महाराष्ट्र
महाराष्ट्र संकट : एकनाथ शिंदे गुट का अस्तित्व! सनसनीखेज दावा
Paliwalwaniमहाराष्ट्र :
बालासाहेबंची शिवसेना यानी एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता और महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने शिवसेना के दोनों धड़ों के एकजुट होने की बात कही है। उन्होंने उद्धव ठाकरे से दोनों प्रतिद्वंद्वी गुटों के एकीकरण के लिए आत्मावलोकन करने के लिए भी कहा। हालांकि शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने केसरकर की सलाह को खारिज करते हुए शिंदे गुट के भविष्य पर सवाल खड़े किए हैं।
साथ ही उन्होंने संभावनाएं जताई हैं कि यह दोनों गुटों के दोबारा साथ आने में मददगार हो सकता है। बीते साल जून-जुलाई में शिवसेना के करीब 40 विधायकों ने बगावत कर दी थी। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने जोर देकर कहा कि उद्धव नीत शिवसेना ही असली शिवसेना है। उन्होंने एकनाथ शिंदे गुट के नेता की सलाह को खारिज कर दिया। राज्यसभा सांसद राउत ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि अब आत्मावलोकन करने की जरूरत नहीं है और इस तरह की सलाह प्रतिद्वंद्वी गुट की हताशा को दर्शाता है।
संजय राउत की भविष्यवाणी
उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी राउत ने कहा ‘‘उनकी (केसरकर की) सलाह हताशा की वजह से आई है। महाराष्ट्र की जनता ने धोखेबाजों को विधानसभा या लोकसभा में नहीं भेजने का फैसला कर लिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना ही वास्तविक शिवसेना है। अगर धोखेबाज लोग हमें आत्मावलोकन के लिए कहते हैं तो यह मुश्किल है। आत्मावलोकन की जरूरत नहीं है। उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना आगे बढ़ रही है जैसे वह पहले बढ़ी थी।’’
राउत ने दावा किया कि शिंदे गुट में भी अलग-अलग खेमा है, जो एक दूसरे के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘शिंदे नीत सरकार नहीं चलेगी। आधे विधायक बीजेपी में शामिल हो जाएंगे और यही उनका लक्ष्य है क्योंकि शिवसेना उन्हें स्वीकार नहीं करेगी और उनके पास दूसरा कोई विकल्प भी नहीं है।’
शिवसेना में बगावत पर क्या हुआ था?
केसरकर का कहना है कि वह बगावत के समय हुए घटनाक्रमों पर आने वाले कुछ दिनों में बात करेंगे। उन्होंने कहा, ‘शिंदे ने विधायकों का दिल जीता इसलिए वे उनके साथ गए। मैं इसपर बात करूंगा कि उस दौरान क्या हुआ था। मैं उसके बारे में अभी बात नहीं करूंगा, क्योंकि न्यू ईयर है। कुछ दिन हो जाने दीजिए और फिर में इसके बारे में बात करूंगा। जब मैं बोलूंगा, तो केवल महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि हर शिवसैनिक सच्चाई को समझेगा।’
खास बात है कि करीब दो दिन पहले ही नागपुर विधान भवन में केसरकर और ठाकरे का आमना सामना हुआ था। इसके अलावा विधायक संजय शिरसत और मंत्री अब्दुल सत्तार के बीच भी खींचतान जारी है। सत्तार ने शिरसत पर साजिश रचने और मीडिया में जानकारी लीक करने के आरोप लगाए हैं।
ठाकरे से मुलाकात को लेकर उन्होंने कहा कि वह चर्चा के बारे में कुछ दिनों में जानकारी देंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि ‘उनके दिल में ठाकरे के लिए सम्मान है।’ एक मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जब सवाल पूछा गया कि क्या इस साल दोनों गुटों में तनाव कम होगा, तो केसरकर ने कहा कि यह ठाकरे पर निर्भर करता है।