जयपुर
परशुराम ज्ञानपीठ का मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किया उद्घाटन
चंद्रशेखर मेहता
संस्थान वैदिक ज्ञान और संस्कृति का करेगा संवर्धन
चंद्रशेखर मेहता की कमल से...
जयपुर. आज श्री गणपति सरस्वती और भगवान श्री परशुरामजी की पूजा के साथ परशुराम ज्ञानपीठ के उद्घाटन कार्यक्रम यज्ञ की पूर्णाहुति के साथ संपन्न हुआ. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मानसरोवर स्थित शिप्रा पथ पर बने परशुराम ज्ञानपीठ (सेंटर फॉर एक्सीलेंस एंड रिसर्च) का उद्घाटन किया.
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह केंद्र आने वाले समय में शिक्षा और संस्कार की गंगा बहाने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और वैदिक ज्ञान के संरक्षण एवं संवर्धन का केंद्र बनेगा. मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार सर्व समाज के अंत्योदय की भावना से काम कर रही है, जिससे हर जरूरतमंद तक योजनाओं का लाभ पहुंचे.
उन्होंने बताया कि सरकार ने बिजली, पानी, शिक्षा और उद्योग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ठोस निर्णय लिए हैं, जिनका लाभ सीधे आमजन तक पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि राजस्थान को मजबूत, आत्मनिर्भर और समृद्ध प्रदेश बनाने के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है और ऐसे संस्थानों का योगदान राज्य के सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
इस कार्यक्रम के प्रारंभ में शुक्रवार को 460 समाज सेवी और भामाशाहो को सम्मानित किया गया. रात मे भजन संध्या का आयोजन किया गया. शनिवार को विप्र फाउंडेशन द्वारा राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित हुआ. जिसमें विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय संस्थापक संयोजक सुशील ओझा कोलकाता, अरुण चतुर्वेदी, विधायक बालमुकुंदाचार्य, गोपाल शर्मा, वनमंत्री संजय शर्मा आदि ने संबोधित किया.
राधेश्याम शर्मा गुरूजी, पूर्व डीजीपी. ओमेन्द्र भारद्वाज, शत्रुघ्न गौतम आदि उपस्थित थे. ओजस्वी संचालन सतीश शर्मा ने किया. इस आयोजन में प्रतापगढ़ जिले से विप्र फाउंडेशन की टीम के 50 सदस्यों ने भाग लिया. इस अवसर पर सर्वसमाज की विशेष सेवाओं के लिये सुशील ओझा को अर्जन-सर्जन की ओर से ऊपरणा ओढ़ाकर विप्र फाउंडेशन के संरक्षक चंद्रशेखर मेहता ने सम्मानित किया.
विप्र फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र पालीवाल, कर्नल राजेश शर्मा सम्पादक आदि शामिल थे. विशेषता यह रही कि कार्यक्रम का प्रारंभ राष्ट्रीय गीत से स्वामी प्रकाशदास द्वारा कराया गया.





