अन्य ख़बरे

अब DL बनवाना हुआ आसान RTO में ड्राइविंग टेस्‍ट देने की जरूरत नहीं, आज से बदल गया नियम

Paliwalwani
अब  DL बनवाना हुआ आसान RTO में ड्राइविंग टेस्‍ट देने की जरूरत नहीं, आज से बदल गया नियम
अब DL बनवाना हुआ आसान RTO में ड्राइविंग टेस्‍ट देने की जरूरत नहीं, आज से बदल गया नियम

आज से ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए आपको टेस्‍ट देना अनिवार्य नहीं है. ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों को अब क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) से DL बनवाने के लिए लंबे प्रक्रिया से भी नहीं गुजरना होगा. दरअसल, केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाने वाले नियमों में संशोधन कर दिया है. आज से यह लागू भी हो गया है. ट्रेनिंग के दौरान आवेदकों को एथिकल और विनम्र व्‍यवहार के बार में भी बताया जाएगा.

परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन में नये नियम के बारे में बताया गया है. मान्‍यता प्राप्‍त ड्राइविंग सेंटर्स को इस बारे में जानकारी भी दे दी गई है. नये बदलाव के तहत अब ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदक को एक उच्‍च-गुणवत्‍ता वाले ड्राइविंग कोर्स को पूरा करना होगा. इस कोर्स को पूरा करने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस आवेदक को ड्राइविंग टेस्‍ट की औपाचारिकता को नहीं पूरा करना होगा.

उच्‍च-गुणवत्‍ता की ट्रेनिंग

मान्‍यता प्राप्‍त ट्रेनिंग सेंटर्स पर सिमुलेटर्स और डेडिकेटेड ड्राइविंग टेस्‍ट ट्रैक होगा, जहां आवेदकों को कोर्स के दौरान ट्रेनिंग दी जाएगी. इस ट्रेनिंग के दौरान आवेदकों को सामान्‍य तौर पर सड़क पर ड्राइविंग के दौरान आने वाली सभी परिस्थितियों के बारे में बताया और ट्रेन किया जाएगा.

हल्‍के वाहनों की ट्रेनिंग के लिए कितने समय की ट्रेनिंग करनी होगा?

हल्‍के वाहन यानी लाइट मोटर व्‍हीकल (LMV) ड्राइविंग कोर्स के तहत 4 सप्‍ताह में 29 घंटे की ट्रेनिंग होगी. नोटिफिकेशन में बताया गया है कि इस कोर्स कौ थ्‍योरी और प्रैक्टिकल कोर्स के तौर पर भी बांटा गया है.

भारी वाहनों की ट्रेनिंग के लिए कितने समय का ट्रेनिंक करना होगा?

इसी प्रकार मध्‍यम एवं भारी वाहनों की ट्रेनिंग को 6 सप्‍ताह में कुल 38 घंटों के लिए होगी. मध्‍यम और भारी वाहनों की श्रेणी के लिए भी ट्रेनिंग को भी थ्‍योरी और प्रैक्टिकल में बांटा गया है.

इंडस्‍ट्री की मांग के हिसाब से स्‍पेशल ट्रेनिंग की भी व्‍यवस्‍था

मान्‍यता प्राप्‍त इन सेंटर्स पर न केवल आपको हल्‍के या भारी वाहनों की ट्रेनिंग दी जाएगी, बल्कि इंडस्‍ट्री के आधार पर स्‍पेशल ट्रेनिंग की भी व्‍यवस्‍था होगी. माना जा रहा है कि इन नये नियम की मदद से स्किल्‍ड ड्राइवर्स की कमी को भी पूरा करने में मदद मिलेगी. भारतीय रोडवेज सेक्‍टर पर में स्किल्‍ड ड्राइवर्स सड़क हादसों के पीछे एक बड़ी वजह मानी जा रही है.

सड़क हादसों के पीछे एक वजह यह भी है लोगों को सही नियम व व्‍यवस्‍था के बारे में जानकारी नहीं है. बता दें कि किसी एक ड्राइव‍िंग सेंटर्स की मान्‍यत पहली बार 5 साल के लिए होगी. बाद में इसके बाद इसे रिन्‍यू कराया जा सकता है.

 

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News