इंदौर

मालवा की सरजमीं से हुआ भाजपा और कांग्रेस का चुनावी शंखनाद : बिछ गई सियासी बिछात

प्रदीप जोशी
मालवा की सरजमीं से हुआ भाजपा और कांग्रेस का चुनावी शंखनाद : बिछ गई सियासी बिछात
मालवा की सरजमीं से हुआ भाजपा और कांग्रेस का चुनावी शंखनाद : बिछ गई सियासी बिछात
  • शाह की हुंकार ने भरा कार्यकर्ताओं में जोश, कमलनाथ ने लगाए जय जौहार के नारे

  • तैयारी के साथ आए कन्हैया कुमार के तरकश से भी छूटे तीखे शब्दबाण

प्रदीप जोशी

इंदौर :

रविवार को इंदौर में मध्यप्रदेश की सियासत का एक बड़ा दिन कहा जा सकता है। मालवा की सरजमीं से भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दल ना सिर्फ इलेक्शन मोड पर आ गए बल्कि एक तरह से विधानसभा चुनाव का शंखनाद भी हो गया। बहरहाल भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों की शीर्ष टीम इंदौर में मौजूद थी और दोनों ही तरफ से एक दुसरे पर जमकर शब्द बाण चलाए गए।

एक तरफ केंद्रीय गृह मंत्री ने बूथ सम्मेलन के जरिए कार्यकर्ताओं में प्राण फूंकने का काम किया। मालवा की धरा से उन्होंने कार्यकर्ताओं को विजय संकल्प दिलाया। वहीं दुसरी तरफ कमलनाथ ने आदिवासी युवाओं के बीच जय जौहार के नारे बुलंद कर एक तरह से चुनावी शंखनाद कर दिया। एक बात रविवार को साफ हो गई कि आगामी विधानसभा चुनाव के मुख्य रणनीतिकार अमीत शाह ही होंगे। नरेंद्रसिंह तोमर, भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव के अलावा कैलाश विजयवर्गीय भी टीम अमीत शाह का अहम हिस्सा रहेंगे यह भी तय हो गया। दुसरी तरफ कन्हैया कुमार ने जिस अंदाज में तैवर दिखाए उसे देख लग गया कि इन चुनाव में कांग्रेस की और से उनकी भूमिका भी खास रहेंगी।

सुप्त कार्यकर्ताओं में फूंक दिए प्राण

भाजपा वाले अमीत शाह को चाणक्य इसीलिए कहते है कि उन्हें चुनावी रणनीति बनाने में महारथ हांसिल है। शाह हालात को पढ़ना जानते है, कार्यकर्ताओं, जनता की भावनाओं को समझते है और परिस्थितियों का आकलन करने में सक्षम है। प्रदेश प्रभारी भूपेंद्र यादव, सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव की रिपोर्ट, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक पहुंचे फीडबैक के बाद शाह ने प्रदेश पर फोकस कर दिया। कार्यकर्ताओं उदासीनता को उन्होंने भी उन्होंने महसूस किया। शाह जानते है कि सत्ता की चाबी मालवा निमाड़ के पास है लिहाजा इंदौर के लिए दौरा अलग से तय किया गया। रविवार को शाह का भाषण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पर केंद्रीत था और निशाने पर कमलनाथ, दिग्विजय सिंह चढ़े रहे और जिस अंदाज में उन्होंने हूंकार भरी वह कार्यकर्ताओं में उर्जा का संचार करने के लिए काफी था।

आदिवासियों के साथ ब्राह्मणों को साधने की कोशिश

मालवा निमाड़ में आदिवासियों को साधने के तमाम प्रयास भाजपा कर रही है। पिछड़ा वर्ग पर भी खास फोकस है। रविवार को अमीत शाह ने ब्राह्मणों के तीर्थ जानापाव पहुंच कर समाज को साधने का प्रयास किया। गौरतलब है कि जानापाव भगवान परशुराम की जन्मस्थली है। शाह, मुख्यमंत्री चौहान के साथ वहां पहुंचे और पूजा अर्चना की।

टीम विजयवर्गीय ताकतवर बन कर उभरी

अमीत शाह ने भोपाल के दुसरे दौरे के तत्काल बाद इंदौर संभाग का दौरा और बूथ सम्मेलन के आयोजन की रूपरेखा तैयार करवाई और कमान अपने विश्वस्त कैलाश विजयवर्गीय को सौप दी। बारीश के मौसम में महज एक सप्ताह में बड़े आयोजन को सफलता पूर्वक आयोजित करना आसान नहीं था। क्योंकि सम्मेलन संभागीय होना था जिसमे आठ जिलों के करीब पचास हजार बूथ प्रभारी से लेकर पन्ना प्रमुख तक शामिल होना थे। बहरहाल विजयवर्गीय ने अपनी टीम के साथ ना केवल सफल आयोजन करवा दिया बल्कि पूरे संभाग में चुनावी माहौल बनाने का काम कर दिया।

कन्हैया कुमार कांग्रेस का नया चेहरा

रविवार को कांग्रेस के दो बड़े आयोजन इंदौर में थे। आदिवासी युवा महापंचायत, महिला कांग्रेस द्वारा आयोजित परिचर्चा। दोनों ही कार्यक्रम में प्रमुख आकर्षण जेएनएनयू के अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार थे। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं को उम्र का उलाहना देने वाली भाजपा को यह कांग्रेस का युवा जवाब माना जा सकता है। कन्हैया कुमार के तरकश से ऐसे ऐसे तीर छूटे कि सुनने वाले भी हतप्रभ रह गए। मतबल साफ था कि प्रदेश में आगमन से पहले कुमार ने खासी तैयारी कर रखी थी। अच्छे डिबेटर की तरह उन्होंने अपने खास अंदाज में पूरे समय मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और अमीत शाह को भी घेरे में लिए रखा। लगा नहीं कि वे कांग्रेसी नेता होने के बाद पहली बार प्रदेश में आए है। उनकी मौजूदगी और तैयारी ने साफ कर दिया कि आगामी चुनाव में कांग्रेस के प्रमुख स्टार प्रचारकों में वो प्रमुख रहेंगे।

शाह को काउंटर करने जुटे कांग्रेसी

आदिवासी युवा महासम्मेलन के जरिए कांग्रेस ने भी अपने चुनाव अभियान का शंखनाद इंदौर से ही कर दिया। 2018 के चुनाव में कांग्रेस को सत्ता की चाबी मालवा निमाड़ से ही प्राप्त हुई थी। सिंधिया की बगावत में अंचल की सात सीट भी प्रभावित हुई थी जिसे उप चुनाव में भाजपा ने हथिया लिया था। कांग्रेस को अभी भी अंचल का माहौल अनुकूल लग रहा है और इसी उद्देश्य से मालवा निमाड़ पर पार्टी की खास नजर लगी है। उधर अमीत शाह के दौरे को देखते हुए संभवतया कांग्रेस ने इस यात्रा के बीच इंदौर में आदिवासी युवा सम्मेलन का आयोजन रख लिया। हालांकि कांग्रेस की आदिवासी स्वाभिमान यात्रा सिधी से 19 जुलाई से शुरू हो चुकी है। बहरहाल चुनावी दौर है और इस तरह के काउंटर अटैक तो लाजमी है। इस सम्मेलन के जरिए कांग्रेस ने मालवा निमाड़ क्षेत्र की आदिवासी बहुत सीटों पर निशाना साधने का काम किया। कम समय में जिस तादाद में अंचल के कार्यकर्ता सम्मेलन में जुटे उससे लगा कि पार्टी अपने प्रयासों में सफल हो रही है।

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