भोपाल

BJP : पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ की बगावत से दमोह में भारी नुकसान : नेता प्रतिपक्ष के लहार में भाजपा का खाता तक नहीं खुला

Paliwalwani
BJP : पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ की बगावत से दमोह में भारी नुकसान : नेता प्रतिपक्ष के लहार में भाजपा का खाता तक नहीं खुला
BJP : पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ की बगावत से दमोह में भारी नुकसान : नेता प्रतिपक्ष के लहार में भाजपा का खाता तक नहीं खुला

भोपाल : मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण में 122 नगर पालिकाओं और नगर परिषदों का रिजल्ट घोषित हो गया है। इन निकायों में अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव हुआ। यानी पार्षदों में से अध्यक्ष चुना जाएगा। 85 निकायों में बीजेपी का अध्यक्ष बनाना तय माना जा रहा है। कांग्रेस का अध्यक्ष सिर्फ 9 निकायों में बनता दिख रहा है। हालांकि, 28 निकाय ऐसे हैं, जहां पार्षदों की संख्या बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाने के कारण पेंच फंसा है। इन निकायों में जिस पार्टी को निर्दलीयों का साथ मिल जाएगा, उसे अध्यक्ष की कुर्सी मिलेगी।

बीजेपी को दमोह में पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ की बगावत का नुकसान उठाना पड़ा। दमोह नगर पालिका में अब तक बीजेपी का कब्जा रहा, लेकिन इस बार उसे निर्दलीयों का सहारा चाहिए। यहां बीजेपी के 17 और कांग्रेस के 13 पार्षद प्रत्याशी जीते हैं। बहुमत के लिए जादुई आंकड़ा 19 है। अब 9 निर्दलीय पार्षद तय करेंगे कि किसे समर्थन देना है।

सागर में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया है। पीब्डल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव के विधानसभा क्षेत्र रेहली नगर पालिका में बीजेपी का कब्जा बरकरार है। एक अन्य नगर पालिका मकरोनिया और तीन नगर परिषदों में भी बीजेपी का अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ है, जबकि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के संसदीय क्षेत्र खजुराहो नगर परिषद को बीजेपी, कांग्रेस से नहीं छीन पाई। यहां 15 में से 7 पार्षद कांग्रेस के जीते हैं। बीजेपी के 4। शेष 4 निर्दलीय उम्मीदवार जीत कर आए हैं।

शिवराज के गृह जिले में बीजेपी का कब्जा बरकरार

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर की नगर पालिका में बीजेपी का कब्जा बरकरार है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा नगर पालिका में बीजेपी का अध्यक्ष बनना तय है। यहां 15 में से बीजेपी के 9 पार्षद जीते हैं। कांग्रेस के 5 पार्षद परिषद में पहुंचे हैं।

इंदौर की 8 में से 4 परिषदों में बीजेपी को बहुमत

इंदौर की 8 नगर परिषदों में से महूगांव, मानपुर, राऊ और सांवेर में बहुमत मिला है। हालोद, बेटमा और देपालपुर में पार्षदों की संख्या में ज्यादा अंतर नहीं होने के कारण यह तय नहीं है कि अध्यक्ष किस पार्टी का बनेगा? जबकि गौतमपुरा में 15 में से 8 पार्षद कांग्रेस के जीते हैं। यदि क्रॉस वोटिंग नहीं होती है तो यहां कांग्रेस का अध्यक्ष बनेगा।

नरसिंहपुर में बड़ा उलटफेर

नरसिंहपुर जिले की तीन नगर पालिकाएं करेली, गोटेगांव व गाडरवारा बीजेपी ने कांग्रेस से छीन ली है। इसी तरह तेंदूखेड़ा, सांईखेड़ा और सालीचौका नगर परिषद में अब बीजेपी का कब्जा हो गया है। तीनों परिषदों में अब तक कांग्रेस का अध्यक्ष था। सिर्फ एक परिषद चिंचली में कांग्रेस-बीजेपी के 7-7 पार्षद जीतने से समीकरण गड़बड़ा गया है। यहां एक निर्दलीय पार्षद जीता है। वह जिस तरफ जाएगा, अध्यक्ष उसी पार्टी का बनेगा।

लहार में बीजेपी का खाता तक नहीं खुला

भिंड की लहार नगर पालिका में बीजेपी अपना खाता तक नहीं खोल सकी। यहां पर बीजेपी को करारी हार मिली है। लहार नगर पालिका के 15 वार्ड में से 13 वार्ड पर कांग्रेस के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है। जबकि, 2 वार्ड में निर्दलीय प्रत्याशी विजयी हुए हैं। बीजेपी को कहीं कोई जगह नहीं मिल सकी।

अंबाह में बीजेपी को 18 में से 9 वार्ड पर जीत

अंबाह नगर पालिका में बीजेपी ने 18 वार्ड में से 9 वार्ड पर अपनी जीत का परचम लहरा दिया है। यहां बीजेपी ने पूरी दम लगा दिया था, जबकि कांग्रेस ने अंबाह नगर पालिका में 5 सीट पर जीत हासिल कर ली है। खास बात यह रही की अंबाह नगरपालिका में 4 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी जीत हासिल की है।

पोरसा में बीजेपी को 5 सीट पर जीत

इसी तरह पोरसा नगर पालिका में बीजेपी और कांग्रेस की टक्कर देखने को मिली। बीजेपी ने 5 सीट पर जीत हासिल की है। इसी तरह कांग्रेस ने भी पोरसा नगर पालिका में 5 सीट पर जीत हासिल की है, जबकि यहां आम आदमी पार्टी ने भी खाता खोल लिया है। आम आदमी पार्टी के एक प्रत्याशी ने यहां जीत हासिल की है। अंबाह की तरह ही पोरसा नगर पालिका में भी चार निर्दलीय प्रत्याशी जीत कर आए हैं।

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