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आमेट विशेष खबर : आमेट क्षेत्र में अवैध बजरी खनन माफीयों की भरमार : चंद्रभागा नदी का सीना छलनी करने पर उतारू : प्रशासन की मौन स्वीकृति
M. Ajnabee-Kishan Paliwalआमेट. राज्य में बजरी खनन पर प्रतिबंध एवं सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों के बावजूद आमेट क्षेत्र की मुख्य जीवन दायनी चंद्रभागा नदी पेटे में रात्रिकालीन अंधेरें के साये में चंद्रभागा नदी की सीना छलनी कर बजरी खनन माफिया धडल्ले से अवैध रूप से बजरी खनन का कारोबार कर मंहगे दामो मे बेचने में लगे हुए हैं. जहां राज्य शासन को लाखों रूपए का प्रतिदिन भारी नुकसान उठना पड़ रहा है, रहावासियों का कहना है कि सभी कार्य प्रशासन की मौन स्वीकृति और इनके इशारों पर ही अवैध बजरी खनन का व्यापार करने में लगे हुए हैं.
सूत्रों की माने तो उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य मे बजरी खनन पर रोक के सख्त निर्देश जारी किये हुए हैं. इसके बावजूद बजरी खनिज माफिया सुप्रीम कोर्ट के आदेश को धत्ता बताते हुए आमेट क्षेत्र की मुख्य एक मात्र जीवन दायनी नदी चंद्र भागा क्षेत्र गांगागुडा. केनपुरिया. भीलमरा. नयाखेडा. ढेलाणा, सेलागुडा, आमेट आदि क्षेत्र के पेटे से रात के साये में प्रतिदिन बडी संख्या में टैक्टर ट्रॉलियों के द्वारा बजरी भरकर आमेट कस्बे के अलावा आस-पास के गांवो में दुगूने दामो में सप्लाई करने में लगे हुए हैं. खनन माफियाओं द्रारा बैखोफ होकर धडल्ले से किये जा रहे
अवैध बजरी खनन का प्रत्यक्ष तौर पर सबूत आमेट नगर व ग्रामीण क्षेत्रों मे अनेक स्थानों पर सरकारी व निजी भवन निर्माण कार्य स्थलो पर देखे जा सकते हैं. यहां बजरी के ढेर देखे जा सकते है. जबकि खनन विभाग के अधिकारी/कर्मचारी भी भवन निर्माण कार्य स्थलो के समीप से गुजरते रहते हैं. परन्तु ऐसे में भवन निर्माणकर्ताओं से किसी भी तरह कोई भी पूछताछ नहीं करना या बजरी के पड़े ढेर का मार्फ़त या उस बजरी को किन बजरी खनन माफीयांओ से ली गई हैं. इनके खिलाफ कार्यवाही नही करना, विभाग की मिली भगत की ओर इशारा कर रहा हैं.
सूत्रों ने बताया की आमेट क्षेत्र की जीवन दायनी मुख्य नदी चन्द्रभागा के तट के आस पास करीब छोटे बडे 25 से अधिक कृषि प्रधान गांव बसे हुए हैं. ओर इन सभी गांवो के किसान चंद्रभागा नदी के भरोसे ही अपना जीवन व्यापन करते हैं. साथ ही जलदाय विभाग के भी कुँए भी इसी नदी के पेठे में किन्तु नदी में बजरी नही होने से ये कुँए समय से पहले सुख चुके हैं. जिसके चलते गर्मियों में नगर को पानी की भारी किल्लत से झूझना पड़ रहा हैं जबकी दुसरी ओर प्रशासन समय समय पर अवैध बजरी खनन की रोकथाम के लिये संबधित विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ ही ग्रामीणों के साथ समीक्षात्मक बैठकें आयोजित कर उसके रोकथाम के उपायों पर गहनता से विचार विमर्श करने के उपरांत भी बजरी खनन माफीयों के हौसले बुलंद बने हुए हैं.
● पालीवाल वाणी मीडिया नेटवर्क. M. Ajnabee-Kishan Paliwal...✍️