दिल्ली
क्रिप्टोकरेंसी हो सकती है बैन! वित्त मंत्री ने कहा - टैक्स लगाने का मतलब वैध करना नहीं
Paliwalwaniनई दिल्ली. क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो निवेशकों पर एक बार फिर से संकट के बादल गहरा गए है. बजट में सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी से हुए मुनाफे पर 30% का टैक्स लगाने के बाद क्रिप्टो एक्सचेंजों ने ये संदेश समझा था कि अनाधिकारिक रूप से ही सही, लेकिन ये वैध हो गई है अर्थात अवैध नहीं रही. लेकिन शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर राज्यसभा में बड़ा बयान देते हुए कहा कि टैक्स लगाने का मतलब ये नहीं कि क्रिप्टोकरेंसी वैध हो गई है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को राज्यसभा में बजट पर चर्चा के दौरान एक सवाल का जवाब दे रही थीं. उन्होंने कहा है कि सरकार ने सिर्फ क्रिप्टोकरेंसी के मुनाफे पर टैक्स लगाया है. सरकार ने इसे वैध बनाने, प्रतिबंध लगाने या रेगुलेट करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है.
अभी न लीगलाइज़ और न ही बैन
सीतारमण ने कहा, “मैं इसे अभी लीगलाइज़ या बैन करने नहीं जा रही हूं. इस पर प्रतिबंध लगाने या नहीं लगाने का फैसला बाद में होगा. जब हमें इसके बारे में पूरा इनपुट मिल जाएगा, फिर यह फैसला होगा.” वित्त मंत्री के इस बयान के बाद क्रिप्टोकरेंसी को लेकर फिलहाल तस्वीर बदल जाने का अनुमान है.
गौरतलब है कि बजट 2022-23 में वर्चुअल एसेट (Virtual Asset) से हुए मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स (Tax on crypto) लगाने की बात कही गई थी. इसके अलावा इसके ट्रांजेक्शन पर भी 1 फीसदी टीडीएस (TDS on Crypto) लगाने का ऐलान किया गया था. इससे यह माना जा रहा था कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लीगलाइज करने की दिशा में पहला कदम बढ़ा दिया है. लेकिन, शुक्रवार को निर्मला सीतारमण के बयान के बाद यह साफ हो गया है कि क्रिप्टो पर सरकार की पॉलिसी क्या होगी, इसका अंदाजा लगाना अभी मुश्किल है.
यह देश की सुरक्षा को खतरा : RBI
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने के खिलाफ रहा है. उसने बार-बार कहा है कि इसे मान्यता देने से देश की सुरक्षा को खतरा पैदा होगा. इसके अलावा इकोनॉमिक और फाइनेंशियल स्टैबिलिटी के लिए भी ठीक नहीं है. उसने अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने का ऐलान किया है.
सरकार ने भी क्रिप्टोकरेंसी पर ठोस नियम और कानून बनाने के लिए संसद में बिल पेश करने का फैसला किया है. यह बिल संसद के शीतकालीन सत्र में आने वाला था. लेकिन, इसे लेकर चर्चा पूरी नहीं होने की वजह से इसे पेश नहीं किया गया. सरकार इससे जुड़े सभी पक्षों की राय जानने की कोशिश कर रही है.