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इंदौर: 200 साल पुराने ऐतिहासिक मंदिर में विवाह समारोह के आयोजन पर बवाल, मैनेजर सस्पेंड

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इंदौर: 200 साल पुराने ऐतिहासिक मंदिर में विवाह समारोह के आयोजन पर बवाल, मैनेजर सस्पेंड
इंदौर: 200 साल पुराने ऐतिहासिक मंदिर में विवाह समारोह के आयोजन पर बवाल, मैनेजर सस्पेंड

MP News: मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक विरासत से जुड़े एक मंदिर में विवाह समारोह के आयोजन पर बवाल के बाद मैनेजर को सस्पेंड कर दिया गया। इंदौर में करीब 200 साल पुराने गोपाल मंदिर में विवाह समारोह के आयोजन पर बवाल मच गया। होलकर कालीन जिस ऐतिहासिक गोपाल मंदिर को स्मार्ट सिटी कंपनी ने करोड़ों रुपये खर्च कर संवारा, उस आस्था के केंद्र को रविवार को मैरिज गार्डन के रूप में तब्दील किया गया। इधर सोमवार को संभागायुक्त इंदौर दीपक सिंह ने गोपाल मंदिर इंदौर के प्रबंधक के. एल. कौशल की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी हैं। वहीं डिप्टी कलेक्टर विनोद राठौर को भी प्रभारी पद से हटा दिया गया है।

आस्था के साथ खिलवाड़ करते हुए वहां न सिर्फ शादी हुई, बल्कि मेहमानों का शाही भोज भी आयोजित किया गया। प्रशासन के धर्मस्व विभाग के अफसरों ने नियमों को ताक में रखकर इस आयोजन की अनुमति दी। इस घटनाक्रम पर शहर में हल्ला मचने पर जिम्मेदार अधिकारी जागे और जांच के आदेश दिए।

मैरिज गार्डन की तरह उपयोग

गर्भगृह के सामने हवन कुंड और मंडप बनाया गया। मंदिर के गलियारे में सोफे रखे गए और भोजन पकाने और मेहमानों को परोसने की शाही व्यवस्था करके मंदिर परिसर को किसी मैरिज गार्डन की तरह इस्तेमाल किया गया। मंदिर के बाहर मेहमानों के लिए की गई बेरिकेडिंग से भक्तों को मंदिर तक पहुंचने में परेशानी हुई।

अधिकारियों ने बताया कि इंदौर के राजबाड़ा क्षेत्र के उस गोपाल मंदिर में रविवार को एक विवाह समारोह आयोजित किया गया। इस मंदिर का केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत करीब 13 करोड़ रुपये की लागत से पुनरुद्धार किया गया है। चश्मदीदों के मुताबिक, इस समारोह के लिए मंदिर परिसर में विशेष साज-सज्जा की गई और वैदिक पद्धति से शादी की रस्में अदा किए जाने के साथ ही मेहमानों के लिए भोज का इंतजाम किया गया।

मंदिर में आयोजन से आम भक्तों को दर्शन में परेशानी हुई

स्थानीय लोगों का आरोप है कि भगवान कृष्ण के ऐतिहासिक मंदिर में इस आयोजन से आम भक्तों को दर्शन में परेशानी हुई और मंदिर परिसर के आस-पास यातायात बाधित हुआ। मंदिर में विवाह समारोह के आयोजन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही हैं। लोग कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए सवाल कर रहे हैं कि शहर की ऐतिहासिक विरासत से जुड़े इस मंदिर में विवाह समारोह के आयोजन को मंजूरी आखिर कैसे दे दी गई?

मंदिर में विवाह समारोह के आयोजन की एक रसीद भी सामने आई

सोशल मीडिया पर एक कथित रसीद भी सामने आई है, जिसमें इस मंदिर का प्रबंधन करने वाले ‘संस्थान श्री गोपाल मंदिर’ को विवाह समारोह के संबंध में राजकुमार अग्रवाल नाम के व्यक्ति की ओर से 25,551 रुपये का भुगतान किए जाने का जिक्र है। सरकारी सील वाली इस रसीद पर 29 जुलाई 2024 की तारीख दर्ज है।

विवाह समारोह की जानकारी मिलने पर ADM को मामले की जांच का आदेश

अधिकारियों ने बताया कि गोपाल मंदिर में रविवार को हुए विवाह समारोह की जानकारी मिलने पर एक ADM को इस मामले की जांच का आदेश दिया गया है। उन्होंने बताया कि इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) दीपक सिंह ने गोपाल मंदिर के प्रबंधक की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी हैं और राजस्व महकमे के एक अनुविभागीय अधिकारी से ऐसे देवालयों से जुड़ी सरकारी इकाई का प्रभार छीन लिया है। अधिकारियों के अनुसार, सिंह ने जिला प्रशासन को गोपाल मंदिर के प्रबंधन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश तय करने के लिए हाई लेवल कमेटी बनाने के निर्देश भी दिए हैं।

इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड के CEO दिव्यांक सिंह ने बताया कि 19वीं शताब्दी के होलकरकालीन गोपाल मंदिर का स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत पुनरुद्धार किया गया है और इस पर करीब 13 करोड़ रुपये की लागत आई है। इतिहासकार जफर अंसारी ने बताया कि गोपाल मंदिर का निर्माण तत्कालीन होलकर राजवंश की राजमाता कृष्णा बाई होलकर ने वर्ष 1832 में 80,000 रुपये की लागत से कराया था। उन्होंने कहा, ‘‘गोपाल मंदिर होलकरों के शासन के दौरान खासकर परमार्थ गतिविधियों का बड़ा केंद्र रहा था। इस मंदिर में विवाह समारोह का आयोजन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे आयोजनों से इस ऐतिहासिक विरासत को नुकसान पहुंच सकता है।’’

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