महाराष्ट्र
किडनी फेल होने से 20 दिन में सात बच्चों की मौत, दो कफ सिरप बैन : कांग्रेस विधायक सोहन वाल्मीकि ने उठाए सवाल
paliwalwani
कफ सिरप से 3 और बच्चों की मौत, MP के इन जिलों में भी है सप्लाई की आशंका
छिंदवाड़ा. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप के कारण अब तक 9 बच्चों की मौत हो चुकी है. इनमें 6 की मौत पहले और 3 की मौत आज हुई है. इन सिरपों की जांच और सप्लाई की आशंका अन्य जिलों तक फैलने का खतरा भी बना हुआ है.
सर्दी खांसी के चलते दूषित कप सिरप पीने से छिंदवाड़ा जिले में किडनी फेल होने से पिछले 20 दिनों में सात बच्चों की मौत हो चुकी है. इनमें से ज्यादातर बच्चों ने नागपुर के निजी अस्पतालों में दम तोड़ा. कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने कहा है कि आरंभिक जांच रिपोर्ट में दूषित कप सीरप से बच्चों की किडनियां फेल होने से मौतें हुई हैं.
संबंधित कप सिरप को जिले में प्रतिबंधित कर दिया गया है, मामले में आगे जांच जारी है. हालांकि, सवाल यह है कि जिले में कफ सिरप पर पाबंदी लगा दी गई है, लेकिन इस दूषित दवा को बेचने वाले और बनाने वालों को कौन सजा देगा? उन्हें सरकारी कार्रवाई की खुराक कब मिलेगी?
पांच बच्चे अब भी भर्ती
छिंदवाड़ा के सीएमएचओ डॉ. नरेश गुन्नाडे ने बताया कि पहला संदिग्ध मामला 24 अगस्त 2025 को सामने आया था. 4 सितंबर से 26 सितंबर 2025 के बीच परासिया क्षेत्र में 6 मासूमों की मौत हुई है. 5 बच्चे अभी भी छिंदवाड़ा और नागपुर के अस्पतालों में भर्ती हैं, 27 सितंबर 2025 को बच्चों के सैंपल पुणे लैब भेजे गए हैं. रिपोर्ट आने के बाद ही असली वजह सामने आ सकेगी.
दो कफ सिरप पर रोक
छिंदवाड़ा और भोपाल में नेक्सट्रो-डीएस और कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है, छिंदवाड़ा जिले में बच्चों की किडनी फेल होने से मौत की इसे ही वजह माना जा रहा है. ये कफ सिरप तमिलनाडु की किसी फार्मा कंपनी से बनकर आए थे.
भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा ने स्पष्ट किया कि जब तक जांच रिपोर्ट पूरी नहीं हो जाती, तब तक दोनों कफ सिरप के उपयोग, बिक्री और वितरण पर रोक जारी रहेगी. उन्होंने डॉक्टर्स को सलाह दी है कि वे इन सिरप को मरीजों को न लिखें.
विधायक ने उठाए सवाल
परासिया से कांग्रेस विधायक सोहन वाल्मीकि का कहना है कि अब तक कुल 7 मौतें हो चुकी हैं, जबकि प्रशासन का दावा है कि परासिया विकासखंड में 6 मौतें हुई हैं, स्थानीय लोगों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग ने शुरुआत में मामले को गंभीरता से नहीं लिया.
छिंदवाड़ा में छह बच्चों की किडनी फेल होने से हुई मौतों के बाद भोपाल में भी स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात के तौर पर कार्रवाई शुरू कर दी है. इन मौतों की संभावित वजह कफ सिरप के सेवन को माना जा रहा है, जिसके बाद भोपाल में Nextro-DS और Coldrif कफ सिरप की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है. भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा ने स्पष्ट किया कि जब तक जांच रिपोर्ट पूरी नहीं हो जाती, तब तक दोनों कफ सिरप के उपयोग, बिक्री और वितरण पर रोक जारी रहेगी.





