मध्य प्रदेश
निलंबित बाबू मालवीय को थमाए आरोप पत्र एवं आधार पत्र : उजागर होंगे बड़े घोटाले
राकेश साहू
बाबू मालवीय ने अभी तक नहीं सौंपा पूरा प्रभार...!
रिकाॅर्ड में हेरफेर की आशंका, जिला अधिकारी बेबस
राकेश साहू जिला ब्यूरो धार
धार. विभिन्न गंभीर अनियमितताओं के मामले में लगभग दो माह पूर्व निलंबित किए गए सहायक आयुक्त कार्यालय जनजातीय कार्य विभाग के बाबू राजेश मालवीय को संभागीय उपायुक्त इंदौर ने लंबा चौड़ा आरोप पत्र एवं आधार पत्र जारी किया है। जारी आरोप पत्र में मप्र सिविल सेवा नियम 1966 के अंतर्गत विभागीय जांच संस्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
आरोपों पर 15 दिवस के अंदर जवाब तलब किया गया है कि क्या निलंबित बाबू व्यक्तिगत सुनवाई चाहये है या मौखिक जांच करवाना चाहते है या कोई गवाह प्रस्तुत करना चाहता है? 15 दिवस में यदि इस संबंध में स्पष्टीकरण नहीं दिया जाता है तो एकपक्षीय कार्रवाई की चेतावनी भी उपायुक्त द्वारा जारी आरोप पत्र में दी गई है।
उधर निलंबित बाबू राजेश मालवीय ने अभी तक अपनी शाखा का प्रभार हेमंत पाण्डे लिपिक को नहीं सौंपा है। पाण्डे से जब इस बाबद पूछा जाता है तो उन्होंने बताया कि अभी तक विधिवत् प्रभार नहीं हुआ है। उक्त आदेश के बाद विभाग में कार्य विभाजन का आदेश भी जारी किया गया है, सिर्फ दिखाने के लिए विगत दिनों मालवीय के द्वारा कुछ फाईलें पाण्डे को दी गई है लेकिन पूरा प्रभार अभी तक नहीं दिया गया है।
प्रभार नहीं देने से विभागीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं। जानकारों का कहना है कि प्रभार नहीं दिए जाने से रिकाॅर्ड में हेरफेर की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। विभाग के जिला अधिकारी सहायक आयुक्त के संज्ञान में पूरा प्रकरण होने के बाद भी ये आदेश का पालन नहीं करवा पा रही है, असहाय नजर आ रही हैं।
यह है आरोप पत्र में : उपायुक्त द्वारा जारी आरोप पत्र में जो गंभीर अनियमितताओं के आरोप है उनमें कन्या शिक्षा परिसर बाग में अध्ययनरत् कुल 403 छात्राओं की शिष्यावृत्ति राशि का भुगतान नहीं करना, कन्या शिक्षा परिसरों की सामग्री पूर्ति मद में प्राप्त आवंटन की राशि का व्यय दूसरे कार्याें के लिए कर दिया जाना एवं छात्राओं को शासन द्वारा प्रदाय की जाने वाली सुविधाओं के लाभ से वंचित करना, विशिष्ट संस्थाओं में अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं को गणवेश, स्टेशनरी, प्रसाधन सामग्री हेतु प्राप्त आवंटन का लाभ समयसीमा में नहीं दिलवाना जिससे छात्र छात्राओं द्वारा रैलियां धरना प्रदर्शन आदि किए गए.
अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम अंतर्गत राहत राशि स्वीकृत नहीं करवाना, अपने जिम्मे का प्रभार नवीन शाखा प्रभारियों को नहीं सौंपना तथा मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय कुक्षी में उपस्थित नहीं होना आदि प्रमुख है। इन सभी आरोपों के समर्थन में पर्याप्त आधारों एवं दस्तावेजों, गवाहों का भी उल्लेख आरोप पत्र में किया गया है। पीड़ितों ने निलंबित बाबू मालवीय के विरुद्ध विभागीय जांच कायम किए जाने की मांग की है।