Tuesday, 22 July 2025

ज्योतिषी

सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री का वास्तु : तत्व, ऊर्जा और ज़ोन के अनुसार एक संतुलित स्थापना

paliwalwani
सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री का वास्तु : तत्व, ऊर्जा और ज़ोन के अनुसार एक संतुलित स्थापना
सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री का वास्तु : तत्व, ऊर्जा और ज़ोन के अनुसार एक संतुलित स्थापना

सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री मुख्य रूप से बौद्धिक कार्यों, डेटा प्रोसेसिंग, संचार और तकनीकी नवाचार पर आधारित होती है। इस कारण, यह मानसिक एकाग्रता, रचनात्मकता, तार्किकता और स्थिरता की मांग करती है। वास्तु शास्त्र के पंचतत्व (आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी), आठ दिशाओं तथा 16 ऊर्जा ज़ोन (Vastu Zones) के आधार पर सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री की योजना इस प्रकार की जानी चाहिए जिससे कार्यक्षमता, एकाग्रता, मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा मिले।

1. मुख्य प्रवेश द्वार (Main Entrance): सॉफ्टवेयर कंपनी का मुख्य द्वार उत्तर (North), उत्तर-पूर्व (North-East) या पूर्व (East) दिशा में होना उत्तम माना जाता है। ये दिशाएं ज्ञान, अवसर और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश द्वार होती हैं।

2. रिसेप्शन और प्रतीक्षा कक्ष (Reception Area) : इसका स्थान उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या पूर्व दिशा में रखें। यह स्थान स्वागत योग्य ऊर्जा का वाहक है और आगंतुकों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

3. एमडी/सीईओ केबिन (Top Management) : मुख्य निर्णयकर्ता का केबिन दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण) में होना चाहिए और उन्हें उत्तर-पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। यह दिशा स्थायित्व, नियंत्रण और निर्णय शक्ति से संबंधित होती है।

4. सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट / प्रोग्रामिंग टीम : डेवलपर्स के बैठने की दिशा पश्चिम (West) या दक्षिण-पश्चिम होनी चाहिए। यह क्षेत्र गहराई, सोच और स्थिरता का प्रतीक होता है। कार्य करते समय उनकी दृष्टि पूर्व या उत्तर की ओर होनी चाहिए ताकि तार्किकता और मानसिक स्पष्टता बनी रहे।

5. क्रिएटिव और डिज़ाइन टीम : रचनात्मक विभाग जैसे UI/UX, ग्राफिक डिजाइन आदि के लिए उत्तर-पश्चिम (वायव्य कोण) उपयुक्त रहता है क्योंकि यह दिशा कल्पनाशक्ति और गति से संबंधित है। ये टीमें पश्चिम या उत्तर की ओर मुख कर कार्य करें।

6. सर्वर रूम और आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर : सर्वर, डेटा सेंटर जैसे हाई हीट और इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्रों को दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) में रखें। यह दिशा अग्नि तत्व की है और विद्युत उपकरणों के लिए अनुकूल मानी जाती है।

7. कॉन्फ्रेंस और मीटिंग रूम : यह स्थान उत्तर-पश्चिम (North-West) या दक्षिण (South) दिशा में उपयुक्त होता है जहाँ संवाद, तर्क और निर्णय सहजता से होते हैं।

8. अकाउंट्स व फाइनेंस डिपार्टमेंट : फाइनेंस टीम को उत्तर दिशा में बैठाना लाभकारी होता है क्योंकि यह दिशा कुबेर (धन के देवता) से जुड़ी हुई है। इससे आर्थिक स्थिरता और पारदर्शिता आती है।

9. कैफेटेरिया या पैंट्री : खानपान संबंधी जगह दक्षिण-पूर्व (South-East) में बनाना चाहिए, जो अग्नि तत्व से जुड़ी हुई है।

10. टॉयलेट्स : टॉयलेट्स को दक्षिण-पश्चिम (SW), पश्चिम (W) या उत्तर-पश्चिम (NW) में रखना उचित है। इन्हें उत्तर-पूर्व, पूर्व या ब्रह्मस्थान में रखने से बचें।

11. ब्रह्मस्थान (Center of the Office) : यह स्थान खुला, साफ और बिना किसी भारी संरचना के होना चाहिए क्योंकि यह ऊर्जा का केंद्र होता है। यहां पिलर, भारी अलमारी या दीवार नहीं होनी चाहिए।

12. पूजा स्थान या मेडिटेशन रूम : यह उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए ताकि सकारात्मकता और मानसिक शांति बनी रहे।

13. जियोपैथिक स्ट्रेस की लाइन अथवा नोडल प्वाइंट सभी कार्यरत इंजीनियर्स/ मंगेरसंकी डेस्क इनके उपर नहीं होनी चाहिए। 

बीम का विचार :

सभी कार्यरत इंजीनियर्स/ मंगेरसंकी डेस्क इनके नीचे नहीं होनी चाहिए। सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री का वास्तु यदि पंचतत्वों और ऊर्जा ज़ोन के अनुसार संतुलित किया जाए, तो कर्मचारियों की उत्पादकता, विचारों की स्पष्टता, कार्य में समर्पण और कंपनी की वृद्धि में निश्चित रूप से बढ़ोतरी होती है। डिजिटल कार्यों की सूक्ष्म प्रकृति को ध्यान में रखते हुए मन-मस्तिष्क की ऊर्जा को सहारा देने वाले दिशा और तत्वों का समन्वय आवश्यक है।

ऊँकार लब्धि साधना केंद्र जैन ज्योतिष वास्तु 

तेजस गुरूजी 

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