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इकोनॉमी रफ्तार पर होगी चर्चा : राज्यों के CM और वित्त मंत्री रहेंगे मौजूद, बैठक में CM भूपेश बघेल भी होंगे शामिल

Paliwalwani
इकोनॉमी रफ्तार पर होगी चर्चा : राज्यों के CM और वित्त मंत्री रहेंगे मौजूद, बैठक में CM भूपेश बघेल भी होंगे शामिल
इकोनॉमी रफ्तार पर होगी चर्चा : राज्यों के CM और वित्त मंत्री रहेंगे मौजूद, बैठक में CM भूपेश बघेल भी होंगे शामिल

नई दिल्ली : देश में आर्थिक गतिविधियां तेजी से पटरी पर लौट रही हैं. इकोनॉमी की मौजूदा रफ्तार में और तेजी लाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में अब आज एक अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों CM और वित्त मंत्रियों के शामिल होने की बात कही जा रही है.

मुख्यमंत्रियों, वित्त मंत्रियों के साथ बैठक करने का फैसला  :  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, वित्त मंत्रियों के साथ बैठक करने का फैसला किया है. पीटीआई के मुताबिक इस बैठक में सुधार केंद्रित कारोबारी माहौल बनाने और निवेश को आकर्षित करने के तरीकों पर चर्चा होगी, जिससे देश की बढ़ोतरी को प्रोत्साहन दिया जा सके.

बैठक में चर्चा  : मंत्रालय ने कहा, बैठक में चर्चा का विषय निवेश को बढ़ाने के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी सिस्टम का निर्माण करना होगा. इसके अलावा बैठक में बढ़ोतरी को प्रोत्साहन, सुधार, निवेश प्रोत्साहन और सुधार आधारित कारोबारी वातावरण के निर्माण के उपायों पर चर्चा होगी.

आज होने वाली इस वर्चुअल बैठक : वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया कि आज होने वाली इस वर्चुअल बैठक में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी और भागवत कराड़ भी शामिल होंगे. इसके अलावा केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के सचिव, राज्यों के मुख्य सचिव और वित्त सचिव भी बैठक में शिरकत करेंगे.

इकोनॉमी में तेजी पर होगी बात :  बैठक कोविड-19 की दो लहरों के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी से पुनरुद्धार और केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय को बढ़ाने के प्रयासों के बीच बुलाई गई है. इससे पहले केंद्रीय वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने पिछले हफ्ते कहा था कि चर्चा का केंद्र राज्य स्तर के ऐसे मुद्दे, अवसर और चुनौतियां होंगी, जिनके जरिये हम ऊंचा निवेश और वृद्धि हासिल कर सकते हैं. सचिव ने कहा था, सरकार पूंजीगत व्यय कर रही है और निजी क्षेत्र की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है, लेकिन यह अभी तक बड़े पैमाने पर वास्तविक निवेश में तब्दील नहीं हुआ है. हालांकि, पूंजीगत व्यय बड़े पैमाने पर निवेश की संभावना को दर्शाता है.’

गौरतलब है कि बीते वित्त वर्ष 2020-21 में कोविड-19 महामारी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट आई थी. चालू वित्त वर्ष की पहली अप्रैल-जून की तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 20.1 फीसदी की दर से बढ़ी है. चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में देश में 64 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया है.

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