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विवाहितों को मिलने वाली टैक्स छूट बंद हो सकती है...
Paliwalwaniजर्मनी 1958 का प्रावधान हटाने जा रहा, वजह- इससे असमानता बढ़ रही
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जर्मनी में शादीशुदा लोगों को टैक्स में छूट बंद होने जा रही है। इस बारे में चांसलर ओलाफ शुल्ज के नेतृत्व वाली सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (SDP) गठबंधन सरकार ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। शादी के नाम पर दी जाने वाली यह सब्सिडी किसी बेहतर काम में खर्च की जा सकती है।
दरअसल, इस कानून की लंबे समय से आलोचना हो रही है कि यह परंपरागत जेंडर भूमिकाओं को गलत तरीके से आगे बढ़ाता है। ‘इएगाटनस्प्लिटिंग’ या ‘मैरिटल स्प्लिटिंग’ कही जाने वाली इस व्यवस्था में एक जोड़े की कुल आमदनी को आधा किया जाता है और उस पर दोगुना टैक्स लगाया जाता है। इसका मतलब ये है कि दोनों की आमदनी में जितना ज्यादा अंतर होगा, टैक्स में उतना ज्यादा फायदा मिलेगा।
चूंकि जर्मनी में महिलाओं की तुलना में पुरुष, 18% ज्यादा कमाते हैं। इस कारण इस व्यवस्था का ज्यादा फायदा पुरुषों को होता है। टैक्स व्यवस्था खत्म करने का प्रस्ताव पहली बार 1981 में आया
मैरिटल स्प्लिटिंग की शुरुआत 1958 में उस वक्त हुई जब संघीय संवैधानिक कोर्ट ने कहा कि पहले से चल रही टैक्स व्यवस्था विवाहित लोगों को नुकसान पहुंचाती है। शादी से जुड़ी टैक्स व्यवस्था खत्म करने का प्रस्ताव पहली बार 1981 में आया था।
विवाहितों की सब्सिडी का बोझ 2.54 लाख करोड़ रुपए : जर्मनी सरकार भारी कर्ज में है और सरकारी खजाने पर दबाव है, जबकि सरकार इस सब्सिडी में जोड़ों को 31 अरब डॉलर(2.54 लाख करोड़ रुपए) दे रही है। इस महीने की शुरुआत में सरकार ने विवादित फैसला सुनाया कि 2024 से उन परिवारों में माता-पिता को मिलने वाला भत्ता खत्म कर दिया जाएगा जिनकी आमदनी सालाना 1.5 लाख यूरो (करीब 1.39 करोड़ रुपए) है।
अब सत्ताधारी SDP के नेता कह रहे हैं कि उस भत्ते के बजाय विवाहितों को मिलने वाली टैक्स छूट खत्म कर दी जाएगी।