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Exit poll : एग्जिट पोल के बीच आने वाली नई सरकार का खजाना भरा : मई में जीएसटी राजस्व संग्रह 1.73 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा

paliwalwani
Exit poll : एग्जिट पोल के बीच आने वाली नई सरकार का खजाना भरा : मई में जीएसटी राजस्व संग्रह 1.73 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा
Exit poll : एग्जिट पोल के बीच आने वाली नई सरकार का खजाना भरा : मई में जीएसटी राजस्व संग्रह 1.73 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा

नई दिल्ली. (New Delhi)। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के नतीजे के पहले एग्जिट पोल (Exit poll.) के बीच नई सरकार (New government) के लिए खजाना भर गया है।

मई में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व संग्रह (Goods and Services Tax (GST) revenue collection.) सालाना आधार पर 10 फीसदी बढ़कर 1.73 लाख करोड़ रुपये (Rs 1.73 lakh crore) रहा है। इससे पिछले महीने अप्रैल में जीएसटी राजस्व संग्रह 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।

वित्त मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक बयान में बताया कि मई महीने में सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 10 फीसदी बढ़कर 1.73 लाख करोड़ रुपये रहा है। अप्रैल में जीएसटी राजस्व संग्रह 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। इससे पिछले महीने मार्च में जीएसटी राजस्व संग्रह 1.78 लाख करोड़ रुपये रहा था, जो किसी भी महीने के लिए जीएसटी संग्रह का अब तक का तीसरा सबसे ऊंचा आंकड़ा रहा है।

मंत्रालय के मुताबिक मई महीने में कुल 1.73 लाख करोड़ रुपये के सकल जीएसटी राजस्व में से केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) 32,409 करोड़ रुपये, राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) 40,265 करोड़ रुपये और एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी) 87,781 करोड़ रुपये प्राप्त हुआ, जिसमें आयातित वस्तुओं पर एकत्र 39,879 करोड़ रुपये (इसमें उपकर 12,284 करोड़ रुपये, जिसमें आयातित वस्तुओं पर एकत्रित 1,076 करोड़ रुपये) शामिल हैं।

वित्त मंत्रालय के मुताबिक रिफंड के बाद मई, 2024 में शुद्ध जीएसटी राजस्व संग्रह 1.44 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल मई से 6.9 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है। रिफंड के बाद चालू वित्त वर्ष में मई तक शुद्ध जीएसटी राजस्व संग्रह 3.36 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि से 11.6 फीसदी ज्यादा है।

मंत्रालय के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2024-25 में मई 2024 तक सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 3.83 लाख करोड़ रुपये रहा। यह साल-दर-साल आधार पर 11.3 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है, जो घरेलू लेन-देन में मजबूत वृद्धि (14.2 फीसदी की वृद्धि) और आयात में मामूली वृद्धि (1.4 फीसदी की वृद्धि) द्वारा प्रेरित है।

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