इंदौर

वकीलों को तीन माह तक काले कोट से मिलेगी छूट : वकीलों को मिली गर्मी में बड़ी राहत

sunil paliwal-Anil Bagora
वकीलों को तीन माह तक काले कोट से मिलेगी छूट : वकीलों को मिली गर्मी में बड़ी राहत
वकीलों को तीन माह तक काले कोट से मिलेगी छूट : वकीलों को मिली गर्मी में बड़ी राहत

इंदौर. मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद जबलपुर का फैसला, दिनांक 15 अप्रैल से 15 जुलाई तक सफेद शर्ट, काला/सफेद/धारीदार या ग्रे कलर का पेंट पहनकर और एडवोकेट बेंड बांधकर अभिभाषकगण जिला न्यायालयों और उनके अधीनस्थ न्यायालयों में पैरवी कर सकेंगे.

इंदौर अभिभाषक संघ, इंदौर के पूर्व अध्यक्ष श्री गोपाल कचोलिया अभिभाषक ने पालीवाल वाणी को बताया कि मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद जबलपुर के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार मध्यप्रदेश के सभी जिला न्यायालयों में सभी अभिभाषकगण दिनांक 15 अप्रैल 2024 से 15 जुलाई 2024  तक बिना काला कोट पहने पैरवी कर सकते हैं.

भीषण-गर्मी को देखते हुए स्टेट बार काउंसिल ने प्रदेश भर के वकीलों को तीन माह के लिए काले कोट से छुट देने का फैसला लिया हैं. इसके लिए दिनांक 15 अप्रैल से 15 जुलाई तक की तिथि निश्चित की गई हैं.

इंदौर अभिभाषक संघ के पूर्व अध्यक्ष श्री गोपाल कचोलिया अभिभाषक ने आगे बताया कि मध्यप्रदेश के सभी वकील 15 अप्रैल से 15 जुलाई तीन- माह तक बिना काला- कोट पहने मध्यप्रदेश के जिला न्यायालयों और उनके अधीनस्थ न्यायालयों में पैरवी कर सकेंगे.

इससे भीषण-गर्मी से परेशान हो रहे वकीलों को काफी राहत महसूस होगी. श्री कचोलिया के मुताबिक मप्र स्टेट बार काउंसिल ने एक फरमान जारी किया हैं. इसमें बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों में काला कोट की पोशाक पहनने की बाध्यता संबंधी नियम को शिथिल करते हुए 15अप्रैल से 15 जुलाई तक वकीलों को इससे छूट दी हैं.

हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के वक्त उन्हें यह छूट नहीं मिलेंगी

श्री गोपाल कचोलिया ने आगे बताया कि इस दौरान वकीलों को सफेद शर्ट व काला, सफेद, धारी या ग्रे कलर का पेंट पहनकर और एडवोकेट बेंड बांधकर जिला न्यायालयों और उनके अधीनस्थ न्यायालयों में पैरवी करना होगी. अलबत्ता हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के वक्त उन्हें यह छूट/ राहत नहीं मिलेंगी.

प्रदेश के कई तहसीलों व जिलों में यह हालात है कि बैठने की जगह की तुलना में वकीलों की तादाद काफी ज्यादा है. ऐसे में उन्हें खुले में बैठना पड़ता है या तंग जगह में काम करना पड़ता है. खासकर बिजली गुल हो जाने की दशा में उनकी परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है. काउंसिल के इस निर्णय से प्रदेश के करीब एक लाख वकीलों को फायदा पहुंचेंगा.

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