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बादल फटने से तीस्ता नदी में आई बाढ़, 10 से अधिक मौत, सेना के दो दर्जन से अधिक जवान लापता
Paliwalwaniगंगटोक :
उत्तरी सिक्किम के चुंगथांग में एक बादल फटने और तीस्ता नदी में आए उफान के चलते बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. जिससे निचले इलाकों में बाढ़ आने की संभावना बन गई है. प्रशासन ने निचले इलाकों को अलर्ट कर दिया है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बाढ़ में 10 लोगों की मौत हो गई है. दुर्भाग्यपूर्ण खबर के अनुसार 82 लोग लापता बताए जा रहे हैं. इनमें सेना का बेस कैंप बाढ़ में बह गया, जिससे क़रीब दो दर्जन जवान लापता बताए जा रहे हैं, जवानों की तलाशी का अभियान जारी है. वहीं इस अचानक आई भयानक बाढ़ में 14 पुल भी ढह गए हैं.
बताया जा रहा हैं कि 41 वाहन कीचड़ में डूबे हुए हैं. एक अधिकारी के अनुसार बाढ़ में राज्य के विभिन्न हिस्सों में 3000 पर्यटकों के फंसे होने की आशंका है. एनडीआरएफ ने सिक्किम के सिंगतम से 7 लोगों को बचाया. एनडीआरएफ की एक टीम गंगटोक में और दो टीमें पश्चिम बंगाल के सिक्किम से सटे इलाकों में तैनात हैं.
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि घाटी में कई प्रतिष्ठान बाढ़ की चपेट में आए हैं तथा नुकसान के संबंध में अभी और जानकारी नहीं मिली है. वहीं क्षेत्र में इंटरनेट कनेक्टिविटी कम होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा आ रही है.
तीस्ता नदी में आए उफान के कारण गाज़ोलडोबा, दोमोहनी, मेखलीगंज, घीश और बांग्लादेश के निचले इलाके प्रभावित हो सकते हैं. इन इलाकों को खासतौर पर अलर्ट किया गया है. उधर मेलि में नेशनल हाइवे-10 पूरी तरह से बह गया है झील के फटने से अचानक फ्लैश फ्लड का खतरा बढ़ गया हैं.
चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण नीचे की ओर 15-20 फीट की ऊंचाई तक जल स्तर अचानक बढ़ गया है. राज्य के आपदा विभाग के मुताबिक- इस अचानक आए सैलाब में 3 लोगों की मौत हो गई है। सिंगटम जिले में बचाव एवम राहत कार्य के दौरान शव बरामद किए गए. इस बीच बताया जा रहा है कि मेल्ली में एनएच-10 पूरी तरह से बह गया है.
केंद्रीय जल आयोग ने बताया कि मेल्ली में तीस्ता नदी का जलस्तर 214.63 मीटर दर्ज किया गया है, जबकि खतरे का स्तर 224 मीटर है. राज्य प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एहतियातन 8 अक्टूबर तक सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं. सिक्किम शिक्षा विभाग ने इससे जुड़ा सर्कुलर जारी किया है.
सिक्किम को ज्यादा जाने
सिक्किम को भारत का 22वां राज्य बनाने का संविधान संशोधन विधेयक 23 अप्रैल, 1975 को लोकसभा में पेश किया गया. उसी दिन इसे 299-11 के मत से पास कर दिया गया.
सिक्किम की जनसंख्या भारत के राज्यों में न्यूनतम तथा क्षेत्रफल गोआ के पश्चात न्यूनतम है. अपने छोटे आकार के बावजूद सिक्किम भौगोलिक दृष्टि से काफी विविधतापूर्ण है. कञ्चनजञ्गा जो कि दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी है, सिक्किम के उत्तरी पश्चिमी भाग में नेपाल की सीमा पर है और इस पर्वत चोटी को प्रदेश के कई भागो से आसानी से देखा जा सकता है. साफ सुथरा होना, प्राकृतिक सुन्दरता पुची एवम् राजनीतिक स्थिरता आदि विशेषताओं के कारण सिक्किम भारत में पर्यटन का प्रमुख केन्द्र है.
सिक्किम' शब्द का सर्वमान्य स्रोत लिम्बू भाषा के शब्दों सु (अर्थात "नवीन") तथा ख्यिम (अर्थात "महल" अथवा "घर" - जो कि प्रदेश के पहले राजा फुन्त्सोक नामग्याल के द्वारा बनाये गये महल का संकेतक है) को जोड़कर बना है. तिब्बती भाषा में सिक्किम को "चावल की घाटी" कहा जाता है.
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