इंदौर
निगम अपडेट : साढ़े 6 हजार सम्पत्तिधारकों ने उठाया लाभ : 24 घंटे में कमाए 20 करोड़ : निगम कर्मचारियों पर लगातार मानसिक दबाव
Ayush Paliwalइंदौर. नगरीय प्रशासन विभाग ने इंदौर सहित प्रदेशभर में सम्पत्ति-जलकर के बकायादारों को 31 अगस्त 2021 तक अधिभार में दी गई छूट का लाभ बकायादारों ने खुब उठाया. नगर पालिक निगम इंदौर ने अंतिम दिन 20 करोड़ रुपए से ज्यादा कमा लिए, जिसमें सबसे अधिक 5 करोड़ 18 लाख रुपए की राशि इंदौर विकास प्राधिकरण ने जमा की. 24 घंटे में ही 6 हजार 500 सम्पत्तिधारकों ने यह छूट का लाभ लिया. अभी तक निगम 120 करोड़ रुपए से अधिक का सम्पत्तिकर इस वित्त वर्ष में अर्जित कर चुका हैं. 3 जून 2021 को शासन ने नगरीय निकायों के विभिन्न करों में छूट देने का निर्णय लिया था, जिसका लाभ कई करदाताओं ने उठाया, क्योंकि 100 फीसदी तक अधिभार में छूट मिल रही थी. इसमें 50 हजार रुपए से अधिक की बकाया राशि पर 100 फीसदी और 1 लाख रुपए तक की बकाया राशि पर 50 और उससे अधिक की राशि के बकायादारों को 25 फीसदी छूट मिली. निगमायुक्त प्रतिभा पाल के अनुसार कल छूट के आखिरी दिन साढ़े 6 हजार सम्पत्तिधारकों ने इसका लाभ उठाया और नगर निगम के खजाने में 20 करोड़ से ज्यादा का राजस्व जमा हुआ. बता दे कि इस वर्ष अभी तक 140 करोड़ रुपए से अधिक की राशि निगम खजाने में जमा हुई है, जिसमें 120 करोड़ रुपए सम्पत्तिकर के ही जमा हुए हैं. अपर आयुक्त राजस्व भव्या मित्तल द्वारा लगातार की जा रही मॉनीटरिंग और सख्ती का भी यह परिणाम रहा कि गत वर्ष की तुलना में अभी तक 20 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व निगम को मिल चुका है. 24 घंटे में ही लगभग 20 करोड़ रुपए निगम के खजाने में जमा हुए. निगम मुख्यालय में पदस्थ एआरओ अरविन्द नायक के मुताबिक 5 करोड़ 18 लाख रुपए की बड़ी राशि इंदौर विकास प्राधिकरण ने भी सम्पत्तिकर की जमा करवाई हैं. वहीं अधिभार की छूट सम्पत्तिकर धारकों ने ली. जनता ने जलकर के साथ-साथ अपना बकाया कचरा संग्रहण शुल्क भी जमा कर दिया. इसके चलते कल ही जलकर के 1371 उपभोक्ताओं ने 52 लाख 35 हजार रुपए की राशि जमा की तो इसी तरह 17 लाख 49 हजार रुपए की राशि कचरा संग्रहण शुल्क के रूप में भी निगम को प्राप्त हुई. 20 करोड़ रुपए सम्पत्तिकर के कमाने के साथ ही निगम ने 24 घंटे में 70 लाख रुपए की राशि जलकर और कचरा शुल्क की भी हासिल कर ली. जो निगम में एक रिकार्ड हैं. इसके बावजूद निगम के आला अधिकारी निगम कर्मचारियों पर लगातार दबाव बनाएं हैं. जिसके चलते कई कर्मचारी मानसिक रूप से तनाव में भी काम कर हैं. जिसकी चिंता किसी भी संगठन से लेकर निगम आयुक्त को नहीं हैं.