राजसमन्द

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस : परिवार की जिम्मेदारी के साथ समाज सेवा और सहयोग कर रही है : मीनल पालीवाल

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस : परिवार की जिम्मेदारी के साथ समाज सेवा और सहयोग कर रही है : मीनल पालीवाल
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस : परिवार की जिम्मेदारी के साथ समाज सेवा और सहयोग कर रही है : मीनल पालीवाल

बाल विवाह के कारण कई परिवारों को उजड़ते देखा अब बेटियों को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की ठानी 

राजसमंद : पालीवाल समाज के सक्रिय युवा समाजसेवक श्री नीलेश पालीवाल ने पालीवाल वाणी को बताया कि पारिवारिक जिम्मेदारियों से सामाजिक जिम्मेदारियों को भी आज महिलाएँ हर क्षेत्र में बखूबी निभा रही हैं. राजसमंद मूल की रहने वाली मीनल पालीवाल का भी कार्य कुछ ऐसा ही है. गत 2 वर्षो से मीनल पालीवाल विभिन्न जगह पर जाकर जरूरतमंद बेटियों को निशुल्क पढ़ाती है. उन्हें कौशल विकास के तहत पार्लर, मेहंदी और प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी के लिए जागरुक करने का कार्य करती है. 

मीनल पालीवाल द्वारा अभी तक मुंडोल, पूठोल, पिपलांत्री, सांगठकला, साकरोदा, सुंदरचा, पीपरड़ा, फरारा, कनादेव का गुड़ा, बड़ारड़ा, पसुन्द, तासोल, बिनोल, खटामला की एक हजार से अधिक महिलाओ और बेटियों को लिए महिला उत्थान के लिए कई कार्यशालाओ का आयोजन किया गया है. पिछले चार महीनो में मीनल पालीवाल ने बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान के तहत 6000 से अधिक बेटियों को बाल विवाह के अलावा महिलाओ में आत्म रक्षा के गुण, गुड टच बेड टच, माहवारी मिथ्या और समाधान के प्रति बालिकाओ को जागरूक किया है. 

मीनल पालीवाल का कहना है कि सभी महिलाये आर्थिक, राजनेतिक, सामाजिक, शिक्षा आदि क्षेत्रो में सक्रिय भागीदारी से नारी शक्ति को अधिक से अधिक सशक्त बनाये. महिला दिवस के दिन ही नहीं बल्कि सदेव नारी का सम्मान हो. आज बाल विवाह से शिक्षा का अवसर नहीं मिल पाता है. साथ ही बच्ची का बचपन भी छिन जाता है. 

जिससे बच्चों का शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक विकास पूर्ण रूप से नहीं हो पाता है और वे परिपक्वता के अभाव के कारण शिक्षा एवं अर्थपूर्ण कार्यों से वंचित रह जाते हैं. हमें बाल विवाह का विरोध करते हुए, बेटियों को शिक्षित बनाना होगा, ताकि एक बेहतर समाज की नींव रखी जा सके.

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