशियल प्लॉट्स की कीमतों में वृद्धि दोहरे अंकों में देखा है। जहां इन शहरों में जमीन की कीमतें 13-21 फीसदी की रेंज में बढ़ी हैं, वहीं पिछले तीन वर्षों में अपार्टमेंट की कीमतों की रेंज 2-6 फीसदी पर बनी हुई हैं। उनका कहना है कि महामारी और नीतिगत बदलाव से प्रेरित सकारात्मक भावनाएं आने वाली तिमाहियों में इस मांग को और बढ़ाएंगी।

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रेजिडेंशियल प्लॉट्स की मांग में दक्षिणी भारत के शहर अग्रणी

वर्ष 2018 से 2021 की अवधि के दौरान, हैदराबाद में 21 फीसदी कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) पर प्लॉट्स में अधिकतम मूल्य वृद्धि देखी गई। पश्चिम में शंकरपल्ली और पाटनचेरु और दक्षिण में तुक्कुगुडा, महेश्वरम और शादनगर हैदराबाद के शीर्ष स्थान थे जहां 2021 में मांग और कीमत दोनों में वृद्धि हुई। चेन्नई में, रेजिडेंशियल प्लॉट्स की कीमतें 2018-2021 के बीच 18 फीसदी सीएजीआर की दर से बढ़ीं। पिछले साल, अंबत्तूर, अवादी एवं ओरगडम, श्रीपेरंबुदूर और थाइयूर चेन्नई में अधिकतम मूल्य वृद्धि वाले स्थान के गवाह बने। बेंगलुरू में आवासीय भूमि की कीमतें 2018-2021 के बीच 13 फीसदी की सीएजीआर की दर से बढ़ीं। आईटी शहर के उत्तर में उत्तरी छोटे बाज़ार जैसे नीलमंगला, देवनहल्ली, चिकबल्लापुर, पूर्व में होसकोटे और दक्षिण में कोंबलगोडु रेजिडेंशियल प्लॉट्स के लिए प्रमुख स्थान थे।

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उत्तर भारत में गुरुग्राम का शानदार प्रदर्शन

दिल्ली-एनसीआर के बाजार में देखें तो गुरुग्राम में रेजिडेंशियल प्लॉट्स की कीमतों में 2018-2021 के बीच 15 फीसदी (CAGR) की दर से वृद्धि हुई। इसी अवधि के दौरान सोहना, गुरुग्राम में जमीन की कीमतों में 6 फीसदी (सीएजीआर) की वृद्धि हुई। द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ सेक्टर 99, सेक्टर 108, न्यू गुरुग्राम में सेक्टर 95ए एवं सेक्टर 70ए और सेक्टर 63 में आवासीय भूमि के लिए 2021 में मांग और मूल्य वृद्धि दोनों में प्रमुख थे। सोहना में कर्णकी, सेक्टर 14 सोहना और सेक्टर 5 सोहना पिछले साल प्रमुख इलाके थे। हरियाणा सरकार द्वारा नीति-आधारित पहलों के कारण गुरुग्राम में प्लॉट्स की आपूर्ति अधिक है।

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