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Thursday, 30 November 2023

दिल्ली

सरकार सभी पीएसयू बैंकों का निजीकरण करेगी : टी.वी. सोमनाथन

15 July 2021 07:17 PM paliwalwani.com
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नई दिल्ली. बैंक प्राइवेटाइजेशन को लेकर खबर आ रही है. वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन ने कहा कि सरकार अंतत : लगभग सभी पीएसयू बैंकों का निजीकरण (privatise) करेगी. सोमनाथन ने 13 जुलाई को इंडिया पॉलिसी फोरम 2021 में कहा कि सरकार अपनी घोषित नीति के अनुसार इस क्षेत्र में केवल न्यूनतम उपस्थिति बनाए रखेगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि ये उनके व्यक्तिगत विचार हैं.

सोमनाथन उस मंच पर बोल रहे थे, जिसे नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च एक अर्थव्यवस्था आधारित थिंक टैंक द्वारा आयोजित किया. सोमनाथन ने यह बात ऐसे समय में कही है जब देश की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी अपना IPO लाने की तैयारी में हैं. सोमनाथन ने आगे कहा कि हमने घोषणा की है कि ज्यादातर सरकारी बैंकों का अंतत: निजीकरण कर दिया जाएगा. यह कहना कि अंतत: निजीकरण करना और वास्तव में उनका निजीकरण करना दो अलग-अलग चीजें हैं, लेकिन हम उनके निजीकरण के लिए पूरी तरह से एक्टिव हैं. बैंकिंग उन सेक्टरों में से एक है जहां सिर्फ कम से कम सरकारी बैंक रहेंगे. यही घोषित नीति है.

● ये बैंक हो सकते है सरकारी से प्राइवेट : नीति आयोग ने 4-5 बैंकों के प्राइवेटाइजेशन की सिफारिश की है. इनमें बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB-India Overseas Bank), बैंक ऑफ इंडिया (BoI-Bank of India) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India) है. जिन दो नामों पर सबसे ज्यादा चर्चा है, वो इंडियन ओवरसीज बैंक और बैंक ऑफ इंडिया है. 

● कम से कम होंगे सरकारी बैंक : टी.वी. सोमनाथन  ने आगे कहा कि हमने घोषणा की है कि ज्यादातर सरकारी बैंकों का अंतत: (eventually) निजीकरण कर दिया जाएगा. यह कहना कि अंतत: निजीकरण करना और वास्तव (actually) में उनका निजीकरण करना दो अलग-अलग चीजें हैं, लेकिन हम उनके निजीकरण के लिए पूरी तरह से एक्टिव हैं. बैंकिंग उन सेक्टरों में से एक है जहां सिर्फ कम से कम सरकारी बैंक रहेंगे. यही घोषित नीति है.

क्या बैंकों का निजीकरण सही...! : वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अशवनी राणा ने मनी 9 को बताया कि वित्त मंत्री ने अपने बजट में बैंकों का निजीकरण (Banks Privatisation) करने का संकेत दिया था. सरकार का बैंकों के हालात को सुधारने के लिए बैंकों का निजीकरण करने का निर्णय ठीक नहीं है. सरकार आत्मनिर्भर भारत की बात करती है, लेकिन बैंकों के निजीकरण से सरकार के इस सपने को पूरा होने में निजी बैंकों का उतना योगदान नहीं होगा, जितना सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का होगा.

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