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आकर्षक भी और भयानक भी… इस देश की प्रधानमंत्री ने पढ़ा AI द्वारा लिखा गया भाषण
Pushplataडेनमार्क के प्रधानमंत्री मेट फ्रेड्रेरिक्सेन (Mette Frederiksen) ने बुधवार को संसद में जो भाषण दिया, उसका कुछ हिस्सा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल चैटजीपीटी ने लिखा था। इसमें एआई (AI) के क्रांतिकारी पहलुओं और जोखिमों को उजागर किया गया था। संसद में गर्मी की छुट्टियों से पहले डेनमार्क की पीएम पारंपरिक भाषण दे रही थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि “अभी जो कुछ मैंने यहां पढ़ा है वह मेरी नहीं है। न ही उसे किसी अन्य इंसान ने लिखा है।” कहा कि यह चैटजीपीटी ने लिखा है।
उन्होंने कहा, “भले ही यह सरकार के कार्यक्रमों और प्रतीकों पर सवाल नहीं उठाता है… लेकिन जो यह करता है वह आकर्षक और भयानक दोनों है।” ChatGPT पिछले साल के अंत में सुर्खियों में आ गया था, जिसमें सबसे संक्षिप्त संकेतों से निबंध, कविताएं और वार्तालाप उत्पन्न करने की क्षमता का प्रदर्शन किया गया था।
कार्यक्रम की बेतहाशा सफलता ने क्षेत्र में अरबों डॉलर के निवेश को बढ़ावा दिया है, लेकिन आलोचकों और अन्य लोगों ने इससे सावधान रहने की चेतावनी दी है। सामान्य चिंताओं में यह आशंका शामिल है कि चैटबॉट वेब को गलत सूचनाओं से भर सकते हैं। इससे उद्योग को भारी नुकसान होने की आशंका है।
उधर, चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने कृत्रिम मेधा (एआई) के क्षेत्र में प्रगति से उत्पन्न जोखिमों को लेकर चेताया है और इससे निपटने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा उपाय मजबूत करने का आह्वान किया है। पार्टी नेता और राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक के बाद जारी बयान अत्याधुनिक तकनीक में वैश्विक नेतृत्व हासिल करने संबंधी सरकार के दृढ़ संकल्प और ऐसी प्रौद्योगिकियों के संभावित सामाजिक एवं राजनीतिक नुकसान के बारे में चिंताओं के बीच तनाव को रेखांकित करता है।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि बैठक में राजनीतिक सुरक्षा और इंटरनेट डेटा एवं कृत्रिम मेधा संबंधी सुरक्षा में सुधार के लिए ठोस प्रयास किए जाने का आह्वान किया गया। सेना के सर्वोच्च कमांडर और पार्टी के राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग के अध्यक्ष शी ने “राष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष आने वाली जटिल और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से अवगत रहने” पर विचार-विमर्श के लिए इस बैठक का आयोजन किया था।