दिल्ली
दिल्ली में व्यवसायिक श्रेणी के वाहनों का पंजीकरण जल्द ही करने लगेगे वाहन डीलर
paliwalwaniनई दिल्ली.
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो दिल्ली परिवहन विभाग की संचालन शाखा लगभग निजी वाहनों की तर्ज पर व्यवसायिक वाहनों के पंजीकरण को भी वाहन निर्माता/ वाहन डीलर्स को देने की अपनी प्रक्रिया पूरी कर चुका है, ओर जल्द ही दिल्ली में पंजीकृत वाहन डीलर व्यवसायिक वाहन खरीदने वालो को वाहन पंजीकृत करके पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रदान करने लगेगे।
सुनने और देखने में यह खबर जनहित में प्रतीत होती है पर व्यवसायिक वाहनों के पंजीकरण की बात समझे तो यह जनता की सुरक्षा से संबंधित है। मोटर वाहन नियम के अनुसार अर्ध-न्यायिक शक्ति (Quasi judicial Power) प्राप्त अधिकारी ही वाहन पंजीकरण, वाहन के चलने के आवश्यक दस्तावेज परमिट, वाहन जांच प्रमाण पत्र और वाहन चलाने के लिए अनिवार्य ड्राइविंग लाइंसेंस जारी कर सकता है क्योंकि यह जनता की सुरक्षा से जुड़ा सीधा मुद्दा है।
इसके अलावा दिल्ली में व्यवसायिक गतिविधि में प्रयोग होने वाले वाहनों खास तौर से व्यवसायिक गतिविधि में शामिल सवारी वाहनों के प्रति सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया, उच्च न्यायालय दिल्ली, गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्मित कमेटी एवम् एमवी एक्ट के अनुसार कई तरह की पंजीकरण/परमिट कंडीशन के साथ सीएमवीआर के अंतर्गत वाहनों की श्रेणी की अलग पहचान हेतु अलग अलग कलर कोड, एवम् सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी गैजट नोटिफिकेशन के अनुसार कई अन्य कंडीशन को पूरा करना होता है।
भारत देश की जनता को सार्वजनिक वाहन सेवा सुखद, सुरक्षित उपलब्ध हो इसके लिए समय समय पर सुरक्षा के प्रति नई कंडीशन लागू करने हेतु सभी राज्यों के परिवहन विभाग में एसटीएबोर्ड का गठन अनिवार्य किया गया है।
पिछले 9 सालों में दिल्ली भारत देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां दिल्ली सरकार और दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा राज्य की जनता की सुरक्षा को दरकिनार कर
1. तकनीकी पदों पर गैर तकनीकी अधिकारी लगा दिए जिन्हें वाहनों से संबंधित जानकारी के नाम पर अ ब स का भी अता- पता तक नहीं है और वह अधिकारी दिल्ली में वाहनों की अल्टरेशन, फ्यूल मोड बदलाव के आदेशों के साथ पंजीकरण प्रमाण पत्र, परमिट और ड्राइविंग लाइसेंस तक जारी कर रहे हैं।
2. दिल्ली में व्यवसायिक गतिविधि में शामिल होने वाले सवारी सेवा वाहनों के पंजीकरण के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा जारी पुलिस वेरिफिकेशन जिसके अंदर वाहन पंजीकरण करवाने वाले मालिक/ कंपनी का पते के साथ करेक्टर रिपोर्ट होना आवश्यक है।
3. दिल्ली में व्यवसायिक गतिविधि में पंजीकरण सिर्फ दिल्ली में रहने वाले व्यक्ति और दिल्ली में व्यवसायिक गतिविधि करने वाली कम्पनी के नाम ही हो सकता है।
4. दिल्ली में व्यवसायिक गतिविधि में शामिल होने वाले वाहन का फ्यूल मोड, कलर कोड एवम् श्रेणी के प्रति लागू अन्य सभी कंडीशन पूरी होने के बाद ही संभव है।
आपके याद ही होगा दिल्ली में घटित सबसे बड़ी दुर्घटना जिसने दिल्ली को शर्मसार कर दिया था और वह था ""निर्भया कांड"" जो सिर्फ इसी कारण हुआ था की बाहरी राज्य में रहने वाले व्यक्ति ने दिल्ली का गलत पता देकर सार्वजनिक सवारी सेवा का वाहन अपने नाम पंजीकृत करवा रखा था और जब व्यवसायिक वाहन खास तौर से सार्वजनिक सवारी सेवा में प्रयोग होने वाले का पंजीकरण वाहन डीलर/ निर्माता को दे दिया जाता है तो क्या वह अपने वाहनों को बेचने पर ध्यान देंगे या जनता की सुरक्षा के लिए अनिवार्य वाहन मालिक के सही प्रमाण?
दिल्ली परिवहन आयुक्त क्यों दिल्ली की जनता की सुरक्षा को ताक पर रखकर व्यवसायिक गतिविधि में शामिल होने वाले वाहनों का पंजीकरण वाहन निर्माता/ वाहन डीलर को देना चाहते है यह तो वह ही बेहतर जानते होंगे पर भारत के संविधान के अनुसार जनता की सुरक्षा को ताक पर लगाने का हक और ताकत शायद किसी को भी प्रदान नहीं की गई है।