इंदौर

WhatsApp पर योजना के नाम पर आने वाली APK. सॉफ्टवेयर फाइल को कभी भी डाउनलोड न करे

sunil paliwal-Anil Bagora
WhatsApp पर योजना के नाम पर आने वाली APK. सॉफ्टवेयर फाइल को कभी भी डाउनलोड न करे
WhatsApp पर योजना के नाम पर आने वाली APK. सॉफ्टवेयर फाइल को कभी भी डाउनलोड न करे

पीएम आवास योजना / पीएम किसान निधि योजना के नाम पर की जा रही ठगी, 7 पीड़ितों से 5.22 लाख रुपए ऐंठ चुके फ्रॉडस्टर

✓  क्राइम ब्रांच द्वारा संचालित साइबर सेल में लगातार आ रही शिकायत।

✓ वाट्स एप पर योजना के नाम पर आने वाली APK. सॉफ्टवेयर फाइल को कभी भी डाउनलोड न करे।

✓ किसी भी सरकारी योजना के लिए संबंधित कार्यालय या केंद्र एवं राज्य सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट से ही जानकारी प्राप्त करे।

इंदौर. पीएम आवास योजना, पीएम किसान निधि योजना के नाम पर लोगो से साइबर फ्रॉड होने की काफी शिकायत सामने आ रही है। वाट्सएप पर इसके लिए APK फाइल आती है। उसे क्लिक करते ही आपके मोबाइल में स्क्रीन शेयरिंग एप डाउनलोड हो जाता है जिसमे मोबाइल से बिना ओटीपी बताए भी ट्रांजैक्शन हो जाता है। काफी शिकायत में लोगो से पैसे ठगे गए है। लोगो को भी चाहिए की इस तरह की फाइल को बिना जांचे अन्य ग्रुप पर फारवर्ड नही करे। 

एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि वाट्सएप के ग्रुप पर इन दिनों में एक मैसेज आ रहे है , जिसमे पीएम आवास योजना, पीएम किसान निधि योजना का लाभ लेने की जानकारी वाले मैसेज चल रहे है। इसमें एक एपीके फाइल भी होती है। इस पर क्लिक करने पर एक फार्म खुलता है। जिसमे नाम, पता, मोबाइल नंबर, बैंक खाते की जानकारी मांगी जाती है। इसके बाद किसी नंबर से फोन कर बताया जाता है कि आपने पीएम योजना के लिए अप्लाई किया है।

आपके खाते में योजना का पैसा आ गया है। पीड़ित द्वारा मना करने पर खाता चेक करने के बहाने यूपीआई एप को खुलवाया जाता है। फिर इस तरह से खाते से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के जरिए पैसे ट्रांसफर कर लिए जाते है। क्राइम ब्रांच द्वारा संचालित साइबर सेल के पास हाल ही में ऐसी 7 शिकायत आई है, जिसमे 5 लाख 22 हजार रुपए की ठगी की गई। 

साइबर सेल के पास आई शिकायत में सतेंद्र सिंह से 82060 रुपए, रवि से 80000 रुपए, रामजीलाल से 276050 रुपए, राहुल से 4060 रुपए, मनीष से 7000 रुपए, फैजान से 2890 रुपए, संजय से 70000 रुपए की ठगी की गई। 

✓✓✓स्क्रीन शेयरिंग एप से मोबाइल हो जाता हैक

सरकारी योजना के लिए आई APK फाइल को डाउनलोड करने पर पीड़ित के मोबाइल में स्क्रीन शेयरिंग एप डाउनलोड हो जाता है। इसके बाद मोबाइल की सारी गतिविधि फ्रॉडस्टर की स्क्रीन पर भी नजर आने लगती है। पैसे आए है या नही देखने के लिए यूपीआई को खुलवाया जाया है। इस तरह उसका पासवर्ड वह लोग देख लेते है और फिर पैसा ट्रांसफर कर लिया जाता जाता। सोशल मीडिया पर कोई भी फाइल जिसमे APK लिखा हो उसे कभी भी डाउनलोड न करे। सरकारी योजना के लिए उसकी विधिवत वेबसाइट या कार्यालय पर जाकर ही जानकारी ले। 

  • ✓✓✓क्राईम ब्रांच इंदौर पुलिस द्वारा ऑनलाइन फ्रॉड से बचाव हेतु Cyber advisory :–
  • ✓ Whatsaap पर किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करें, ना कोई एप डाउनलोड करे।
  • ✓किसी भी सरकारी योजना की जानकारी और उसके लिए प्रकिया कभी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्राप्त लिंक में न करे।
  • ✓ किसी भी सरकारी योजना के लिए केंद्र सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट से जानकारी ले और प्रोसेस करे।
  • ✓सोशल मीडिया पर किसी भी Link के माध्यम से ओपन हुए ऐप/वेबपेज पर अपनी बैंकिंग एवं व्यक्तिगत जानकारी दर्ज ना करें।
  • ✓अज्ञात व्यक्ति के द्वारा भेजी गई लिंक के माध्यम से या सोशल मीडिया ग्रुप में भेजे गए apk. फाईल को कभी भी डाउनलोड न करें।
  • ✓किसी भी प्रकार का ऑनलाइन फ्रॉड होने पर Ncrp पोर्टल/1930 पर कॉल करे या क्राइम ब्रांच इंदौर पुलिस द्वारा संचालित साईबर हेल्पलाईन 7049124445 पर कॉल करें।
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