मध्य प्रदेश

सनातन संस्कृति में आतंक का कोई स्थान नहीं : स्वामी अशोकानंद जी महाराज

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सनातन संस्कृति में आतंक का कोई स्थान नहीं : स्वामी अशोकानंद जी महाराज
सनातन संस्कृति में आतंक का कोई स्थान नहीं : स्वामी अशोकानंद जी महाराज

भक्ति धाम गौरी घाट में श्रीमद् भागवत कथा पुराण में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव

जबलपुर. राष्ट्रीय मानव अधिकार फाउंडेशन के संभागीय अध्यक्ष संजय भाटिया ने जानकारी देते हुए बताया कलयुग में हरिनाम स्मरण समर्पित भाव से करने से वेद पुराण शास्त्रों के श्रवण का फल मिलता है. दैनिक जीवन में सत्य का पालन करते हुए जीवन यापन करने से नारायण मिलते हैं. 

भक्त का भगवत भक्ति में पूर्ण समर्पण ही समस्त सांसारिक सुख देता है. नियमित दिनचर्या के साथ नियम संयम का पालन करते हुए भगवत भक्ति करना चाहिए. श्रीराम ने संसार में समरसता का भाव दिया "राम को भजे सो राम का होय" सनातन संस्कृति में राग व्देष आतंक का कोई स्थान नहीं है, लेकिन अनाचार दुराचार का नाश करने नारायण स्वयं राम श्रीकृष्ण के स्वरूप में अवतरित होते हैं और अताताईयो का संहार कर सीधे मोक्ष देते हैं.

उक्त उद्गार भक्तिधाम गौरी घाट में पितृपक्ष के अवसर पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस अंतरराष्ट्रीय भागवताचार्य स्वामी अशोकानंद जी ने व्यास पीठ से कहे. पितृपक्ष पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में श्रीराधा कृष्ण, भागवत पुराण, व्यास पीठ पूजन पं. प्रदीप जी महाराज, विधायक अशोक रोहाणी, मुन्ना भैया, पं. वेदांत शर्मा, आशीष महाराज, पप्पू लालवानी, सोनू बचबानी, जेठानंद खत्री, उमेश पारवानी, विजय पंजवानी, दिलीप तलरेजा, करिश्मा शर्मा, जया, वीनू मखीजा, प्रिया पंजवानी, पुष्पराज तिवारी सहित भागवत सेवा समिति के सेवकों, श्रृद्धालुओं की उपस्थिति रही.

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