आमेट
मासिक दर्द की झिझक को खुद महसूस किया, बेटियों की लिए खोल दी पीरियड की पाठशाला : भावना पालीवाल
M. Ajnabee-Kishan Paliwal-
महिलाओ के सबसे बड़े दर्द पर 10 वर्षो से कर रही है सेनेटरी पैड यात्रा.
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पैडयात्रा : 55000 सेनेटरी पैड बांटे और 300 से अधिक कार्यशालाओ का आयोजन किया.
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शुरू मे कई ने उड़ाया मज़ाक लेकिन अब दे रहे है हजारो साथ.
आमेट : कहते है कभी कभी कोई घटना दिल दिमाग पर इतना गहरा असर छोड़ जाती है. कुछ ऐसा ही कर गुजरने की ताकत मिलती है, जो सहज सोच पाना संभव नहीं है. स्कूल समय में बाल विवाह के कारण एक सखी की पढाई क्या छुटी भावना पालीवाल की दुनिया ही छुट गई. उस दिन निर्णय लिया की एक दिन बेटियों का होंसला बनूँगी और महिलाओ के उत्थान के लिए कुछ करुँगी.
बचपन से लेकर शादी होने तक मासिक धर्म के समय एक कोने मे रहना, उसे नहीं छूना, वो नहीं करना, सबकी नजरों से नजरे चुराना, असहनीय दर्द किसे बताए यह सब सहा लेकिन आमेट से देवगढ़ ससुराल आने के बाद परिवार वालों के सामने अपने जज़्बात रखे ओर बदलाव के लिए सेनेटरी पैड यात्रा शुरू की. कौन करेगा शुरुआत इसका इंतजार मत करिए...आपकी एक कोशिश हजारो का जीवन बदल सकती है, ओर आज हजारो महिलाओ के जीवन मे शिक्षा, सुरक्षा ओर स्वच्छता के माध्यम से बदलाव का प्रयास किया देवगढ़ की भावना महेश जी पालीवाल ने. महिला होने के चलते कई बार लोगों के ताने सुनने पड़े ओर समस्याओं का सामना भी करना पड़ा, कई लोगो ने मज़ाक उड़ाया लेकिन हिम्मत नहीं हारी...जिसका इतना असर हुआ कि आज हर कोई भावना जी का हौंसला आजमाईश करने के लिए कदमताल करते हुए, मदद की ओर हाथ बढ़ा रहे हैं.
स्वच्छता : 55000 सेनेटरी पैड बांटे, जिले मे 300 से अधिक कार्यशालों का आयोजन
असुरक्षित ओर गंदे पेड के कारण कई महिलाए कोख खो देती है ओर कई बीमारियो को जन्म होता है. विशेषकर माहवारी जैसे विषयों पर बात करना आज भी समाज में बुरा माना जाता है. गलतफहमियां लंबे अर्से से चली आ रही हैं. जैसे पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अछूत माना जाना, इसे नहीं छूना और स्कूल नहीं जाने देने के साथ साथ नहाने से भी परहेज किया जाना जैसा अंधविश्वास हावी है. इन्ही मुद्दों को लेकर भावना जी ने कई वर्षो से जिले मे अपनी सेनेटरी पैड यात्रा कर रही है. भावना महेश जी पालीवाल द्वारा 55000 महिलाओ को निशुल्क सेनेटरी पेड वितरण कर 300 से अधिक कार्यशालों का आयोजन किया गया, जिससे बदलाव आया, आज जो महिलाए माहवारी के समय कपड़ा छिपाकर रखती थी वो अब सेनेटरी पैड का उपयोग भी कर रही ओर निस्तारण भी. भावना अपने स्त्री स्वाभिमान अभियान से आज असल जिंदगी की वो ’पैडवूमैन’, बन चुकी है, जो मासिक धर्म की भ्रांतियों को दूर ही नहीं उनका समाधान भी कर रही है. लॉक डाउन मे भी पालीवाल द्वारा घर-घर जाकर महिलाओ को सेनेटरी पैड वितरण सुचारू रूप से कार्य किया.
आँचल अभियान से माँ बन जरुरतमंदो के तन को दे रही है राहत
सामाजिक कार्यकर्त्ता भावना महेश जी पालीवाल घर-घर जाकर जरुरतमंदो के लिए दरवाजा खटखटाती है और कहती है आपके पास कोई पुराने कपडे, जूते, स्वेटर, खिलोने, किताबे या अन्य कोई सामग्री हो तो मुझे प्रदान करें में इन्हें जरुरतमंदो तक भेजने का कार्य करुँगी. समाज सेवा का यही भाव लेकर विगत 2 वर्षों से पूर्व भावना जी ने अपने आस पड़ोस से कपड़ा बैंक की शुरुवात की और घर घर जाकर और सोशियल मीडिया के माध्यम से अपील करते हुए कहा कि आपके पास कोई पुराने या अनफिट कपडे जिन्हें आप उपयोग नहीं करते मुझे कपडा बैंक के लिए प्रदान करे. पालीवाल द्वारा अब इसे आँचल अभियान का नाम दिया हैं. कपडा बैंक के साथ अब सेनेटरी पेड, लर्निंग किट, किताबे, खिलोने, कम्बल, बेग, जूते एवं अन्य सामग्री प्रदान की जा रही हैं.
आँचल अभियान के द्वारा जिले के देवगढ़, भीम, कुम्भ्लगढ़, आमेट सहित कई पंचायतो और कच्ची बस्तियों में 6000 से अधिक जरुरतमंदो तक राहत सामग्री प्रदान कर चुका हैं. अब तक करीब आमेट, देवगढ़, भीम, कुंभलगढ़ के कई क्षेत्रो में जाकर 6000 लोगों को वे कपड़े प्रदान कर चुकी हैं. कोरोना काल मे भीम देवगढ़ की कई पंचायतों मे जाकर खाद्य सामग्री का वितरण किया. भावना जी पालीवाल द्वारा कोरोना काल में चार हजार से अधिक सुखी खाद्य सामग्री के किट, बीस हजार मास्क फेस शील्ड, स्वास्थ्य उपकरण, पांच हजार से अधिक स्कूली बच्चों के लिए सेनेटाइजर और इम्युनिटी बूस्टर और घर-घर जाकर बेटियों के लिए सेनेटरी पेड का वितरण भी भावना जी द्वारा किया गया था.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद सहित, सांसद, विधायक कर चुके है भावना जी के कार्यो की सराहना
महिलाओ को शिक्षा, सुरक्षा, स्वच्छता मानव सेवा के कार्य करने पर केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद सहित, क्षेत्रीय सांसद, क्षेत्रीय विधायक ओर कई विभाग द्वारा ट्वीट किया ओर अभियान की प्रशंषा की. भावना महेश जी पालीवाल के अभियान के लिए केन्द्रीय मंत्री तीन बार ट्वीट कर पूरे देश को बता चुके है, की किस प्रकार वो सीमित संसाधनो की बदोलत भी महिलाओं के सशक्तिकरण का कार्य कर रही है.
पालीवाल वाणी ब्यूरों : एम. अजनबी, किशन पालीवाल...✍️