Tuesday, 22 July 2025

भोपाल

मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का नाम लगभग तय...! खंडेलवाल और उइके में प्रबल दावेदार कौन?

paliwalwani
मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का नाम लगभग तय...! खंडेलवाल और उइके में प्रबल दावेदार कौन?
मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का नाम लगभग तय...! खंडेलवाल और उइके में प्रबल दावेदार कौन?

भोपाल. मध्य प्रदेश बीजेपी को एक दो दिन में नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने जा रहा है. लगभग 10 महीने से चल रहे गहन मंथन के बाद नतीजा अब अंतिम चरण में पहुंच गया है. आज शाम चार बजे बीजेपी केंद्रीय चुनाव अधिकारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भोपाल पहुंचेंगे. जहां पर 4.30 बजे नामांकन प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इसके बाद कल यानि 2 जुलाई 2025 को नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा की जाएगी.

हेमंत खंडेलवाल, 2007 में पहली बार सांसद चुने गए थे. दरअसल, यह सीट उनके पिता विजय खंडेलवाल के निधन के बाद खाली हो गई थी. इस कारण हेमंत खंडेलवाल को बैतूल लोकसभा सीट से उपचुनाव में टिकट मिल गया था. उन्होंने लोकसभा उपचुनाव में जीत हासिल की थी.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बैतूल से विधायक और पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल का नाम सबसे ऊपर आ रहा है. वहीं हेमंत खंडेलवाल को पार्टी के सीनियर नेताओं, मुख्यमंत्री समेत और अन्य प्रमुख चेहरों का समर्थन मिल रहा है. वहीं हेमंत खंडेलवाल का राजनीतिक सफर भी काफी मजबूत रहा है. उनके पिता विजय खंडेलवाल बीजेपी के वरिष्ठ नेता रह चुके हैं. जिससे पार्टी संगठन में उनका जुड़ा काफी पुराना माना जाता है.

इसके अलावा, हेमंत खंडेलवाल का RRS से भी जुड़ाव रहा है. इतना ही नहीं उनका राजनीतिक करियर भी साफ सुथरा बताया जा रहा है. इसी वजह से हेमंत खंडेलवाल को प्रदेश अध्यक्ष के अन्य दावेदारों से ऊपर माना जा रहा है. आपको बता दें कि खंडेलवाल वर्तमान में प्रदेश भाजपा के कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं. 

2007 में बने थे सांसद : हेमंत खंडेलवाल, 2007 में पहली बार सांसद चुने गए थे. दरअसल, यह सीट उनके पिता विजय खंडेलवाल के निधन के बाद खाली हो गई थी. इस कारण हेमंत खंडेलवाल को बैतूल लोकसभा सीट से उपचुनाव में टिकट मिल गया था. उन्होंने लोकसभा उपचुनाव में जीत हासिल की थी. इसके बाद 2009 में बैतूल लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हो गई.

लेकिन हेमंत खंडेलवाल का अस्तत्व कभी कम नहीं रहा है. उन्होंने 2013 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी, हालांकि 2018 में चुनाव हार गए थे, वहीं 2023 में फिर से एक बार विधायक चुने गए. 

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