भोपाल
स्कुल पॉलिसी 2024 : राज्य सरकार ने स्कूल बैग नियमावली जारी की
sunil paliwal-Anil Bagoraभोपाल : आगामी शिक्षा सत्र सीबीएसएस अप्रैल माह से शूरू हो जाता है कुछ निजी स्कूले इसी शिक्षा सत्र के मानकों का पालन कर स्कूल सत्र शुरु करती है। राज्य मे मोहन सरकार पदस्थ है और यह सरकार बच्चो की क्लास और उम्र के मानक के अनुसार बस्तो का वजन तय कर रही है.
जिसकी गाईड लाईन लोक शिक्षण संचानालय द्वारा जारी की गई है, जिसमे जिले के कलेक्टर, संयुक्त संचालक, सहायक आयुक्त, समन्वयक, विकास खंड जिला शिक्षा अधिकारी, स्कूलों के संचालक, प्रिंसिपल को अवगत करवा दिया गया है. नए सत्र मे कक्षा पहली के बच्चे के बस्ते का वजन 1.6 से 2.2 किलो दूसरी क्लास के बच्चे के बस्ते का वजन भी 1.6 से 2.2 kg कक्षा तीसरी, कक्षा चौथी और कक्षा पांचवी के बच्चे का बस्ता वजन 1.7 से 2.5 kg कक्षा छटवी और कक्षा 7 वी का स्कूल बस्ता वजन 2 से 3 kg कक्षा आठवीं , नवमी और दशवी का बस्ता 2.5 से 4.5किलो से ज्यादा वजनी नही होना चाहिए,
ग्यारहवीं और बारहवीं के बस्तों के वजन के लिऐ शाला विकास समिती विषयो के आधार पर वजन का मानक निर्धारित कर सकती है.
हर 3 महीने में होगा स्कूलों में निरीक्षण
नई पॉलिसी में तहत स्कूल बैग के तय वजन का कड़ाई से पालन कराया जाएगा. जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि हर 3 महीने में स्कूलों में दौरा करें और बस्ते का वजन देखें. इस नई पॉलिसी का पालन पालन नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि पिछले कई सालों से पैरेंट्स और विशेषज्ञ भी इस बात को महसूस कर रहे थे कि बच्चों के स्कूल बैग का वजन ज्यादा है. इससे बच्चे पर शारीरिक और मानसिक तौर पर दबाव होता था. बच्चा स्कूल से वापस आने के बाद अच्छा महसूस नहीं करता था. दूसरी ओर, बच्चे के मानसिक विकास के नाम पर घंटों का होमवर्क दिया जाता था. इससे उस पर अनावश्यक दबाव हर वक्त रहता था.
महीने में एक दिन छात्र-छात्राएं बिना बस्ते के स्कूल आएंगे
गौरतलब है कि बस्ते में राज्य सरकार और एनसीईआरटी द्वारा तय की गई किताबों को ही रखा जाएगा. नई पॉलिसी के मुताबिक, महीने में एक दिन छात्र-छात्राएं बिना बस्ते के स्कूल आएंगे. कक्षा पहली से दूसरी तक के छात्र-छात्राओं का होमवर्क भी नहीं दिया जाएगा. कक्षा 3 से पांचवी तक सप्ताह में 2 घंटे और छठवीं से आठवीं तक हर दिन 1 घंटे और नौवीं से बारहवीं तक के बच्चों को हर दिन अधिकतम 2 घंटे का ही होमवर्क मिलेगा. सभी निजी स्कूल और सरकारी स्कूलों को अपने नोटिस बोर्ड पर बस्ते के वजन का चार्ट लगाना अनिवार्य होगा. कंप्यूटर, नैतिक शिक्षा और सामान्य ज्ञान की कक्षाएं बिना किताबों के ही लगानी होंगी.