इंदौर
indoremeripehchan : नगर निगम पर EOW का 'सर्जिकल स्ट्राइक' : आयुक्त ने तत्काल प्रभाव से किया निलंबित
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भ्रष्ट अधिकारियों का अड्डा बनता निगम
इंदौर.
ईओडब्ल्यू के छापों में करोड़ों की संपत्ति मिलने के बाद इंदौर नगर निगम के सहायक उद्यान अधिकारी चेतन पाटिल को बर्खास्त कर दिया गया है. इंदौर नगर निगम में सहायक उद्यान अधिकारी चेतन पाटिल की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) के छापे के बाद निगमायुक्त शिवम वर्मा ने यह आदेश जारी कर दिया है.
- इंदौर नगर निगम में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए, पुलिस आर्थिक अपराध इकाई EOW इंदौर ने नगर निगम के उद्यान अधिकारी चेतन पाटिल को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की सिफारिश की है. पाटिल पर आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, जिसके बाद नगर निगम ने उन्हें सेवा से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
यह कार्रवाई E.O.W. इंदौर द्वारा नगर निगम आयुक्त को भेजे गए पत्र क्रमांक ई-कोर्ट/ई-अपराध क्रमांक 100/25/3469/25, दिनांक 18.06.2025 के आधार पर की गई है. पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि श्री चेतन पाटिल, जो नगर पालिका निगम, इंदौर में उद्यान अधिकारी/उपायुक्त (स्थापना/बिल/उद्यान) के पद पर कार्यरत हैं, उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण धाराओं के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है.
EOW के अनुसार, श्री चेतन पाटिल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसके बाद उनके निवास और नगर निगम मुख्यालय के उद्यान विभाग में आकस्मिक छापा मारा गया. इस छापे के दौरान की गई कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि पाटिल द्वारा किया गया कृत्य एक गंभीर भ्रष्टाचार है और इससे नगर निगम की छवि धूमिल हुई है.
EOW की रिपोर्ट और तथ्यों के आधार पर, नगर निगम आयुक्त ने चेतन पाटिल, विनिर्मित कर्मी, उद्यान विभाग की सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी किया है. यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा. यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है और संकेत देती है कि भविष्य में भी इस तरह की कार्रवाई जारी रह सकती है.
मस्टरकर्मी से उद्यान प्रभारी बना चेतन पाटिल निकला करोड़ों का आसामी, कई बड़े घोटाले होंगे उजागर...!
EOW Raid Indore: नगर निगम में मस्टर कर्मी से उद्यान विभाग प्रभारी बने चेतन पाटिल के पास उसकी आय से 175 प्रतिशत अधिक सम्पत्ति मिली है. यह सम्पत्ति उसने निगम में 20 साल में नौकरी के दौरान काली कमाई कर जुटाई. मस्टरकर्मी के तौर पर भर्ती हुए पाटिल ने इन 20 वर्षों में करीब 15 से 17 लाख रुपए वेतन निगम से प्राप्त किया और उसके पास 1.85 करोड़ की सम्पत्ति मिली है.
यह खुलासा मंगलवार को ईओडब्ल्यू की छापामार कार्रवाई में हुआ. काली कमाई का यह आंकड़ा अभी और भी बढ़ने की संभावना है, वहीं पौधा खरीदी सहित अन्य आर्थिक अनियमितता के मामलों का भी जल्द खुलासा हो सकता है. दरअसल ईओडब्ल्यू की दो टीमों ने मंगलवार को पाटिल के घर और दफ्तर पर छापा मारा.
ईओडब्ल्यू को आय से अधिक सम्पति होने की शिकायत मिली थी. इसकी जांच में प्रमाणित हुआ था कि पाटिल ने निगम में रहकर कई तरह के घोटाले और भ्रष्टाचार किया है. टीम ने कोर्ट की प्रक्रिया का पालन कर सर्च वारंट प्राप्त किया और मंगलवार 17 जून 2025 की सुबह घर-दफ्तर पर छापामार कार्रवाई की.
टीम सबसे पहले सुबह 5 बजे पाटिल के गुलमोहर कॉलोनी स्थित घर पहुंची. यहां से नगदी, आभूषण, बीमा पालिसी, बैंक लॉकर, जमीन और मकान संबंधित दस्तावेज मिले. दूसरी टीम ने 9 बजे निगम मुख्यालय स्थित उद्यान विभाग के दफ्तर पर छापा मारा और उसे सील कर दिया.
जब्त फाइलों में भी आर्थिक अनियमितताओं की आशंका
बाहर सुरक्षा बल तैनात कर दिया दोपहर बाद पाटिल की मौजूदगी में दफ्तर से दस्तावेज और फाइलों को जब्त कर लिया. इन फाइल में भी बड़े तौर पर आर्थिक अनियमितताएं होने के प्रमाण मिलने की आशंका है.
इतनी संपत्ति मिली
1. भानगढ़ गुलमोहर ग्रीन कॉलोनी में दो प्लॉट, (अनुमानित कीमत) 28,60,000/-.
2. तीन मंजिला भवन, (अनुमानित कीमत): 42,00,000/-.
3. प्लॉट पर निर्माण (अनुमानित कीमत): 11,60,000/-.
4. एक स्कूटी (अनुमानित कीमत): 52,000/-.
5. मां के बैंक खाते में जमा राशि: 40,33,100/-.
6. सोने के आभूषण: 10,00,000/-.
7. अन्य खर्च: 13,00,000/-.
8. नगद राशि: 1,14,400/-.
9. 17 बीमा पॉलिसी (अनुमानित कीमत): 25,00,000/-.
घर पर मिली 1.85 करोड़ की सम्पत्ति
ईओडब्ल्यू एसपी आरएस यादव के मुताबिक पाटिल के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति की शिकायत मिली थी, इस पर जांच के बाद केस दर्ज किया. आय से अधिक सम्पत्ति के प्रमाण मिले हैं. 20 वर्षो में पाटिल को अनुमानित 15 लाख वेतन मिला, लेकिन ईओडब्ल्यू की टीम ने जब उनके घर पर सर्च कार्रवाई की तो वहां 1.85 करोड़ रुपए की सम्पत्ति मिली. इसके अलावा पाटिल के खिलाफ पौधा खरीदी में 4 करोड़ रुपए के घोटाले के संबंध में भी शिकायत मिली है. इसकी पृथक से जांच की जा रही है.