महाराष्ट्र
शिंदे ने तोड़फोड़ को क्रिया-प्रतिक्रिया कहा, स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा का माफ़ी से इनकार, कहा- भीड़ से नहीं डरता
PALIWALWANI
नई दिल्ली: स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देने से उपजे के बीच पीछे हटने से इनकार कर दिया है. बढ़ते राजनीतिक दबाव और कानूनी धमकियों के बावजूद कामरा ने कहा, ‘मैं इस भीड़ से नहीं डरता.’
उधर, शिंदे ने के साथ एक साक्षात्कार के दौरान विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त की, जहां उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा की गई तोड़फोड़ से दूरी बनाई, लेकिन उनके आक्रोश का बचाव किया. शिंदे ने कहा, ‘हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है.’
महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने घोषणा की कि एनडीए सरकार कामरा के कॉल रिकॉर्ड और बैंक स्टेटमेंट की जांच करेगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनकी विवादास्पद टिप्पणी के पीछे कौन हो सकता है.
भाजपा के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कामरा की टिप्पणी की निंदा की और व्यंग्य के रूप में अपमानजनक बयानों के खिलाफ चेतावनी दी.
फडणवीस ने संवैधानिक अधिकारों का दुरुपयोग करने के लिए कामरा की आलोचना की और उन्हें ‘अर्बन नक्सली’ करार दिया.
कामरा ने माफी मांगने से इनकार किया
सोमवार रात को कॉमेडियन ने अपने सोशल मीडिया पर एक लंबा बयान शेयर किया, जिसमें उन लोगों की आलोचना की गई जो उनकी निजी जानकारी इंटरनेट पर ढूंढ रहे और उसे लीक कर रहे हैं, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह अपनी टिप्पणी के लिए माफ़ी नहीं मांगेंगे.
कामरा ने अपने बयान में भीड़ और नेताओं दोनों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मैं माफ़ी नहीं मांगूंगा. मैं इस भीड़ से नहीं डरता और मैं अपने बिस्तर के नीचे छिपकर इस घटना के शांत होने का इंतज़ार नहीं करूंगा.’
उन्होंने आगे कहा कि उनका बयान बिल्कुल वैसा ही था जैसा कि ‘अजित पवार (प्रथम उपमुख्यमंत्री) ने एकनाथ शिंदे (द्वितीय उपमुख्यमंत्री) के बारे में कहा था.’
उन्होंने हैबिटेट स्टूडियो में हुई तोड़फोड़ की निंदा की और अनधिकृत निर्माण के दावे के तहत कार्यक्रम स्थल के कुछ हिस्सों को ध्वस्त करने के लिए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की आलोचना की.
कामरा ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘एक कॉमेडियन के शब्दों के लिए किसी कार्यक्रम स्थल पर हमला करना उतना ही मूर्खतापूर्ण है, जितना टमाटर ले जा रहे ट्रक को पलट देना, क्योंकि आपको परोसा गया बटर चिकन पसंद नहीं आया.’
स्टैंड-अप कॉमेडियन, जिन्होंने पहले भी एक मामले में रिपब्लिक टीवी के एंकर अर्नब गोस्वामी और अन्य को आड़े हाथों लिया है, ने संविधान द्वारा संरक्षित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने अधिकार पर जोर देते हुए कहा कि व्यंग्य का उद्देश्य सत्ता को जवाबदेह बनाना है.
उन्होंने कहा, ‘किसी ताकतवर सार्वजनिक व्यक्ति के बलबूते मज़ाक को बर्दाश्त न कर पाने की आपकी अक्षमता मेरे अधिकार नहीं बदलती है.’ कामरा ने यह भी सवाल उठाया कि क्या उनके चुटकुलों के जवाब में हिंसा का सहारा लेने वालों के खिलाफ़ भी समान रूप से कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
दूसरीओर, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के महत्व को स्वीकार करते हुए, शिंदे ने बीबीसी मराठी को दिए एक साक्षात्कार में कामरा पर इसका दुरुपयोग करने और किसी की ‘सुपारी’ पर ऐसा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि व्यंग्य को बदनामी या अपमान में नहीं बदलना चाहिए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राजनीतिक नेताओं को आलोचना में भी सम्मान मिलना चाहिए.
उद्धव ठाकरे ने कामरा की टिप्पणी का बचाव किया
शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने कामरा की टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि यह जनता की भावनाओं को दर्शाता है. ठाकरे ने शिंदे के गुट – ‘गद्दार सेना’ पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमले करने का आरोप लगाया और इस बात पर जोर दिया कि गद्दार को गद्दार कहना स्वाभाविक रूप से अपमानजनक नहीं है.
कॉमेडियन ने 2022 में उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ़ शिंदे की बगावत की ओर इशारा करते हुए भाजपा की मदद से मुख्यमंत्री बनने की बात कही और एक लोकप्रिय हिंदी गाने की पैरोडी में उन्हें ‘गद्दार’ बताया था. यह क्लिप वायरल हो गई, जिसके कारण शिंदे की शिवसेना से जुड़े कार्यकर्ताओं ने हिंसा और तोड़फोड़ की.
कामरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज, शिवसेना कार्यकर्ता गिरफ्तार, बाद में जमानत पर रिहा
शिवसेना विधायक मुरजी पटेल की शिकायत के बाद मुंबई पुलिस ने कामरा के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया. इस बीच, हैबिटेट स्टूडियो में तोड़फोड़ करने के आरोप में 40 शिवसेना कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज किया गया और 12 शिवसेना कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया, लेकिन बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.
ज्ञात हो कि सोमवार को इसी उपद्रव के बीच बीएमसी ने हैबिटेट स्टूडियो का निरीक्षण करने के लिए अधिकारियों को भी भेजा और अनधिकृत निर्माण का हवाला देते हुए इसके कुछ हिस्सों को ध्वस्त कर दिया. वहीं हैबिटेट स्टूडियो ने शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा की गई तोड़फोड़ के कारण अपने अस्थायी बंद होने की घोषणा करते हुए कहा कि वे घटनाओं से ‘स्तब्ध, चिंतित और बेहद दुखी हैं.’
स्टूडियो ने इस बात पर जोर दिया कि कलाकार अपने कंटेंट के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं और वे इस बारे में विचार करेंगे कि कलाकारों की अपनी सुरक्षा और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उनके अधिकारों की रक्षा कैसे की जाए.