जयपुर

हाईकोर्ट ने 3 IAS की सैलरी-पेंशन रोकी : तीसरा पे-स्केल लागू करने और एरियर का भुगतान आदेशों की पालना नहीं करने पर...!

paliwalwani
हाईकोर्ट ने 3 IAS की सैलरी-पेंशन रोकी : तीसरा पे-स्केल लागू करने और एरियर का भुगतान आदेशों की पालना नहीं करने पर...!
हाईकोर्ट ने 3 IAS की सैलरी-पेंशन रोकी : तीसरा पे-स्केल लागू करने और एरियर का भुगतान आदेशों की पालना नहीं करने पर...!

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अपने आदेशों की अवमानना के मामले में तीन IAS अधिकारियों- हेमंत गेरा, रिटायर्ड IAS राजेंद्र कुमार भट्ट और रिटायर्ड आईएएस ताराचंद मीणा की सैलरी-पेंशन रोकने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव को निजी रूप से कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया है.

दरअसल, कोर्ट ने साढ़े तीन साल पहले 9 याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला सुनाया था. इसमें तीसरा पे-स्केल लागू करने और एरियर का भुगतान करने के आदेश दिए गए थे. लेकिन लंबे समय तक इन आदेशों की पालना नहीं की गई, जिस पर कोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया है.

हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश दिनेश मेहता की सिंगल बेंच ने यह आदेश सुनाया है. कोर्ट के इन निर्देशों की पालना सुनिश्चित हो, इसके लिए आदेश की कॉपी राज्य के मुख्य सचिव को भेजने के लिए हाईकोर्ट रजिस्ट्री को भी निर्देशित किया गया है.

हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की उदयपुर जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त कार्यालय में मिनिस्ट्रियल स्टाफ के पदों पर कार्यरत रमेश चंद्र औदिच्य, किशनलाल वैष्णव और 7 अन्य कर्मचारियों ने वकील यशपाल खिलेरी के माध्यम से राजस्थान हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ताओं को 13 अगस्त 1987 से स्थायी करते हुए पहला और दूसरा चयनित वेतनमान दिया गया था, लेकिन तीसरे वेतनमान से वंचित कर दिया गया.

हाईकोर्ट का पहला आदेश हाईकोर्ट ने 23 सितंबर 2021 को याचिका स्वीकार करते हुए 27 वर्ष पर देय तृतीय चयनित वेतनमान की गणना 12 अगस्त 2014 से करने का आदेश दिया. कोर्ट ने तीन महीने के अंदर सभी फायदा और 31 मार्च 2022 तक एरियर का भुगतान करने के निर्देश दिए. लेकिन साढ़े तीन साल बीत जाने के बाद भी आदेशों की पालना नहीं की गई.

सरकार ने क्या तर्क दिया याचिकाकर्ताओं ने अवमानना याचिका दायर की. सरकारी वकील ने स्पेशल अपील लंबित होने का हवाला दिया, लेकिन वकील खिलेरी ने बताया कि यह अपील 2 अगस्त 2023 को ही खारिज हो चुकी थी और इस पर कोई स्टे आदेश भी नहीं था.

मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च 2025 हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन कार्मिक विभाग सचिव हेमंत गेरा, तत्कालीन संभागीय आयुक्त उदयपुर राजेंद्र कुमार भट्ट और तत्कालीन जिला कलेक्टर उदयपुर ताराचंद मीणा की सैलरी और पेंशन रोकने के आदेश दिए. साथ ही कोर्ट ने इस मामले से जुड़े सभी जिम्मेदार कर्मचारियों की सूची मांगी है. मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च 2025 को होगी.

बता दें कि हेमंत गेरा वर्तमान में रेवेन्यू बोर्ड के चेयरमैन हैं. वहीं राजेंद्र भट्ट उदयपुर में संभागीय आयुक्त के पद से 31 अगस्त 2024 को रिटायर हुए. ताराचंद मीणा भी उदयपुर में कलेक्टर रहे, 20 मार्च 2024 को उनका VRS मंजूर हुआ और वे सेवाओं से मुक्त हुए. मीणा ने उदयपुर से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन हार गए.

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