इंदौर

indore news : टोबेको कंज्यूम करने की वजह से मोतियाबिंद काफी कम उम्र में होने का खतरा है : डॉ अमित सोलंकी

sunil paliwal-Anil Bagora
indore news : टोबेको कंज्यूम करने की वजह से मोतियाबिंद काफी कम उम्र में होने का खतरा है : डॉ अमित सोलंकी
indore news : टोबेको कंज्यूम करने की वजह से मोतियाबिंद काफी कम उम्र में होने का खतरा है : डॉ अमित सोलंकी

वर्ल्ड नो टोबेको डे पर डॉ अमित सोलंकी ने चर्चा की 

इंदौर.

वर्ल्ड नो टोबेको डे के मद्देनजर "से नो टू टोबेको" विषय पर ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन क्रिएट स्टोरीज सोशल वेलफेयर सोसायटी द्वारा किया गया. जिसमे नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित सोलंकी ने चर्चा की एवं बताया कैसे तंबाखू हमारी आंखों को भी नुकसान पहुंचता है.

शांति आई टेक के निदेशक डॉ. अमित सोलंकी ने बताया की हम सभी लोग जानते है की टोबेको कंज्यूम करने से फेफड़े, हार्ट इश्यू , कैंसर जैसी बीमारियां होती है. लेकिन बहुत कम लोग ये जानते है की टोबेको कंज्यूम करने से आंखों में भी कई समस्या पैदा होती है यहां तक की आंखों की रोशनी पूरी तरह से जा भी सकती है.

धूम्रपान से आंखों में परिवर्तन होता है, जिससे दृष्टि हानि हो सकती है. यदि आप धूम्रपान करते हैं तो धूम्रपान न करने वाले लोगों की तुलना में आपमें मैक्यूलर डिजेनरेशन विकसित होने की संभावना दोगुनी है. धूम्रपान न करने वाले लोगों की तुलना में आपमें मोतियाबिंद विकसित होने की संभावना दो से तीन गुना अधिक होती है.

टोबेको किस प्रकार से हमारी आंखों को नुकसान पहुंचाता है–मोतियाबिंद वैसे तो बढ़ती हुई उम्र यानी 60 – 70 साल के बाद होने वाली बीमारी है. लेकिन हमारी बदलती लाइफस्टाइल, तनाव और टोबेको कंज्यूम करने की वजह से मोतियाबिंद बहुत यंग लोगो में आने लगा है. स्मोकिंग करने वालों में मोतियाबिंद की संभावना नॉन स्मोकर के मुकाबले दो से तीन गुना रहती है.

स्मोकिंग करने वाला इंसान जब कॉन्टैक्ट लेंस इस्तमाल करता है, तो खतरा और बढ़ जाता है. क्योंकि इससे कॉर्निया के सेंस कम हो जाते है और भी खतरा बढ़ जाता है. जैसे ड्राई आई आदि. ऐसे पेशेंट को भविष्य के कॉर्निया में अल्सर हो सकता है जिससे आंखे भी जा सकती है.

टॉक्सिक एंब्लाओपिया यानी चाहे अल्कोहल हो या टोबेको लेते हो तो पांच से दस साल तक लगातार इन सब का सेवन किया जाए, तो टॉक्सिक एंब्लाओपिया हो सकता है. जिसमे ज्यादातर केस में रोशनी वापस नही आती. डायबिटिक रेटिनोपैथी, ग्लूकोमा आदि है और ऐसे पेशेंट स्मोकिंग भी करते है तो ये बीमारियां और भी गंभीर रूप ले सकती है. पैसिव स्मोकर भी बचे उन्हे भी समस्या हो सकती है.

क्या करें : 

टोबेको कंज्यूम करने की आदत को धीरे धीरे त्यागे.

पैसिव स्मोकर भी स्मोक से दूर रहे.

डाइट में विटामिन, ओमेगा फैटी एसिड, प्रोटीन, एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर फल, सब्जियों का सेवन करें.

कम से कम 3 लीटर पानी पियें.

आंखों को एक्सरसाइज करें जैसे आंखों को ऊपर नीचे घुमाना, आईडी साइड घुमाना, क्लॉक और एंटीक्लॉक रोटेट करना.

स्क्रीन टाइम बढ़ गया है तो अच्छे लुब्रिकेंट इस्तमाल करें.

स्मोकर्स या टोबेको कंज्यूम करने वाले लोग रेगुलर आई चेक जरूर करें और घर वाले या आसपास वाले भी इन चीजों का ध्यान दे.

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