दिल्ली
10वीं और 12वीं की ऑफलाइन परीक्षा रद्द करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज, आगे से ऐसी याचिकाओं पर होगा जुर्माना
Paliwalwaniदिल्ली. देशभर में 10वीं और 12वीं की ऑफलाइन एग्जाम को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की और इस याचिका को खारिज कर दिया। याचिका को खारिज करने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को लताड़ भी लगाई है। इस याचिका में सभी राज्य बोर्ड, CBSE, ICSE और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग द्वारा 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए आयोजित की जाने वाले ऑफलाइन एग्जाम को रद्द करने की मांग की गई थी। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बैंच कर रही थी।
याचिकाकर्ता को लताड़ा
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा, "इस तरह की याचिकाएं दायर की जा रही हैं? आप इस तरह की याचिकाएं दायर कैसे कर सकते हैं? इस तरह की याचिकाएं केवल छात्रों को भ्रमित करती हैं।"
कोर्ट ने यह भी कहा कि 'अगर भविष्य में ऐसी याचिकाएं दायर की जाती हैं तो वह याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाएगी।'
अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा, "यह याचिका गलत और अपूर्ण है। अधिकारियों ने अभी तक नियम और तारीखें तय नहीं की हैं। यदि निर्णय नियमों के अनुरूप नहीं है तो इसे चुनौती दी जा सकती है।"
क्या रहा सीबीएसई बोर्ड का पक्ष?
इस मामले में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) आज दोपहर 2 बजे सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा। एसजी तुषार मेहता सीबीएसई की तरफ से पेश हुए थे। सीबीएसई बोर्ड सुप्रीम कोर्ट से एग्जाम को कैन्सल न करने की बात कही। रिपोर्ट के अनुसार सीबीएसई का मानना है कि कोरोना के हालात में सुधार हुआ है, इसलिए अब 10वीं और 12वीं के एग्जाम ऑनलाइन ही होने चाहिए।
किसने दायर की याचिका?
ये याचिका वकील और बाल अधिकार कार्यकर्ता अनुभा श्रीवास्तव सहाय ने दायर की है। उन्होंने 10वीं-12वीं कक्षा के लिए ऑनलाइन एग्जाम आयोजित करने की मांग की है। इस याचिका पर मंगलवार को कोर्ट ने सीबीएसई को भी याचिका की प्रति भेजने को कहा था।
सोमवार को कोर्ट ने सुनवाई की दी थी रजामंदी
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पद्मनाभन सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश हुए थे और इस मामले का उल्लेख किया था। इसके बाद कोर्ट आज सुनवाई के लिए तैयार हुआ था। उन्होंने कहा था कि ये याचिका 10वीं और 12वीं के छात्रों के एग्जाम से जुड़ी है। कोरोना महामारी के कारण ऑफलाइन तौर पर कक्षाएं नहीं हुई है। इसलिए ऑफलाइन एग्जाम की जगह ऑनलाइन एगजाम हों।