राजसमन्द
आसान हुई खेत-खलिहानों की राह - सुगम हुआ ग्राम्य आवागमन
Suresh Bhat![आसान हुई खेत-खलिहानों की राह - सुगम हुआ ग्राम्य आवागमन आसान हुई खेत-खलिहानों की राह - सुगम हुआ ग्राम्य आवागमन](https://paliwalwani.com/assets/images/pwbg.jpg)
राजसमंद। बहुआयामी ग्राम्य विकास के लिए विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा जारी अनथक प्रयासों का ग्राम्यांचलों में व्यापक असर दिखाई देने लगा है। ग्रामीण विकास की गतिविधियां मूर्त रूप लेकर सुनहरा आकार पा रही हैं और इससे ग्रामीणों की बरसों पुरानी समस्याओं का खात्मा होने और बुनियादी सुख-सुविधाओं की प्राप्ति का सुकून प्राप्त होने लगा है। प्रदेश भर में ग्रामीण विकास की व्यापक धाराओं-उपधाराओं के अनुरूप ही राजसमन्द जिले में भी गांवों के विकास तथा ग्रामीणों के उत्थान के क्षेत्र में बेहतर उपलब्धियां सामने आयी हैं।
महात्मा गांधी नरेगा योजना ग्रामीणों के लिए वरदान सिद्ध हुई
जिले में ग्राम्य सडक़ों का नेटवर्क विकसित हुआ है और इससे आवागमन सुविधाओं में बढ़ोतरी का लाभ आम ग्रामीणों तक पहुंचा है। जिले की नाथद्वारा तहसील अन्तर्गत खमनोर पंचायत समिति की केसुली ग्राम पंचायत में महात्मा गांधी नरेगा योजना के अन्तर्गत रोडा खादर से गायरियों का गुड़ा होते हुए श्मशान तक बनी ढाई किलोमीटर ग्रेवल सडक़ क्षेत्रीय ग्रामीणों के लिए वरदान सिद्ध हुई है। बरसों से ऊबड़-खाबड़, कच्चे और संकरे मार्ग से होकर गुजरना ग्रामीणों की सबसे बड़ी समस्या थी। बाईक से भी इस रास्ते का सफर ठीक नहीं था। इस कारण से ग्रामीणों खासकर किसानों के लिए खेती-बाड़ी के लिए अपने खेतों तक पहुंचना तक भी मुश्किलों भरा था। यहां तक कि इसके पास श्मशान तक का सफर भी कष्टकारी था। केसुली ग्राम पंचायत ने ग्रामीणों की इस पीड़ा को दूर करने का बीड़ा उठाया और महात्मा गांधी नरेगा योजना में यह कार्य पूरा कर दिखाया।
कहीं समझाईश से तो कहीं अपनाया कठोर रवैया
सरपंच मांगीलाल सुथार का कहना है कि ग्राम पंचायत ने कहीं समझाईश से और कहीं कठोर रवैया अपनाते हुए सडक़ के दोनों तरफ के अतिक्रमणों को हटवा कर 20-22 फीट चौड़ा ग्रेवल रोड बनवा दिया है। इसके लिए कुल 6.15 लाख रुपए की धनराशि की स्वीकृति जारी की गई। इसमें 4.52 लाख श्रम मद तथा 1.63 लाख की धनराशि सामग्री मद में मंजूर की गई। इस सडक़ कार्य पर 4 लाख 73 हजार 693 रुपए धनराशि व्यय हुई। इसमें 4 लाख 55 हजार 748 रुपए श्रम मद और 17 हजार 945 रुपए सामग्री मद में व्यय कर ग्रेवल सडक़ का कार्य कराया गया।
केसुली पंचायत क्षेत्र में विकास की अनेक उपलब्धियां सामने आई
जहां पहले बैलगाड़ी तक आसानी से गुजर नहीं पाती थी वहां अब दो-दो ट्रेक्टर आसानी से आवागमन करने लगे हैं। अब सभी किसानों के लिए अपने खेत में जाने का रास्ता सुगम हो गया है वहीं खेती कार्य के लिए सीधे ही ट्रेक्टर का खेत तक सीधा आवागमन होने लगा है। इससे किसानों को खेती-बाड़ी में तमाम कार्यों में ट्रेक्टरों को लाने-ले जाने में सहूलियत हुई है। क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए श्मशान तक पहुंचने की सुविधा भी प्राप्त हुई है। केसुली की महात्मा गांधी नरेगा योजना में बनी इस एक सडक़ ने ग्रामीणों को कई समस्याओं से मुक्ति दिला दी है। ढाई सौ से अधिक परिवारों के लिए यह रास्ता आधारभूत विकास का संकेत देने वाला साबित हुआ है। इसी प्रकार केसुली ग्राम पंचायत क्षेत्र में विकास की अनेक उपलब्धियां सामने आई हैं जिनके प्रति ग्रामीणों में उत्साह का माहौल है।