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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा पर दुनियाभर के नेताओं की नजर, सभी भारत को अपने खेमे में लेने की कोशिश में

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा पर दुनियाभर के नेताओं की नजर, सभी भारत को अपने खेमे में लेने की कोशिश में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा पर दुनियाभर के नेताओं की नजर, सभी भारत को अपने खेमे में लेने की कोशिश में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में इस वक्त जर्मनी में हैं. प्रधानमंत्री की इस यात्रा से भारत जर्मनी के रिश्ते और मजबूत होंगे. लेकिन कूटनीति के लिहाज से पीएम मोदी का दौरा काफी अहम है और इस पर दुनिया भर की नजरें टिकी हैं. जंग में एक-दूसरे पर मिसाइल और गोला बारूद से हमला करने वाले रूस और यूक्रेन की नजरें भी इस दौरे पर हैं.

भारत के रुख पर दुनिया की नजर

माना जा रहा है कि पीएम मोदी की इस यात्रा से जर्मन कंपनियां भारत में निवेश बढ़ाएंगी. दोनों देशों के बीच कारोबार को नई ऊंचाई मिलेगी. इसी यात्रा में प्रधानमंत्री फ्रांस भी जाएंगे जहां कारोबार के साथ ही रक्षा व्यापार पर जोर रहेगा. इन दोनों देशों के अलावा प्रधानमंत्री डेनमार्क में भी कारोबार सहित कई मुद्दों पर बातचीत करेंगे. सबकी नजरें एक बार फिर रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के नजरिये पर होगी. 

प्रधानमंत्री मोदी के दौरे का इंतजार जर्मनी में रहने वाले भारतवंशियों को भी था, जो अब खत्म हो चुका है. प्रधानमंत्री मोदी का विशेष विमान जब जर्मनी की जमीन पर उतरा तो स्वागत के लिए भले ही जर्मनी की सेना, सैन्य अफसर से लेकर बड़े-बड़े अधिकारी मौजूद थे. लेकिन पीएम मोदी के कदमों पर उन तमाम राष्ट्राध्यक्षों की भी नजरें थीं, जिन्हें दुनिया चलाने का गुमान है. इस दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी जब तक विदेश में रहेंगे, बर्लिन से लेकर ब्रिटेन और मॉस्को से लेकर वॉशिंगटन तक की नजरें लगी रहेंगी. 

दिल खोलकर हुआ स्वागत

जर्मन एयरपोर्ट से निकलने के बाद प्रधानमंत्री होटल एडलॉन केम्पिंस्की पहुंचे और जब अंदर दाखिल हुए तो पूरा होटल मोदी-मोदी के नारों से गूंज उठा. कमरे में वंदे मातरम के नारे लगे और जर्मनी की जमीन पर भारतवंशियों का सपना साकार हो गया. जर्मनी में रहने वाले सैकड़ों भारतीयों का कारवां PM मोदी को सुनने और देखने पहुंचा था.   

कोई पीएम मोदी से हाथ मिलाने के लिए बेचैन तो कोई सेल्फी लेने के लिए. किसी को एक अदद ऑटोग्राफ की चाह थी. पीएम मोदी की एक झलक के लिए उमड़ी इस भीड़ में बुजुर्ग भी थे और बच्चे भी थे. इसी भीड़ के पास से गुजर रहे पीएम मोदी की नजर जब एक बच्ची मान्या के हाथ की पेंटिंग पर पड़ी, तो उनके कदम थम गए. मान्या के बनाए पेंटिंग को पीएम ने गौर से देखा, दो मिनट रुककर बात की और अपने ऑटोग्राफ भी दिए. मान्या ने पीएम को बताया कि उसने ये तस्वीर क्यों बनाई है. 

भारत को अपने खेमे में लेने की कोशिश

पीएम मोदी, जिनका जादू देश में बोलता है, विदेश में बोलता है, अपनों के बीच बोलता है, परायों के बीच बोलता है. न उम्र का बंधन, न सरहद की सीमा और प्रधानमंत्री मोदी का भी निराला अंदाज, जिनके बीच जाते, उन्हें अपने खास अंदाज में अपना बनाते. क्योंकि सख्त फैसले लेने वाले नरेंद्र मोदी कोमल मन वाले प्रधानमंत्री जो ठहरे.

जिस नेता को अपने गुट में शामिल करने के लिए दुनिया के ताकतवर देशों में होड़ मची है वो नेता अपने लोगों के बीच खड़ा था. लोगों से मिलने के बाद पीएम आगे होटल के अपने कमरे में चले गए. लेकिन 65 घंटे के इस दौरे पर दुनिया के हर उस देश की नजर है जो युद्ध में या तो यूक्रेन की तरफ हैं या फिर रूस की तरफ. भारत इस युद्ध में अबतक न्यूट्रल है. लेकिन भारत को अपने खेमे में शामिल करने की हर कोई कोशिश कर रहा है. 

जंग खत्म करना चाहता है भारत

बात-मुलाकात का दौर शुरू हो चुका है और पीएम मोदी ने बर्लिन में जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज से बातचीत की है. दोनों साथ-साथ कुछ कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे और फिर पीएम मोदी डेनमार्क के सफर पर निकल जाएंगे, जहां दुनिया के कई और बड़े नेताओं से उनकी बात-मुलाकात होगी. इस यात्रा का अंतिम पड़ाव फ्रांस होगा, जहां भारत के साथ फ्रांस के कूटनीतिक रिश्ते के 75 साल पूरा होने की ऊर्जा दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों में होगी.

रूस और यूक्रेन के जंग के बीच भारत के रुख पर दुनिया की नजर पहले भी थी, अब भी है. क्योंकि आज का भारत दुनिया के लिए उम्मीदों का भारत है, जो हमेशा अमन का हिमायती था, अमन की राह पर है.

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