निवेश

भारत में क्रिप्टो टैक्स : नियंत्रण या सावधानी...!

Paliwalwani
भारत में क्रिप्टो टैक्स : नियंत्रण या सावधानी...!
भारत में क्रिप्टो टैक्स : नियंत्रण या सावधानी...!

क्रिप्टोकरेंसी, नॉन-फंजीबल टोकन(NFT) और इस तरह के मिलते जुलते संस्थाओं को देश में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) के तहत जोड़ा गया है और इस वर्ष एक अप्रैल 2022 से इन्हें नए कड़े टैक्स व्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है. ये देखने में कठोर फैसला लग सकता है जसे कि सभी प्रकार के टैक्स लगते हैं. लेकिन वास्तव में क्रिप्टोकरेंसी में उनके निवेश के प्रति सावधान करता है साथ ही ये भी बताता है कि ज्यादा रिटर्न के चक्कर में बिना सोचे समझे अपनी पूरी गाढ़ी कमाई को क्रिप्टोकरेंसी जैसे अस्थिर क्षेत्र में निवेश ना करें.

क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाने का फैसला उसपर प्रतिबंध लगाये बगैर भारत में क्रिप्टो एसेट्स को कानूनी अमलीजामा पहनाने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है.जो निवेशकों और ट्रेडर्स को बिना किसी चिंता के क्रिप्टो में निवेश जारी रखने की अनुमति देता है. सबसे पहले अन्य देशों के मुकाबले भारत में क्रिप्टो पर टैक्स के हालात को समझते हैं. 

भारत में क्रिप्टो से लाभ पर लगता है कितना टैक्स?

2022-23 बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) पर टैक्स लगाने का ऐलान किया. क्रिप्टोकरेंसी समेत अन्य  वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाले लाभ पर 30 फीसदी टैक्स लगा दिया गया. इस टैक्स के नियम में ऐसी कोई व्याख्या नहीं की गई है कि इस सीमा के भीतर वर्चुअल डिजिटल एसेट्स टैक्स नहीं लगेगा. इसका अर्थ ये हुआ कि अगर किसी टैक्सपेयर का कुल इनकम 2.5 लाख रुपये तक के टैक्स छूट सीमा से कम भी है तो उन्हें भी क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले फायदे पर टैक्स चुकाना होगा. इतना ही नहीं सभी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स ट्रांजैक्शन पर 1 फीसदी का टीडीएस भी लगा दिया गया जो क्रिप्टो एक्सचेंजों को बेचने और खऱीदने पर वसूलना होगा. 

कैसा है अन्य देशों के मुकाबले भारत का टैक्स सिस्टम  

अमेरिका में क्रिप्टोकरेंसी पर कैपिटले गेन टैक्स लगता है जैसा शेयरों से होने वाले लाभ पर यहां लगता है. क्रिप्टोकरेंसी पर कैपिटले गेन अमेरिका में शून्य से 37 फीसदी तक वसूला जाता है. उदाहरण के लिए मान लिजिए आपने ने 100 डॉलर निवेश किया और 120 डॉलर पर बेच दिया तो आपका कैपिटले गेन 20 डॉलर होगा. यूनाइटेड किंग्डम में भी अमेरिका के समान ही कैपिटल गेन स्ट्रक्चर लागू है. साथ ही यहां 12,300 पाउंड का का टैक्स-फ्री अलाउंस भी मिलता है.  

हालांकि कई देश ऐसे भी हैं जिन्हें क्रिप्टोकरेंसी के लिए टैक्स को टैक्स हेवेन के तौर पर देखा जाता है. जर्मनी में क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी, कमोडिटी या स्टॉक्स नहीं माना जाता है बल्कि इसे प्राइवेट मनी के तौर पर देखा जाता है. अगर आपके पास एक साल से ज्यादा समय से क्रिप्टोकरेंसी है तो आपको टैक्स रिटर्न में घोषित करने की जरुरत नहीं है साथ ही मुनाफे पर बेचने पर भी कोई टैक्स नहीं देना होता है. अगर आप एक साल के भीतर क्रिप्टो बेचते हैं तो 600 यूरो तक का मुनाफा टैक्स-फ्री है. हालांकि कारोबार करने वालों को क्रिप्टो से होने वाले लाभ पर कॉरपोरेट इनकम टैक्स देना होता है. इसी प्रकार बरमूडा में क्रिप्टोकरेंसी पर कोई इनकम, कैपिटले गेन, विथहोल्डिंग या कोई टैक्स नहीं देना होता है. 

भारत में क्रिप्टो टैक्स: नियंत्रण या सावधानी?

कुछ देशों की तुलना में, भारत की टैक्स व्यवस्था थोड़ी शिथिल लगती है,जबकि कुछ अन्य देशों की तुलना में, भारत का क्रिप्टो टैक्स व्यवस्था  बहुत कठोर नजर आता है. भारत में जब क्रिप्टो पर टैक्स लगाने का ऐलान किया गयातो क्रिप्टो व्यापारियों और निवेशकों ने इस कदम का स्वागत किया था, क्योंकि इसे सरकार द्वारा केंद्र द्वारा डिजिटल एसेट्स को कानूनी मान्यता के तौर पर देखा गया. 

आपको बता दें सरकार जल्द ही सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) शुरू करने वाली है. सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी  एक प्रकार से करेंसी का वर्चुअल फॉर्म है. आरबीआई डिजिटल फॉरमैट में लीगल टेंडर जारी करेगा. इसे आरबीआई द्वारा नियंत्रित किया जाएगा. यह उम्मीद की जाती है कि सीबीडीसी भारत की बैंकिंग सिस्टम को सपोर्ट करेगा समर्थन करेगा या मौजूदा ढांचे का पूरक होगा.

ये बात कही जाती है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बहुत ज्यादा टैक्स लगाया जा रहा है. जो वाकई में सच भी है. भारत में क्रिप्टो पर लगने वाला टैक्स किसी भी एसेट्स पर लगने टैक्स से बहुत ज्यादा है. इसकी तुलना में, भारत में शेयरों पर लॉंग टर्म टैक्स 10 फीसदी के दर से तो शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स 15 फीसदी से दर से वसूला जाता है. 

क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी के क्रिप्टो टैक्स के अलावा 1 फीसदी का टीडीएस लगता है जो 1 जुलाई 2022 से प्रभावी हुआ है. क्रिप्टो टीडीएस पर सभी दिशानिर्देशों को और ज्यादा स्पष्ट करने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने जून में एक FAQ जारी किया था. 

कुछ लोगों ने इसे सकारात्मक कदम माना. क्रिप्टो एक्सचेंज यूनोकॉइन के सीईओ और सह-संस्थापक सात्विक विश्वनाथ ने कहा कि एसोसिएशन के एक हिस्से के रूप में हमने मंत्रालय को टीडीएस के व्यावहारिक समस्याओं से अवगत कराया था. उसी का सम्मान करते हुए मंत्रालय ने  टीडीएस पर जानकारी और टीडीएस वसूलने को लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि , मैं इसे क्रिप्टो समुदाय के लिए एक छोटी सी जीत मानूंगा और हम अन्य विभागों से भी इस तरह के प्रोत्साहन की उण्मीद करता हूं. कुछ लोगों ने क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पर अधिक ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए टीडीएस को व्यावसायिक अवसर के रूप में भुनाने और उपयोग करने का प्रयास किया है. 

क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म वीट्रेड के संस्थापक प्रशांत कुमार ने एबीपी लाइव को बताया, "हमने तय किया है कि हम अपने ग्राहकों को टीडीएस कटौती के बराबर तत्काल कैशबैक देकर टीडीएस का 100 फीसदी बोझ लेंगे, जिससे इस रेग्युलेशन का पालन करना आसान हो जाएगा. वीट्रेड क्रिप्टो निवेश को आसान और फायदेमंद बनाता है, और इसे टीडीएस-मुक्त प्लेटफॉर्म में बदलकर, हम आशा करते हैं कि हमारे ग्राहक हमें और भी अधिक पसंद करेंगे. 

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय द्वारा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर टीडीएस पर जारी किए गए स्पष्टीकरण का स्वागत करते हैं. इसके पीछे की मंशा सकारात्मक है और यह क्रिप्टो निवेशों को और अधिक पारदर्शिता बनाने और निवेश का पता लगाने में मदद करता है. और रेग्युलेटर्स की मदद से इस इंडस्ट्री विकसित करने में मदद करेगा. प्रशांत कुमार  ने कहा कि सरकार ने सुनिश्चित किया है कि आम निवेशकों को निवेश करते समय परेशानी न हो और पूरा भार एक्सचेंज पर डाल दिया है. इससे एक्सचेंजों और ब्रोकर्स की भूमिका स्पष्ट कर दिया है. 1 प्रतिशत टीडीएस केवल बेचते समय लागू होता है जो कि अगले साल की फाइलिंग में दावा किया  सकता है. 

भारत का क्रिप्टो टैक्स बहुत ज्यादा है जो आम कों के लिए एक सख्त शब्द के रूप में आता है, जिसे क्रिप्टो बाजार की अस्थिरता की ज्यादा समझ नहीं है. देश की जनता को अभी भी क्रिप्टो पर पूरी जानकारी का अभाव है. सरल केवाईसी प्रक्रियाओं और मोबाइल ऐप पर एक्सचेंज और वॉलेट की उपलब्धता के साथ,बैंक खाता और सरकारी आईडी प्रूफ के साथ क्रिप्टो में  निवेश आसान हो गया है. ऐसा माना जाता है कि एक कठोर क्रिप्टो टैक्स लोगों को अपने निवेश के प्रति सतर्क रहने, फाइन प्रिंट पढ़ने और अपना पैसा लगाने से पहले अपेक्षित रिटर्न को समझने के लिए प्रेरित करता है. 

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
GOOGLE
Latest News
Trending News