भोपाल

पिता-पुत्री पर केस दर्ज : रिटायर्ड अधिकारी के बैंक खातों से 50 लाख निकाले

Paliwalwani
पिता-पुत्री पर केस दर्ज : रिटायर्ड अधिकारी के बैंक खातों से 50 लाख निकाले
पिता-पुत्री पर केस दर्ज : रिटायर्ड अधिकारी के बैंक खातों से 50 लाख निकाले

फर्जी वसीयत तैयार कर संपत्ति हड़पने की साजिश  

भोपाल : भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स (भेल) के रिटायर्ड जनरल मैनेजर के बैंक खातों से धोखाधड़ीपूर्वक 50 लाख रुपए निकालने के मामले में पुलिस ने पिता-पुत्री के विरुद्ध केस दर्ज किया है। जनरल मैनेजर के निधन के बाद आरोपियों ने फर्जी वसीयत तैयार कर खुद को उनका वारिस बताया और बैंक खातों से धनराशि निकाल ली। इसके बाद उनका फ्लैट अपने नाम कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी लेकिन इसी बीच जनरल मैनेजर के परिवार के अन्य सदस्यों को इसकी जानकारी मिल गई और पूरे मामले का भंडाफोड़ हो गया।

इसी बीच एम पी नगर पुलिस को लिखित में शिकायत भी की गई लेकिन पुलिस की ढिलाई के कारण आरोपियों के हौसले बुलंद हो गए और फर्जी तरीके से बैंक खातों से राशि निकालने में कामयाब रहे। यदि परिजनों को कुछ दिन और यह जानकारी नहीं मिलती तो आरोपीगण बैंक राशि के अलावा फ्लेट व अन्य संपत्ति भी अपने नाम ट्रांसफर करवा लेते। 

एमपी नगर पुलिस के अनुसार आरोपियों के नाम हैं-गुरविंदर सिंह पिता स्वर्गीय महेंद्रसिंह राठौर तथा उसकी पुत्री मनप्रीत कौर निवासी साकेत नगर। इनके विरुद्ध मनमोहन मंडलोई निवासी एमपी नगर द्वारा शिकायत की गई है। जिसके आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 404 और 420 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने शिकायतकर्ता मनमोहन मंडलोई के भाई विनोद मंडलोई की मृत्यु के बाद धोखाधड़ीपूर्वक उनके बैंक खाते से 50 लाख रुपए निकाल लिए। विनोद मंडलोई बीएचईएल से जनरल मैनेजर के पद से रिटायर हुए थे। उनके सहकर्मी महेंद्रसिंह राठौर से उनकी प्रगाढ़ मित्रता थी। पूर्व में गोविंदपुरा में वे पास-पास ही रहते थे। महेंद्रसिंह राठौर के पुत्र आरोपी गुरविंदर का भी विनोद के घर  आना-जाना लगा रहता था। उसे विनोद मंडलोई के बारे में पूरी जानकारी थी। विनोद अविवाहित थे।

22 अप्रैल-2021 को उनका निधन हो गया। 4 सितंबर 2021 को स्थानीय समाचार पत्र में सूचना प्रकाशित हुई जिसमें जानकारी दी गई थी कि विजय स्तम्भ जोन क्रमांक 1 स्थित फ्लैट नंबर 506 को नामांतरित करने हेतु आरोपी गुरविंदर सिंह द्वारा आवेदन पेश किया गया। नामातंरण फर्जी वसीयत के आधार पर कराया जा रहा था। यह फ्लैट स्व. विनोद मंडलोई और उनके भाई स्व. प्रमोद मंडलोई के नाम पर है तथा वर्तमान में शिकायतकर्ता मनमोहन मंडलोई व अन्य परिजनों का इस पर अधिकार है। जैसे ही मंडलोई परिवार को इस फर्जीवाड़े की जानकारी मिली तो उन्होंने भोेपाल विकास प्राधिकारण के समक्ष आपत्ति प्रस्तुत की। इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक गोविंदपुरा शाखा और आईसीआईसीआई बैंक की एमपी नगर जोन-2 शाखा में जाकर स्व. विनोद के बैंक खातों में जमा राशि की जानकारी हासिल की। वहां बैंक अधिकारियों ने बताया कि आरोपी गुरविंदर ने दस्तावेजों के आधार पर स्वयं को स्व. प्रमोद व स्व. विनोद मंडलोई का वारिस बताते हुए बैंक खातों में अपना नाम जुड़वाने का प्रयास किया था लेकिन बैंक अधिकारियों ने सर्तकता बरतते हुए गुरविंदर का नाम जोड़ने से इंकार कर दिया।

आरोपी गुरविंदर ने फ्लैट से विनोद मंडलोई की चेक बुक, बैंक पास बुक व अन्य दस्तावेज चुराकर तीन बार में 4 लाख 85 हजार रुपए अपने तथा पुत्री मनप्रीत कौर के बैंक खाते में ट्रांसफर करवा लिए। अगस्त 2021 से 25 मई 2022 तक की जानकारी बैंक से निकलवाने पर पता चला कि आरोपियो ने दोनों बैंक खातों से 50 लाख रुपए निकाल लिए। पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनसे पूछताछ जारी है। प्रकरण की जांच के दौरान यह पता लगाया जा रहा है कूटरचित वसीयत व अन्य दस्तावेज तैयार करने में किसने आरोपियों की मदद की थी। जांच के बाद उन्हें आरोपी बना कर उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।

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