भोपाल

मध्य प्रदेश के 7 लाख कर्मचारियों के बढ़ेंगे भत्ते : निर्णय लेने की तैयारी..,

sunil paliwal-Anil Bagora
मध्य प्रदेश के 7 लाख कर्मचारियों के बढ़ेंगे भत्ते : निर्णय लेने की तैयारी..,
मध्य प्रदेश के 7 लाख कर्मचारियों के बढ़ेंगे भत्ते : निर्णय लेने की तैयारी..,

भोपाल. मध्य प्रदेश के 7 लाख से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों को दिया जाने वाले गृह भाड़ा, परिवहन और मंत्रालय भत्ते में वृद्धि जल्द होगी. इसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की तैयारी है. शिवराज सरकार में वित्त सचिव अजीत कुमार ने इसको लेकर रिपोर्ट दी थी, जिस पर अब निर्णय लेने की तैयारी है. 

मंत्रियों की निजी पदस्थापना में पदस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों का विशेष भत्ता भी बढ़ाया जाएगा. उल्लेखनीय है कि मुंबई, दिल्ली जैसे महानगरों में पदस्थ प्रदेश के कर्मचारियों के गृह भाड़ा भत्ते की दर 10 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत की जा चुकी है. प्रदेश में राज्य वेतन आयोग की अनुंशसा पर साल 2012 में गृह भाड़ा भत्ते (एचआरए) की दर में संशोधन किया था. उस दौरान वित्त सचिव मनीष रस्तोगी थे. वे अब विभाग के प्रमुख सचिव हैं.

सातवां वेतनमान 2018 से मिल रहा है, लेकिन भत्ते नहीं बढ़ाए गए. इसे लेकर कर्मचारी संगठन ने मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इस दौरान महंगाई कई गुना बढ़ गई. शिवराज सरकार के समय वित्त सचिव अजीत कुमार को भत्तों में वृद्धि के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी दी थी. उन्होंने विभाग को रिपोर्ट सौंप दी.

विभागीय अधिकारियों के अनुसार इसमें भत्तों को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की अनुशंसा की गई. महंगाई भत्ता भी सूचकांक के अनुसार ही बढ़ाया जाता है. यह वर्तमान में प्रदेश के कर्मचारियों को 46 और अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को 50 प्रतिशत की दर से दिया जा रहा है.

सूत्रों का कहना है कि सातवें वेतनमान को लेकर भत्ते के संबंध में जो अनुशंसाएं की थीं, उसके आधार पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को जोड़ते हुए दरें संशोधित की जाएंगी. इसका लाभ सभी संवर्गों के कर्मचारियों को मिलेगा.

12 साल पहले बढ़ाया था भत्ता : मंत्रालयीन अधिकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने कहा कि कर्मचारियों का गृह भाड़ा भत्ता वित्त विभाग ने साल 2012 में बढ़ाया गया था. इसमें 2001 की जनगणना के आधार पर वेतन बैंड में वेतन और ग्रेड वेतन के योग के आधार पर प्रतिशत निर्धारित किया गया.

7 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों में निवासरत अधिकारियों-कर्मचारियों को 10 प्रतिशत, 3 से 7 तक जनसंख्या वाले नगरों में 7, 50 हजार से 3 लाख तक नगरों में 5 और 50 हजार से कम जनसंख्या वाले नगरों में रहने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए दर 3 प्रतिशत निर्धारित की थी.

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
GOOGLE
Latest News
Trending News