चित्तौड़गढ़
निंबाहेडा नगर पालिका अध्यक्ष श्री शंकरलाल राजोरा पत्नी श्रीमती पार्वती देवी सहित अन्य की हादसे में मौत-नम ऑखों दी अन्तिम
Lokesh menariyaमेनार। उदरपुर शहर से करीब 30 किमी.दूर काया के खरपीणा मोड़ पर सडक हादसे में निंबाहेडा नगर पालिका अध्यक्ष श्री शंकरलाल राजोरा पत्नी पार्वती देवी राजोरा एवं ड्राइवर श्री ओमप्रकाश कुमावत की मौके पर ही मौत हो गई। इनके साथ कार में कॉलेज प्राचार्य श्री नित्यानंद द्विवेदी और इनकी पत्नी की गंभीर हालात बनी हुई है। पालिकाध्यक्ष ,पत्नी व अपने मित्रो सहित गुजरात के द्वारिका धाम से दर्शन कर निंबाहेडा लोट रहे थे। पालीवाल वाणी को सूत्रों ने बताया कि अनुसार श्री राजोरा की कार उदयपुर से पहले 30 किमी.पहले खड़े ट्रोले में जा घुसी। जिससे यह दर्दनाक हादसा हो गया। मौके पर ही पालिकाध्यक्ष श्री शंकरलाल राजोरा, पत्नी पार्वतीबाई राजोरा, ड्राइवर श्री ओमप्रकाश कुमावत की मौके पर ही मोत हो गई। साथ में कॉलेज प्राचार्य श्री नित्यानंद व पत्नी की गंभीर हालत पर होने पुलिस ने तत्काल उदयपुर एमबी अस्पताल पहुंचाया। जहां इनका इलाज जारी। दुर्घटना की जानकारी मिलते ही निम्बाहेडा में शोक की लहर छा गई। कई जनप्रतिनिधि, मित्र, परिजन उदयपुर हास्पिटल पहुंच गये।
श्री राजोरा का राजनीति सफर
मध्यप्रदेश के रतलाम में जन्में एवं निंबाहेड़ा के प्रतिष्ठित पत्थर व्यवसायी श्री भेरूलाल राजोरा के यहां गौद आए श्री शंकरलाल राजोरा ने अपने जीवन में पहली बार वर्ष 2014 में नगरपालिका पार्षद पद का चुनाव लड़कर राजनैतिक सफर शुरू करते हुए पालिका अध्यक्ष बनने का गौरव प्राप्त किया था। 2014 के पूर्व पालिका बोर्ड में उनकी पत्नि श्रीमती पार्वतीदेवी राजोरा पार्षद रह चुकी थी। श्रीह राजोरा ने विधायक श्री कृपलानी एवं जनप्रतिनिधियों के साथ नागरिक गणों की उपस्थिति में 4 दिसम्बर 2014 को 17 वें पालिका अध्यक्ष पद की शपथ ग्रहण की थी। वे गौ भक्त संत पं. कमलकिषोर नागर को अपना गुरू मानते थे एवं विधायक श्री कृपलानी व पूर्व विधायक अशोक नवलखा को राजनीति में अपना आदर्श मानते थे।
गौ-भक्त श्री राजोरा सहज, सरल व हंसमुख व्यक्तित्व के धनी थे
नपा अध्यक्ष श्री शंकरलाल राजोरा निंबाहेड़ा ही नहीं अपितु संपूर्ण क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित व्यवसायी के साथ-साथ गौ भक्त होकर उन्हें धर्म परायण एवं समाज सेवक के रूप में जाना जाता था। वे सहज, सरल व हंसमुख व्यक्तित्व के धनी थे। श्री राजोरा का जन्म 22 फरवरी 1952 में रतलाम के रामगोपाल राजोरा के यहां हुआ था, माता का नाम श्रीमती भाग्यवंती बाई राजोरा था। 1963 में व्यवसायी श्री भेरूलाल राजोरा के यहां गौद आए और श्री भेरूलाल व उनकी पत्नि श्रीमती सुंदर बाई राजोरा की गौद में ही पलें और बढे़ हुए और माता, पिता की समाज सेवा संस्कृति के उत्तराधिकारी बनें। सिनियर हायर सैकण्डरी तक शिक्षा ग्रहण की। उनका विवाह वर्ष 1977 में चित्तौड़गढ निवासी श्री बंशीलाल नाहर की पुत्री श्रीमती पार्वती के साथ संपन्न हुआ।
श्री राजोरा एवं उनकी पत्नि श्रीमती पार्वती का धर्म के प्रति काफी लगाव था। वे पिछले कई वर्षो से प्रतिवर्ष भादवा चतुर्थी को निंबाहेड़ा से श्री चारभुजाजी तक 7 दिन की पैदल यात्रा कर जलझुलनी ग्यारस पर वहां पहुंचकर धार्मिक अनुष्ठान करते रहें है। 5 सितम्बर 2016 को भी श्री राजोरा का श्री चारभुजाजी पद यात्रा का कार्यक्रम तय था। स्टेशन रोड़ स्थित भगवान द्वारिकाधीश मंदिर के ट्रस्टी रहते उन्होनें कई धार्मिक आयोजनों में लगातार जनभागीदारी की। प्रसिद्ध गौ भक्त संत श्री कमल किशोर जी नागर की निंबाहेड़ा में तीन बार कथा आयोजन कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। संतो के साथ सत्संग से श्री राजोरा आनन्दित होते थे। साथ ही सांवलियाजी एवं अम्बामाता शक्तिपीठ के प्रति इनके मन में अपार श्रद्धा थी। विरासत में मिली समाज सेवा को उन्होनें उत्तरोत्तर पथ पर ले जाकर अपने श्री राजोरा परिवार को गौरवान्वित किया है। उनके पिता भेरूलाल द्वारा 1963 से ही निंबाहेड़ा के विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी व्यवस्था का कार्य शुरू किया था, उसे श्री राजोरा के नेतृत्व में परिवार द्वारा पिछले पांच दशकों से निरन्तर यथावत रखा गया है। इनके पिता ने अपनी बड़ी पत्नि व श्री राजोरा की बड़ी माताजी श्रीमती जग्गी बाई के निधन के दिन से ही विश्राम घाट पर उक्त व्यवस्था उनकी स्मृति में शुरू की थी। श्री राजोरा के मन में समाजोत्थान एवं शिक्षा के प्रति अत्यधिक लगाव अंत समय तक बना रहा। उन्होनें समाज के सामुहिक विवाह सम्मेलन भी कराए थे। जीवन की अंतिम यात्रा के पूर्व श्री राजोरा अपनी पत्नि के साथ द्वारिका व सोमनाथ की धार्मिक यात्रा पर गए थे। श्री राजोरा दम्पत्ति अपने पिछे बडे पुत्र श्री जगदीश राजोरा व श्री प्रहलाद राजोरा सहित भरा पुरा परिवार छोड़ गए।
मौत की खबर से पुरे शहर में शोक की लहर छाई
निंबाहेड़ा नगर पालिका चेयरमेन श्री शंकर लाल जी राजोरा और उनकी पत्नी एवम् ड्राईवर की सड़क दुर्घटना में हुई अचानक मौत की खबर से पुरे शहर में शोक की लहार दौड़ गयी। दुःखद समाचार की खबर ने सभी को स्तब्ध कर दिया। उदयपुर से तीनो के शव यहाँ 12.30 बजे दिन में जेसे ही पहुंचे सभी नगर वासी स्तब्ध रह गए। जब 3 बजे निकली तीनो की शव यात्रा तो मानो पुरे निंबाहेड़ा वासियों की आँखों से आंसू थमने का नाम ही नही ले रही थी । इस दुखद घडी में सर्वश्री सांसद सीपी जोशी , विधायक कृपलानी, अशोक नवलखा, चित्तोड़ विधायक चंद्रभान सिह आक्या व सभापति सुशील शर्मा, उदयलाल आँजना, प्रशासन एवम् नगर के प्रबुद्ध नागरिक , प्रतापगढ़ , चित्तोड़गढ़, नीमच , छोटीसदरी, इंदौर, भोपाल, उदयपुर के आस पास ग्रामों से सैंकड़ो की तादात में जन समूह उमड़ पड़ा। नगर के बाजार में पूरे सन्नाटा छा रहा उसका असर दुसरे दिन भी देखने को मिला जब ग्रामीण जनता श्री राजोरा के नाम की चर्चा करते हुए उनको भावभीनी श्रद्वाजंलि देकर उनके कार्यों की जमकर भूरी, भूरी प्रशांसा कर रही थी। उनके दुःखद निधन पर पालीवाल वाणी समाचार पत्र, नवदुर्गा मीडिया, परशुराम संदेश की ओर से श्रद्वासुमन अर्पित कर श्रद्वाजंलि अर्पित की गई।
पालीवाल वाणी ब्यूरो से लोकेश मेनारिया