इंदौर

11 प्लॉट अवैध तरीके से बेचे, अध्यक्ष को जेल : फिर हुआ पालीवाल समाज का अध्यक्ष पद रिक्त

Paliwalwani
11 प्लॉट अवैध तरीके से बेचे, अध्यक्ष को जेल : फिर हुआ पालीवाल समाज का अध्यक्ष पद रिक्त
11 प्लॉट अवैध तरीके से बेचे, अध्यक्ष को जेल : फिर हुआ पालीवाल समाज का अध्यक्ष पद रिक्त

जेल जाने के बाद ही समाज का अध्यक्ष पद खाली क्यों होता हैं : कौतुल का विषय

इंदौर : पालीवाल ब्राह्मण समाज 44 श्रेणी इंदौर के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने के बाद से ही श्री श्याम पिता बालकृष्ण दवे निरंतर समाजहित में महत्वपूर्ण कार्य करते हुए आगे बड़ रहे थे. लेकिन एक अन्य कानुनी प्रकरण के चलते प्रशासन ने उनके खिलाफ वैंधानिक कार्यवाही की गई. वैंधानिक कार्यवाही होते ही श्री श्याम दवे ने अपने पद से स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद निर्वाचित कार्यकारिणी ने उपाध्याक्ष श्री अखिलेश पुरोहित को अध्यक्ष पद का दायित्व सौंपा था. किंतु कोरोना काल में समाज में अपनी गहरी पैठ ना बना सके. इसी बीच उनके ऊपर कानुनी डंडा चल गया. जिसके चलते हुए भी अध्यक्ष पद की कुर्सी छोड़ना पड़ी. वर्तमान में अध्यक्ष पद की कुर्सी पुन : खाली हो गई हैं.

पालीवाल वाणी को मिली जानकारी के अनुसार निर्वाचित कार्यकारिणी वर्तमान में भवन मंत्री के पद पर शानदार दायित्वों का निर्वाह करने वाले श्री गोपीलाल जी व्यास (ग्राम. जावड़) अध्यक्ष की कुर्सी संभाल सकते हैं. यह हमारे सूत्रों के अनुसार संकेत है. समाज जनों की निरंतर मांग बनी हुई है कि अगर समाज में चुनाव होते है तो पूर्व अध्यक्ष श्री श्याम दवे पुन : अध्यक्ष पद का चुनाव लड़कर समाज में अतुल्य योगदान दे. पूर्व अध्यक्ष भी यकायक सक्रिय होकर अपनी दावेदारी को और मजबूति प्रदान करते हुए एक-दुसरे से मेलजोल बढ़ा लिया हैं. उससे स्पष्ट है कि चुनाव लड़ सकते है या फिर अपनी पैनल खड़ी करके चुनौति पेश कर सकते हैं. 

बता दे : दशहरा मैदान के समीप रेवेन्यु नगर चतुर्थ कर्मचारी हाउसिंग सोसायटी की मलीन बस्ती के आरक्षित 11 प्लॉट को तत्कालिन अध्यक्ष व उपाध्याक्ष ने अवैधानिक गैर तरीके से बेचे जाने पर अपन सत्र न्यायालय ने तीन-तीन साल की जेल और अर्थदंड की सजा को यथावत रखा गया हैं. छत्रीपुरा थाने में तत्कालीन अध्यक्ष अखिलेश पुरोहित पिता केशुलाल पुरोहित, उपाध्यक्ष हीरालाल पिता नाथूलाल पुरोहित के खिलाफ केश दर्ज हुआ था. 

पुलिस ने चालान पेश किया. प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पूर्व में दोनों को आरोपी मानते हुए उक्त सजा सुनाई थी. आरोपीयों ने उक्त सजा के खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील पेश की थी. दिनांक 12 अप्रैल 2022 को अपर सत्र न्यायाधीश इंदौर, मध्य प्रदेश प्रेमपाल ठाकुर की कोर्ट ने सजा को यथावत रखते हुए जेल भेजने के आदेश जारी किए. 

उपरोक्त विवेचना के आधार पर विचारण न्यालय द्वारा उपरोक्तानुसार अभियुक्तगण को दोषसिद्व किसा हैं. उसमें कोई तथ्यात्मक एवं वैंधानिक त्रृटि नहीं हैं. तथा विचारण न्यायालय द्वारा अभियुक्तगण को दोषसिद्व अपराध में जो दण्डादेश पारित किया गया हैं. वह भी उचित प्रतित होता हैं. अत : विचारण न्यायानय द्वारा घोषित दोषसिद्वि एवं दण्डादेश के निर्णण की पुष्टि की जाती हैं. और अभियुक्तगण की ओर से जो पृथक-पृथक अपीलें प्रस्तृत की गई. वे निरस्त की जाती हैं. अभियुक्तगण को विचारण न्यायालय द्वारा दी गई सजा भगुताये जाने हेतु संबंधित जेल भेजा जाये. 

आपराधिक अपील क्रमां 922/2016 एवं आपराधिक अपील क्रमांक 944/ 2016 का निराकरण एक साथ गया हैं. इसलिए आपराधिक अपील क्रमांक 922/2016 में निर्णय की असल प्रति रखी जाएं. और आपराधिक अपील क्रमांक 944/2016 में निर्णय की सत्यप्रति संलग्न की जाएं.

प्रकरण में अपीलार्थी अखिलेश पुरोहित द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अविनाश सिरपुरकर सहित श्री शक्तिसिंह तोमर अधिवक्ता, अपीलार्थी हीरालाल पुरोहित  द्वारा श्री के.आर. दिल्लीवाल अधिवक्ता वही प्रत्यर्थी द्वारा श्री सदाशिवराव खंडारे अपर लोक अभियोजक थे.

पूरे प्रकरण में फरियादी भंवरलाल जोशी ने छत्रीपुरा थाने में इसकी लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. और आरोपीयों के द्वारा किस प्रकार गबन कर अवैध तरीके से 11 प्लॉट अवैध तरीके से बेचे जाने की शिकायत की थी. आखिरकार फरियादी भंवरलाल जोशी की मेहनत रंग लाई.

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